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रिमोट सेंसिंग क्या है? कार्यक्षेत्र के आधार पर इसका वर्गीकरण दीजिए। रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोग की सीमा क्या है?
रिमोट सेंसिंग: परिभाषा और वर्गीकरण रिमोट सेंसिंग क्या है? रिमोट सेंसिंग एक तकनीक है जिसके माध्यम से पृथ्वी की सतह की जानकारी दूरस्थ उपकरणों के माध्यम से प्राप्त की जाती है। इसमें उपग्रहों, विमानों, और ड्रोन पर लगे सेंसर का उपयोग कर चित्र और अन्य डेटा एकत्र किए जाते हैं। यह तकनीक न केवल भूमि उपयोग कीRead more
रिमोट सेंसिंग: परिभाषा और वर्गीकरण
रिमोट सेंसिंग क्या है?
रिमोट सेंसिंग एक तकनीक है जिसके माध्यम से पृथ्वी की सतह की जानकारी दूरस्थ उपकरणों के माध्यम से प्राप्त की जाती है। इसमें उपग्रहों, विमानों, और ड्रोन पर लगे सेंसर का उपयोग कर चित्र और अन्य डेटा एकत्र किए जाते हैं। यह तकनीक न केवल भूमि उपयोग की निगरानी करती है, बल्कि पर्यावरणीय, भूगर्भीय और अन्य प्रकार की जानकारी भी प्रदान करती है।
कार्यक्षेत्र के आधार पर वर्गीकरण
रिमोट सेंसिंग को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोग की सीमा
रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग अत्यधिक विविध हैं:
रिमोट सेंसिंग की तकनीक ने आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसके अनुप्रयोग की सीमा निरंतर बढ़ रही है।
See lessहाइड्रोजन परमाणु के लिए बोहर मॉडल के अभिधारणाओं की व्याख्या कीजिए।
परिचय: 1913 में नील्स बॉहर द्वारा प्रस्तुत किया गया हाइड्रोजन परमाणु का मॉडल, परमाणु सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह मॉडल परमाणुओं की स्थिरता और हाइड्रोजन के विशेष वर्णक्रम को समझाने में सहायक था। बॉहर मॉडल के अभिधारणाएँ: क्वांटाइज्ड ऑर्बिट्स: विवरण: इलेक्ट्रॉन केवल कुछ विशिष्ट स्थिर पथों (ऑर्Read more
परिचय: 1913 में नील्स बॉहर द्वारा प्रस्तुत किया गया हाइड्रोजन परमाणु का मॉडल, परमाणु सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह मॉडल परमाणुओं की स्थिरता और हाइड्रोजन के विशेष वर्णक्रम को समझाने में सहायक था।
बॉहर मॉडल के अभिधारणाएँ:
L=nℏ द्वारा व्यक्त किया जाता है, जहाँ
n एक सकारात्मक पूर्णांक (क्वांटम संख्या) है और
ℏ प्लांक स्थिरांक है।
n की अवधारणा को भी पेश करती है, जो ऑर्बिट के आकार और ऊर्जा को निर्धारित करती है।
निष्कर्ष: बॉहर का मॉडल, जिसमें क्वांटाइज्ड ऑर्बिट्स, ऊर्जा स्तरों, कोणीय संवेग का क्वांटाइजेशन और राइडबर्ग सूत्र शामिल हैं, परमाणु सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण उन्नति थी। यह अभिधारण हाइड्रोजन परमाणु की स्थिरता और उसके वर्णक्रमीय रेखाओं को समझने में सहायक हैं। बॉहर मॉडल की अवधारणाएँ आज भी आधुनिक वैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों में महत्वपूर्ण हैं, जैसे क्वांटम डॉट्स, MRI, और लेजर स्पेक्ट्रोस्कोपी।
See less'TIFR' के बारे में संक्षिप्त विवरण दीजिए।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) परिचय टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), मुंबई, भारत में स्थित एक प्रमुख शोध संस्थान है। इसकी स्थापना 1945 में की गई थी। TIFR को भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीवविज्ञान, गणित, और कंप्यूटर विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान के लिए जाना जाताRead more
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR)
परिचय टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR), मुंबई, भारत में स्थित एक प्रमुख शोध संस्थान है। इसकी स्थापना 1945 में की गई थी। TIFR को भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीवविज्ञान, गणित, और कंप्यूटर विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान के लिए जाना जाता है। यह संस्थान ज.R.D. टाटा के नाम पर स्थापित किया गया था, जो इसके संस्थापक थे।
मुख्य कार्य और उपलब्धियाँ
महत्व TIFR भारत और वैश्विक स्तर पर मौलिक वैज्ञानिक अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके योगदान सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक विज्ञान में फैले हुए हैं, जो प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, और पर्यावरण विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव डालते हैं। संस्थान का अंतर्विषयक अनुसंधान और वैश्विक वैज्ञानिक समुदायों के साथ सहयोग इसकी प्रमुखता को दर्शाता है।
निष्कर्ष टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) एक प्रमुख शोध संस्थान के रूप में उभरता है, जो वैज्ञानिक उत्कृष्टता और नवाचार का प्रतीक है। इसके कठोर अनुसंधान कार्यक्रमों, शैक्षिक पहलों, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से, TIFR मौलिक विज्ञान की उन्नति और भविष्य के वैज्ञानिक नेताओं के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान करता है।
See lessM-कोश (कक्षा) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या क्या होगी?
M-कोश (कक्षा) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या M-कोश, जिसे कक्षा 3 भी कहा जाता है, के लिए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या की गणना करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जाता है: अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या=2n2\text{अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या} = 2n^2 अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या=2n2 जहाँ nnRead more
M-कोश (कक्षा) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या
M-कोश, जिसे कक्षा 3 भी कहा जाता है, के लिए इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या की गणना करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जाता है:
अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या=2n2
जहाँ
n कक्षा का प्राथमिक क्वांटम नंबर है। M-कोश के लिए
n=3 होता है।
गणना:
n=3
इसलिए,
अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या=2×(3)2=2×9=18
निष्कर्ष:
M-कोश (कक्षा 3) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 18 होती है।
See lessरासायनिक परिवर्तन के उदाहरण दीजिए।
रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन हैं जिनमें एक या अधिक पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है और नए पदार्थ बनते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यतः रंग परिवर्तन, तापमान परिवर्तन, गैस का निर्माण, या अवक्षिप्तता का निर्माण होता है। यहाँ कुछ प्रमुख रासायनिक परिवर्तनों के उदाRead more
रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण
रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन हैं जिनमें एक या अधिक पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है और नए पदार्थ बनते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यतः रंग परिवर्तन, तापमान परिवर्तन, गैस का निर्माण, या अवक्षिप्तता का निर्माण होता है। यहाँ कुछ प्रमुख रासायनिक परिवर्तनों के उदाहरण दिए गए हैं:
1. जलन (Combustion)
उदाहरण: लकड़ी का जलना
2. जंग लगना (Rusting)
उदाहरण: लोहा और स्टील की जंग
3. फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis)
उदाहरण: पौधों द्वारा भोजन निर्माण
4. अम्ल-क्षार प्रतिक्रिया (Neutralization Reaction)
उदाहरण: मास्टर के घर की सफाई
5. किण्वन (Fermentation)
उदाहरण: खमीर द्वारा शराब बनाना
6. हाइड्रोजन पेरोक्साइड का अपघटन (Decomposition of Hydrogen Peroxide)
उदाहरण: घावों की सफाई
7. बैटरी का कार्य (Battery Operation)
उदाहरण: लिथियम-आयन बैटरी
8. बेकिंग (Baking)
उदाहरण: ब्रेड बनाना
निष्कर्ष
रासायनिक परिवर्तन जीवन की अनेक गतिविधियों में शामिल होते हैं, जैसे खाना पकाना, साफ-सफाई, और औद्योगिक प्रक्रियाएँ। ये परिवर्तन न केवल सामग्री की रासायनिक संरचना को बदलते हैं, बल्कि नए पदार्थ और ऊर्जा भी उत्पन्न करते हैं। इन परिवर्तनों को समझना और नियंत्रित करना विभिन्न उद्योगों और दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है।
See lessएक रूलर को मुक्त-पतन के तहत गिराया जाता है। इस रूलर द्वारा 21 सेमी की दूरी तय की जाती है। प्रतिक्रिया समय को सेकण्ड में ज्ञात कीजिए।
मुक्त-पतन और प्रतिक्रिया समय: एक गणना प्रस्तावना: मुक्त-पतन (Free Fall) की स्थिति में कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गिरती है और गति की गणना के लिए हम कुछ बुनियादी फिजिक्स के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। यहां पर हमें प्रतिक्रिया समय निकालने के लिए दी गई दूरी (21 सेंटीमीटर) का उपयोगRead more
मुक्त-पतन और प्रतिक्रिया समय: एक गणना
प्रस्तावना:
मुक्त-पतन (Free Fall) की स्थिति में कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गिरती है और गति की गणना के लिए हम कुछ बुनियादी फिजिक्स के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। यहां पर हमें प्रतिक्रिया समय निकालने के लिए दी गई दूरी (21 सेंटीमीटर) का उपयोग करना है।
मुक्त-पतन की गणना:
d=21gt2जहां d गिरने की दूरी है, g गुरुत्वाकर्षण का त्वरण (जो लगभग 9.8 मीटर प्रति सेकंड² है), और t समय है जिसे हमें निकालना है।
0.21=21×9.8×t2 0.21=4.9×t2 t2=4.90.21 t2≈0.0429 t≈0.0429 t≈0.21 सेकंड
निष्कर्ष:
इस प्रकार, जब रूलर को मुक्त-पतन के तहत गिराया जाता है और वह 21 सेंटीमीटर की दूरी तय करता है, तो प्रतिक्रिया समय लगभग 0.21 सेकंड होता है।
हाल की जानकारी:
यह गणना सामान्य परिस्थितियों पर आधारित है और वास्तविक जीवन में विभिन्न कारकों जैसे वायु प्रतिरोध आदि को ध्यान में रखा जा सकता है। हालांकि, उत्तरदाताओं के लिए यह गणना एक मूलभूत भौतिकी अवधारणा को समझने में सहायक है।
See lessविद्युत धारा की एस०आई० इकाई क्या है?
विद्युत धारा की एस.आई. इकाई अंपियर (Ampere) है, जिसे संक्षिप्त रूप में A के रूप में दर्शाया जाता है। अंपियर (Ampere) विद्युत धारा की माप की बुनियादी इकाई है और इसका परिभाषा निम्नलिखित है: एक अंपियर उस धारा की मात्रा है जो एक कंडक्टर में तब प्रवाहित होती है जब दो परिपथों के बीच एक वोल्टेज अंतर 1 वोल्Read more
विद्युत धारा की एस.आई. इकाई अंपियर (Ampere) है, जिसे संक्षिप्त रूप में A के रूप में दर्शाया जाता है।
अंपियर (Ampere) विद्युत धारा की माप की बुनियादी इकाई है और इसका परिभाषा निम्नलिखित है:
धारा की माप के लिए अंपियर का उपयोग इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों में किया जाता है, और यह विद्युत नेटवर्क, उपकरणों, और सर्किट डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See lessविरंजक चूर्ण के उपयोग लिखिए।
विरंजक चूर्ण एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख उपयोग दिए गए हैं: पाचन सुधारना: विरंजक चूर्ण पाचन तंत्र को सुधारने और पेट संबंधी समस्याओं जैसे कि अपच, गैस, और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। सर्वांगिक शारीरिक बलवर्धनRead more
विरंजक चूर्ण एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख उपयोग दिए गए हैं:
सदाहरण के लिए, इसे आप गर्म पानी के साथ ले सकते हैं, या चिकित्सक के निर्देशानुसार उपयोग कर सकते हैं। किसी भी औषधि का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा उचित होता है।
See lessउत्तल दर्पण के उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तल दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जिसकी सतह बाहर की ओर उगती होती है, यानी इसका आंतरिक कोण सकारात्मक होता है। इसके उपयोगों का वर्णन निम्नलिखित है: दृष्टि सुधारने के लिए: उत्तल दर्पण का प्रयोग दृष्टि सुधारने के लिए किया जा सकता है। जैसे कि दृष्टिहीनता या दृष्टिकोण सुधारने के लिए, जब व्यक्ति दर्पणRead more
उत्तल दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जिसकी सतह बाहर की ओर उगती होती है, यानी इसका आंतरिक कोण सकारात्मक होता है। इसके उपयोगों का वर्णन निम्नलिखित है:
इन विभिन्न उपयोगों के माध्यम से, उत्तल दर्पण विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझाने और कई क्षेत्रों में सहायक साबित होता है।
See lessनिर्वात. में प्रकाश की गति कितनी होती है? क्या यह अलग-अलग माध्यमों के लिए अलग-अलग होती है?
प्रकाश की गति निर्वात में और विभिन्न माध्यमों में 1. निर्वात में प्रकाश की गति निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड (m/s) होती है, जिसे आमतौर पर "3 x 10^8 मीटर प्रति सेकंड" के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह ब्रह्मांड की एक बुनियादी स्थिरांक है और इसका प्रतिनिधित्व "c" सRead more
प्रकाश की गति निर्वात में और विभिन्न माध्यमों में
1. निर्वात में प्रकाश की गति
निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड (m/s) होती है, जिसे आमतौर पर “3 x 10^8 मीटर प्रति सेकंड” के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह ब्रह्मांड की एक बुनियादी स्थिरांक है और इसका प्रतिनिधित्व “c” से किया जाता है। यह गति सबसे बड़ी और निरंतर होती है और इसके द्वारा अन्य भौतिक प्रक्रियाओं की गणना की जाती है।
2. विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की गति
प्रकाश की गति विभिन्न माध्यमों में अलग-अलग होती है क्योंकि प्रकाश की तरंगें माध्यम के कणों से टकराती हैं, जिससे गति में बदलाव होता है। यह परिवर्तन माध्यम की अपवर्तनांक (refractive index) पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक n को निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है:
n=vc
जहां:
उदाहरण:
हाल के उदाहरण:
इस प्रकार, प्रकाश की गति निर्वात में सर्वोच्च होती है और विभिन्न माध्यमों में इसके गति में परिवर्तन होता है, जो उनके अपवर्तनांक पर निर्भर करता है।
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