Answer the question in maximum 15 to 20 words. This question carries 03 marks. [MPPSC 2023] What falls under the purview of civil society?
भारत में लोकपाल की शक्तियों एवं सीमाओं की समीक्षा परिचय लोकपाल की स्थापना 2013 में हुई थी, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और निपटान करना है। यह संस्था केंद्रीय सरकार और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है। लोकपाल का गठन भारत के संविधान में एक महत्वपूर्ण सुधारRead more
भारत में लोकपाल की शक्तियों एवं सीमाओं की समीक्षा
परिचय
लोकपाल की स्थापना 2013 में हुई थी, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और निपटान करना है। यह संस्था केंद्रीय सरकार और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है। लोकपाल का गठन भारत के संविधान में एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में किया गया था, जो पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
लोकपाल की शक्तियाँ
- अन्वेषण और जांच की शक्ति: लोकपाल भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने के लिए पूर्ण अधिकार रखता है। इसके तहत, लोकपाल सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों, और अन्य उच्च अधिकारियों की जांच कर सकता है। उदाहरण के लिए, साल 2022 में लोकपाल ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की।
- सजा की अनुशंसा: लोकपाल भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में दोषी पाए जाने पर सजा की अनुशंसा कर सकता है। इसके लिए लोकपाल रिपोर्ट तैयार करता है और संबंधित विभाग को भेजता है। उदाहरण के लिए, 2021 में लोकपाल ने राजीव गांधी फाउंडेशन से जुड़े एक मामले में सजा की अनुशंसा की थी।
- स्वतंत्रता और निष्पक्षता: लोकपाल की नियुक्ति और कार्यप्रणाली को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए इसे पूरी स्वतंत्रता दी गई है। यह स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकता है और किसी भी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होता।
लोकपाल की सीमाएँ
- न्यायिक शक्तियों की कमी: लोकपाल केवल अनुशंसा कर सकता है और उसे सीधे तौर पर दोषियों को सजा देने का अधिकार नहीं है। इसके लिए संबंधित विभाग या अदालत के आदेश की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, 2023 में, लोकपाल द्वारा की गई सजा की अनुशंसा के बावजूद, कई मामलों में कार्रवाई धीमी रही है।
- संसाधनों की कमी: लोकपाल के पास सीमित संसाधन होते हैं, जो उसकी प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मामलों की जांच और निपटान में देरी हो सकती है। 2022 में, लोकपाल ने संसाधनों की कमी के कारण कई मामलों को लंबित रखा।
- स्वीकृति की सीमाएँ: लोकपाल केवल केंद्रीय सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों की जांच कर सकता है, जबकि राज्य सरकारों और अन्य स्थानीय संस्थानों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की शक्तियाँ सीमित हैं। उदाहरण के लिए, 2024 में, राज्य सरकारों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में लोकपाल की सीमित शक्तियों की आलोचना की गई थी।
निष्कर्ष
लोकपाल एक महत्वपूर्ण संस्था है जो भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हालांकि, इसके शक्तियों और सीमाओं की समीक्षा से यह स्पष्ट होता है कि इसे और भी सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए सुधार की आवश्यकता है। संसाधनों की कमी और सीमित अधिकारों के बावजूद, लोकपाल की भूमिका भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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