प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों/5 से 6 पंक्तियाँ में दीजिए। यह प्रश्न 05 अंक का है। [MPPSC 2023] पृथ्वी की तीन अलग-अलग परतों पर टिप्पणी लिखें।
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना परिचय: उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी (Continental Crust) पृथ्वी की बाहरी परत का हिस्सा है जो महाद्वीपों के नीचे स्थित होती है। इसकी संरचना और गुणधर्म महाद्वीपीय भूपर्पटी की रचना और भूगर्भीय प्रक्रियाओं की समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी कीRead more
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना
परिचय:
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी (Continental Crust) पृथ्वी की बाहरी परत का हिस्सा है जो महाद्वीपों के नीचे स्थित होती है। इसकी संरचना और गुणधर्म महाद्वीपीय भूपर्पटी की रचना और भूगर्भीय प्रक्रियाओं की समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की प्रमुख विशेषताएँ:
- सामान्य संरचना: उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की औसत मोटाई लगभग 35 किलोमीटर होती है, जो महासागरीय भूपर्पटी की तुलना में अधिक होती है (महासागरीय भूपर्पटी की मोटाई औसतन 5-10 किलोमीटर होती है)। इसमें मुख्य रूप से सिलिकेट्स और एल्युमिनियम युक्त सामग्री होती है।
- रॉक प्रकार: उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी में प्रमुख रूप से तीन प्रकार की चट्टानें पाई जाती हैं:
- आइग्नस चट्टानें (Igneous Rocks): ये चट्टानें ठोस ज्वालामुखीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप बनती हैं, जैसे कि ग्रेनाइट और बासाल्ट।
- साधारण चट्टानें (Sedimentary Rocks): ये चट्टानें अन्य चट्टानों के टूटने और संकुलन से बनती हैं, जैसे कि शेल, बलुआ पत्थर और चूना पत्थर।
- मेटामॉर्फिक चट्टानें (Metamorphic Rocks): ये चट्टानें गर्मी और दबाव के प्रभाव से बदलती हैं, जैसे कि शिस्ट और क्वार्टजाइट।
- संरचना की विशेषताएँ: उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना में अक्सर आर्कियान, प्रोटेरोज़ोइक, और फेनोप्रोटेरोज़ोइक युग के पुराने चट्टानें शामिल होती हैं। ये चट्टानें भूपर्पटी की सबसे पुरानी परतों में से हैं और इनकी आयु अरबों वर्षों पुरानी हो सकती है।
हाल के उदाहरण और अनुसंधान:
- हिमालय और तिब्बती पठार: हिमालय क्षेत्र में उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना में स्पष्ट बदलाव देखे जा सकते हैं। यह क्षेत्र एक सक्रिय भूगर्भीय क्षेत्र है जहाँ भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव के कारण महाद्वीपीय भूपर्पटी का निर्माण और वर्धन हो रहा है।
- अफ्रीकी ग्रेट रिफ्ट वैली: अफ्रीकी ग्रेट रिफ्ट वैली में उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी के टुकड़े धीरे-धीरे अलग हो रहे हैं और नया महासागर बिस्तार हो रहा है। यह क्षेत्र महाद्वीपीय रिफ्टिंग और टेक्टोनिक गतिविधियों का अच्छा उदाहरण है।
- यूएसए का ग्रैंड कैन्यन: ग्रैंड कैन्यन में उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना और चट्टानों की परतें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। यह स्थल लाखों वर्षों की भूगर्भीय गतिविधियों का परिणाम है और उपरी भूपर्पटी की विविधता को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
उपरी महाद्वीपीय भूपर्पटी की संरचना एक जटिल और विविधतापूर्ण प्रणाली है जिसमें विभिन्न प्रकार की चट्टानें और भूगर्भीय प्रक्रियाएँ शामिल हैं। इसके अध्ययन से हमें पृथ्वी की भूगर्भीय विकास प्रक्रिया, महाद्वीपीय निर्माण, और विभिन्न भूगर्भीय गतिविधियों की गहरी समझ प्राप्त होती है।
See less
परिचय पृथ्वी की संरचना तीन प्रमुख परतों में विभाजित है, जो विभिन्न भौगोलिक और भूगर्भीय प्रक्रियाओं को प्रभावित करती हैं। ये परतें हैं: पपड़ी (Crust), मैंटल (Mantle), और कोर (Core)। इन परतों की विशेषताएँ और उनकी भूमिका पृथ्वी की भौगोलिक गतिविधियों को समझने में महत्वपूर्ण हैं। 1. पपड़ी (Crust) विवरण:Read more
परिचय
पृथ्वी की संरचना तीन प्रमुख परतों में विभाजित है, जो विभिन्न भौगोलिक और भूगर्भीय प्रक्रियाओं को प्रभावित करती हैं। ये परतें हैं: पपड़ी (Crust), मैंटल (Mantle), और कोर (Core)। इन परतों की विशेषताएँ और उनकी भूमिका पृथ्वी की भौगोलिक गतिविधियों को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
1. पपड़ी (Crust)
2. मैंटल (Mantle)
3. कोर (Core)
निष्कर्ष
पृथ्वी की तीन प्रमुख परतें—पपड़ी, मैंटल, और कोर—प्रत्येक की अपनी विशेषताएँ और भूमिकाएँ हैं। पपड़ी बाहरी परत है जो सतह की गतिविधियों और प्लेट टेक्टोनिक्स से संबंधित है; मैंटल भूगर्भीय प्रक्रियाओं और ज्वालामुखीय गतिविधियों को संचालित करता है; और कोर, जो मैग्नेटिक क्षेत्र उत्पन्न करता है और आंतरिक तापमान को नियंत्रित करता है। हाल के अध्ययन और उदाहरण इन परतों की विशेषताओं और उनके प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने में सहायक हैं, जो पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं को उजागर करते हैं।
See less