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NH, एक लुईस क्षार और BF, एक लुईस अम्ल क्यों है? समझाइए।
NH₃ एक लुईस क्षार और BF₃ एक लुईस अम्ल क्यों है? NH₃ (अमोनिया) को लुईस क्षार और BF₃ (बोरोन ट्राईफ्लोराइड) को लुईस अम्ल के रूप में क्यों माना जाता है, यह समझने के लिए हमें लुईस अम्ल-क्षार सिद्धांत की समीक्षा करनी होगी। इस सिद्धांत के अनुसार: लुईस क्षार: एक पदार्थ जो एक जोड़ी इलेक्ट्रॉन दान कर सकता है।Read more
NH₃ एक लुईस क्षार और BF₃ एक लुईस अम्ल क्यों है?
NH₃ (अमोनिया) को लुईस क्षार और BF₃ (बोरोन ट्राईफ्लोराइड) को लुईस अम्ल के रूप में क्यों माना जाता है, यह समझने के लिए हमें लुईस अम्ल-क्षार सिद्धांत की समीक्षा करनी होगी। इस सिद्धांत के अनुसार:
NH₃ (अमोनिया) एक लुईस क्षार
अमोनिया (NH₃) लुईस क्षार के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें नाइट्रोजन परमाणु पर एक अकेला इलेक्ट्रॉन युग्म होता है जिसे वह दान कर सकता है। इसके कारण:
हालिया उदाहरण: यूरिया का निर्माण अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड से होता है। इस प्रक्रिया में NH₃ एक लुईस क्षार के रूप में कार्य करता है, जो अपने इलेक्ट्रॉन युग्म को कार्बन डाइऑक्साइड के साथ जोड़कर एक नया यौगिक बनाता है। यह उर्वरक उत्पादन में महत्वपूर्ण है।
BF₃ (बोरोन ट्राईफ्लोराइड) एक लुईस अम्ल
बोरोन ट्राईफ्लोराइड (BF₃) लुईस अम्ल के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें आठ इलेक्ट्रॉन नहीं होते और यह इलेक्ट्रॉन युग्म स्वीकार कर सकता है। इसके कारण:
हालिया उदाहरण: फ्राइडल-क्राफ्ट्स अल्कीलेशन और एसीलेशन प्रतिक्रियाओं में BF₃ का उपयोग होता है। इन प्रतिक्रियाओं में BF₃ एक लुईस अम्ल के रूप में कार्य करता है, जो इलेक्ट्रॉन युग्म स्वीकार करके एक नई रसायनिक बंधन की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करता है। यह रसायन उद्योग में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
सारांश में, NH₃ एक लुईस क्षार है क्योंकि इसमें एक अकेला इलेक्ट्रॉन युग्म होता है जिसे वह दान कर सकता है, जबकि BF₃ एक लुईस अम्ल है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन की कमी होती है और यह एक इलेक्ट्रॉन युग्म स्वीकार कर सकता है। यह लुईस अम्ल-क्षार सिद्धांत रसायन विज्ञान में विभिन्न प्रतिक्रियाओं और प्रक्रियाओं की समझ के लिए महत्वपूर्ण है।
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