क्या कारण था कि औद्योगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैण्ड में घटी थी ? औद्योगीकरण के दौरान वहाँ के लोगों की जीवन-गुणता पर चर्चा कीजिये। भारत में वर्तमान में जीवन-गुणता के साथ वह किस प्रकार तुलनीय है ? (200 words) [UPSC 2015]
बालकन संकट (Balkan Crisis) 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोप में एक प्रमुख राजनीतिक संकट था, जिसने प्रथम विश्व युद्ध की परिस्थितियों को उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह संकट बालकन क्षेत्र में देशों की सीमा विवाद, राष्ट्रीयता की भावना, और बड़ी शक्तियों के बीच प्रतिकूल राजनीति के कारणRead more
बालकन संकट (Balkan Crisis) 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोप में एक प्रमुख राजनीतिक संकट था, जिसने प्रथम विश्व युद्ध की परिस्थितियों को उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह संकट बालकन क्षेत्र में देशों की सीमा विवाद, राष्ट्रीयता की भावना, और बड़ी शक्तियों के बीच प्रतिकूल राजनीति के कारण उत्पन्न हुआ।
बालकन संकट की शुरुआत 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में हुई जब ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य और ओटोमन साम्राज्य के विघटन के कारण बालकन क्षेत्र में कई छोटे राष्ट्र उभरने लगे। 1908 में ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य ने बोस्निया और हर्जेगोविना को अपने कब्जे में ले लिया, जिससे रूस और सर्बिया के साथ तनाव बढ़ गया। 1912-1913 के बालकन युद्धों के परिणामस्वरूप, बालकन क्षेत्र में नए राजनीतिक समीकरण बने और नए सर्बियन साम्राज्य के निर्माण ने क्षेत्रीय असंतोष को बढ़ावा दिया।
इन संकटों ने यूरोपीय शक्तियों के बीच तनाव को बढ़ाया और मिलिट्री गठबंधनों को मजबूत किया। विशेष रूप से, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य और सर्बिया के बीच का तनाव और सर्बिया के साथ रूस के सहयोग ने यूरोप में गहरे संघर्षों को जन्म दिया। इस तरह, बालकन संकट ने एक श्रृंखलाबद्ध संघर्ष की स्थिति उत्पन्न की, जो 1914 में प्रथम विश्व युद्ध का मुख्य कारण बनी।
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औद्योगिक क्रांति का इंग्लैण्ड में आरंभ **1. भौगोलिक और प्राकृतिक संसाधन औद्योगिक क्रांति इंग्लैण्ड में सबसे पहले घटी क्योंकि वहाँ कोयला और लौह अयस्क जैसे प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता थी। इन संसाधनों ने औद्योगिक मशीनों और ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की। इंग्लैण्ड की भौगोलिक स्थिति नेRead more
औद्योगिक क्रांति का इंग्लैण्ड में आरंभ
**1. भौगोलिक और प्राकृतिक संसाधन
औद्योगिक क्रांति इंग्लैण्ड में सबसे पहले घटी क्योंकि वहाँ कोयला और लौह अयस्क जैसे प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता थी। इन संसाधनों ने औद्योगिक मशीनों और ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की। इंग्लैण्ड की भौगोलिक स्थिति ने व्यापार मार्गों तक सुगम पहुंच प्रदान की, जिससे कच्चे माल के आयात और तैयार माल के निर्यात में मदद मिली।
**2. राजनीतिक और आर्थिक कारक
इंग्लैण्ड में स्थिर राजनीतिक वातावरण और अनुकूल आर्थिक नीतियाँ थीं, जिन्होंने नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित किया। बैंकिंग प्रणाली और पूंजी निवेश ने नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने में सहायता की। एन्क्लोजर एक्ट्स ने कृषि उत्पादकता को बढ़ाया और श्रमिकों को औद्योगिक कार्यों के लिए उपलब्ध कराया।
**3. प्रौद्योगिकी में नवाचार
इंग्लैण्ड में स्टीम इंजन (जेम्स वॉट द्वारा) और मेकनाइज्ड वस्त्र मशीनरी (स्पिनिंग जेननी जैसी) जैसे नवाचार हुए, जिन्होंने औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित किया।
औद्योगीकरण के दौरान जीवन-गुणता
**1. जीवित परिस्थितियाँ
औद्योगिकीकरण के प्रारंभिक चरणों में इंग्लैण्ड में जीवन-गुणता काफी कठिन थी। शहरीकरण के कारण अधिक आबादी, भीड़-भाड़ वाले आवास, और स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हुईं। श्रमिकों को लंबे घंटे और कम वेतन का सामना करना पड़ा। हालांकि, फैक्ट्री एक्ट्स और सामाजिक सुधारों ने समय के साथ परिस्थितियों में सुधार किया।
**2. आर्थिक लाभ
इन कठिनाइयों के बावजूद, औद्योगिक युग ने आर्थिक अवसरों में वृद्धि और जीवन स्तर में सुधार को बढ़ावा दिया, जैसा कि धन संचय और प्रौद्योगिकी में प्रगति के माध्यम से हुआ।
भारत में वर्तमान जीवन-गुणता की तुलना
**1. आर्थिक और सामाजिक प्रगति
आज भारत औद्योगिक और आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। यहाँ श्रम कानून जैसे फैक्ट्री एक्ट और श्रम मानक अधिनियम हैं, जो श्रमिकों की भलाई को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
**2. जीवन-गुणता
भारत में शहरीकरण और आधुनिकीकरण के बावजूद, अवसंरचना समस्याएँ, आय असमानता, और नौकरी की स्थिति जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। हालिया पहल जैसे मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया इन समस्याओं को संबोधित करने का प्रयास कर रही हैं।
**3. प्रौद्योगिकी में प्रगति
भारत ने प्रौद्योगिकी और औद्योगिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे जीवन-गुणता में सुधार हुआ है, लेकिन असमान विकास और सामाजिक भिन्नताओं को ध्यान में रखना आवश्यक है।
संक्षेप में, इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति के समय जीवन-गुणता कठिन थी, जबकि भारत आज की स्थितियों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, फिर भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
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