1956 में स्वेज़ संकट को पैदा करने वाली घटनाएँ क्या थीं? उसने एक विश्व शक्ति के रूप में ब्रिटेन की आत्म-छवि पर किस प्रकार अंतिम प्रहार किया ? (150 words) [UPSC 2014]
मुसोलिनी की विदेश नीति पर समीक्षात्मक टिप्पणी मुसोलिनी की विदेश नीति, फासीवादी सिद्धांतों से प्रेरित, आक्रमकता और साम्राज्यवाद पर आधारित थी। विस्तारवाद: मुसोलिनी ने इथियोपिया (1935) और अल्बानिया (1939) पर आक्रमण कर इटली के साम्राज्यवादी लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश की। रोम-बर्लिन धुरी: उसने नाजी जRead more
मुसोलिनी की विदेश नीति पर समीक्षात्मक टिप्पणी
मुसोलिनी की विदेश नीति, फासीवादी सिद्धांतों से प्रेरित, आक्रमकता और साम्राज्यवाद पर आधारित थी।
- विस्तारवाद: मुसोलिनी ने इथियोपिया (1935) और अल्बानिया (1939) पर आक्रमण कर इटली के साम्राज्यवादी लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश की।
- रोम-बर्लिन धुरी: उसने नाजी जर्मनी के साथ संधि की, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध की परिस्थितियाँ उत्पन्न हुईं और आंतरराष्ट्रीय अलगाव की स्थिति बनी।
- सैन्यिक हस्तक्षेप: स्पेनिश गृहयुद्ध (1936-1939) में इटली ने फ्रांको का समर्थन किया, जिससे इटली की सैन्य शक्ति और विदेश नीति का प्रभाव बढ़ा।
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: उसकी आक्रमक विदेश नीति ने आंतरराष्ट्रीय आलोचना और आर्थिक प्रतिबंधों को जन्म दिया, और अंततः युद्ध की परिस्थितियों को बढ़ावा दिया।
निष्कर्ष: मुसोलिनी की विदेश नीति ने इटली को अंतरराष्ट्रीय विवाद और युद्ध की ओर धकेल दिया, जिससे उसकी विदेश नीति की विफलता स्पष्ट हो गई।
See less
1956 का स्वेज़ संकट एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटना थी जो ब्रिटेन की विश्व शक्ति के रूप में आत्म-छवि को गहरा प्रभावित किया। स्वेज़ संकट को पैदा करने वाली घटनाएँ: स्वेज़ नहर का राष्ट्रीयकरण: मिस्र के राष्ट्रपति गामल अब्देल नासर ने स्वेज़ नहर को राष्ट्रीयकरण कर लिया, जो ब्रिटेन और फ्रांस के लिए एक महRead more
1956 का स्वेज़ संकट एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटना थी जो ब्रिटेन की विश्व शक्ति के रूप में आत्म-छवि को गहरा प्रभावित किया।
स्वेज़ संकट को पैदा करने वाली घटनाएँ:
See lessस्वेज़ नहर का राष्ट्रीयकरण: मिस्र के राष्ट्रपति गामल अब्देल नासर ने स्वेज़ नहर को राष्ट्रीयकरण कर लिया, जो ब्रिटेन और फ्रांस के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक मार्ग था।
सुएज़ संकट योजना: ब्रिटेन, फ्रांस और इज़राइल ने मिलकर मिस्र के खिलाफ सैन्य अभियान की योजना बनाई, जिसे “सुएज़ संकट” के नाम से जाना जाता है।
ब्रिटेन की आत्म-छवि पर प्रभाव:
अंतरराष्ट्रीय असफलता: संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के विरोध के चलते ब्रिटेन को सैन्य और कूटनीतिक असफलता का सामना करना पड़ा, जिससे उसकी विश्व शक्ति की छवि को धक्का लगा।
अमेरिका और सोवियत संघ की बढ़ती भूमिका: अमेरिका की धमकियों और सोवियत संघ की धमकी ने ब्रिटेन की वैश्विक प्रभावशीलता को कम किया, दिखाते हुए कि ब्रिटेन अब एक प्रमुख विश्व शक्ति नहीं रह गया।
इस प्रकार, स्वेज़ संकट ने ब्रिटेन की विश्व शक्ति की आत्म-छवि पर महत्वपूर्ण और स्थायी प्रभाव डाला।