प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022] जलवाही स्तर को परिभाषित कीजिए।
जल संसाधन प्रबंधन के लिए उपयुक्त उपाय निम्नलिखित हैं: जल संरक्षण: वर्षा जल संचयन, ड्रिप इरिगेशन, और पानी बचाने वाली तकनीकों को अपनाना। प्रदूषण नियंत्रण: औद्योगिक और घरेलू अपशिष्टों के जल स्रोतों में मिलावटी से बचाव के लिए कड़े नियम लागू करना। अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण: अपशिष्ट जल को शुद्ध करके पुRead more
जल संसाधन प्रबंधन के लिए उपयुक्त उपाय निम्नलिखित हैं:
- जल संरक्षण: वर्षा जल संचयन, ड्रिप इरिगेशन, और पानी बचाने वाली तकनीकों को अपनाना।
- प्रदूषण नियंत्रण: औद्योगिक और घरेलू अपशिष्टों के जल स्रोतों में मिलावटी से बचाव के लिए कड़े नियम लागू करना।
- अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण: अपशिष्ट जल को शुद्ध करके पुनः उपयोग करने की प्रणालियाँ स्थापित करना।
- संविधानिक ढांचा सुधार: जल आपूर्ति और वितरण तंत्र को आधुनिक बनाना और रिसाव को कम करना।
- जन जागरूकता: पानी के महत्व और सतत उपयोग के बारे में समुदायों को शिक्षित करना।
ये उपाय जल संकट को कम करने और दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक हैं।
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जलवाही स्तर: एक अवलोकन परिभाषा जलवाही स्तर (Water Table) वह ऊँचाई होती है जहां भूजल (groundwater) और मिट्टी के बीच की सीमा होती है, जिस पर सतह के नीचे स्थित भूजल पूरी तरह से संतृप्त होता है। यह वह स्तर है जहाँ पर पानी की उपस्थिति के कारण मिट्टी या चट्टान की पूर्णता होती है। जलवाही स्तर को भूजल स्तरRead more
जलवाही स्तर: एक अवलोकन
परिभाषा जलवाही स्तर (Water Table) वह ऊँचाई होती है जहां भूजल (groundwater) और मिट्टी के बीच की सीमा होती है, जिस पर सतह के नीचे स्थित भूजल पूरी तरह से संतृप्त होता है। यह वह स्तर है जहाँ पर पानी की उपस्थिति के कारण मिट्टी या चट्टान की पूर्णता होती है। जलवाही स्तर को भूजल स्तर के रूप में भी जाना जाता है।
जलवाही स्तर के प्रकार
हाल के उदाहरण और प्रभाव
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
निष्कर्ष जलवाही स्तर भूजल प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह पर्यावरणीय और मानव गतिविधियों से प्रभावित होता है। इसके स्तर का निगरानी और प्रभावी प्रबंधन आवश्यक है ताकि जल आपूर्ति की स्थिरता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। जलवाही स्तर की गिरावट, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियाँ इसे प्रभावित करती हैं, जिनसे निपटने के लिए उपयुक्त नीतियाँ और उपाय अपनाना आवश्यक है।
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