शीतोष्ण चक्रवात पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। यह भारत को कैसे प्रभावित करता है ? (200 Words) [UPPSC 2023]
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के कारण, संरचना तथा सम्बन्धित मौसम उत्पत्ति के कारण: उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए आवश्यक हैं: गर्म समुद्री जल: उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए समुद्री जल का सामान्य ताप 26.5°C (80°F) से अधिक होना चाहिए। द्रविता-प्रवाह: उच्च स्तर का वायुRead more
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के कारण, संरचना तथा सम्बन्धित मौसम
उत्पत्ति के कारण:
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए आवश्यक हैं:
- गर्म समुद्री जल: उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए समुद्री जल का सामान्य ताप 26.5°C (80°F) से अधिक होना चाहिए।
- द्रविता-प्रवाह: उच्च स्तर का वायुमंडलीय द्रविता-प्रवाह चक्रवात की उत्पत्ति में आवश्यक है।
- निम्न दाब: निम्न दाब की स्थिति चक्रवात के निर्माण के लिए आवश्यक है।
- विंड शियर: विंड शियर की कम स्तर की स्थिति चक्रवात की संरचना में आवश्यक है।
संरचना:
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात की संरचना में प्रमुख भाग हैं:
- चक्रकेंद्र: शांत, बादलों से मुक्त केंद्र।
- चक्रआवर: चक्रकेंद्र के आस-पास कन्धार चढ़ाई से घिरा हुआ।
सम्बन्धित मौसम:
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों से जुड़े मौसम में शामिल हैं:
- Strength winds: 250 km/h (155 mph) तक स्थायी हवाएं।
- भारी वर्षा: भारी वर्षा जो कटिबन्धीय चक्रवात से होता है।
- चक्रवात surge:» चक्रवात के वायुमंडलीय प्रभाव से समुद्र की सतह में ऊंचाई।
शीतोष्ण चक्रवात: संक्षिप्त टिप्पणी और भारत पर प्रभाव शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclone) आमतौर पर उत्तरी अक्षांशों में विकसित होते हैं और मध्य वायुमंडल में कम दबाव के कारण बनते हैं। ये चक्रवात सर्दियों में मध्य और उच्च अक्षांशों में होते हैं, और इनकी प्रमुख विशेषताएँ गति, दिशा और वायवीय विशेषताएँ होRead more
शीतोष्ण चक्रवात: संक्षिप्त टिप्पणी और भारत पर प्रभाव
शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclone) आमतौर पर उत्तरी अक्षांशों में विकसित होते हैं और मध्य वायुमंडल में कम दबाव के कारण बनते हैं। ये चक्रवात सर्दियों में मध्य और उच्च अक्षांशों में होते हैं, और इनकी प्रमुख विशेषताएँ गति, दिशा और वायवीय विशेषताएँ होती हैं।
1. वातावरणीय प्रभाव: शीतोष्ण चक्रवात हवा के कम दबाव के कारण प्रवण वायु और मॉनसून की ओर उन्मुख होते हैं। इससे वर्षा और ठंडी हवाएं उत्पन्न होती हैं।
2. भूगोलिक प्रभाव: भारत के उत्तरी और पूर्वी तटों पर, जैसे उड़ीसा और बंगाल की खाड़ी में, शीतोष्ण चक्रवात से तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश, बाढ़ और तूफान की स्थिति उत्पन्न होती है। यह फसलों को नुकसान पहुंचाता है और आवश्यक सेवाओं को बाधित करता है।
3. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: इन चक्रवातों से जन जीवन, आर्थिक गतिविधियाँ और परिवहन प्रणाली प्रभावित होती हैं। आपदाओं के बाद मरम्मत कार्य और सहायता प्रयास में वेतन और संसाधनों का बहुत अधिक खर्च होता है।
निष्कर्ष: शीतोष्ण चक्रवात भारत में मौसम और जलवायु पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं, विशेषकर तटीय क्षेत्रों में। इनके वातावरणीय और आर्थिक प्रभाव को समझना और संबंधित तैयारी आवश्यक है ताकि प्राकृतिक आपदाओं से कम से कम नुकसान हो सके।
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