प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2022] पृथ्वी के उत्पत्ति के सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए।
1. वायु की अपरदनात्मक क्रिया: a. सैंड ड्यून्स (Sand Dunes): वायु की अपरदनात्मक क्रिया से बालू के ढेर या सैंड ड्यून्स बनते हैं। ये विशेषकर रेगिस्तानी क्षेत्रों में देखे जाते हैं जैसे थार रेगिस्तान। वायु के निरंतर प्रवाह से बालू को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है और धीरे-धीरे ऊँचे और ढलवाँRead more
1. वायु की अपरदनात्मक क्रिया:
a. सैंड ड्यून्स (Sand Dunes): वायु की अपरदनात्मक क्रिया से बालू के ढेर या सैंड ड्यून्स बनते हैं। ये विशेषकर रेगिस्तानी क्षेत्रों में देखे जाते हैं जैसे थार रेगिस्तान। वायु के निरंतर प्रवाह से बालू को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है और धीरे-धीरे ऊँचे और ढलवाँ कूड़े का निर्माण होता है।
b. फ्येन (Fens): वायु की अपरदनात्मक क्रिया से फ्येन का निर्माण होता है। यह एक प्रकार की छोटे कणों की चट्टान होती है जो वायु द्वारा गहराई में खोदी जाती है। मध्य-भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में फ्येन का निर्माण होता है।
2. वायु की निक्षेपात्मक क्रिया:
a. लुस (Loess): वायु की निक्षेपात्मक क्रिया द्वारा लुस का निर्माण होता है, जो एक प्रकार की धूल की परत होती है। यह सामान्यत: मध्य-भारत में देखी जाती है, जहाँ वायु द्वारा लाए गए कण भूमि पर जमा होते हैं और उपजाऊ मिट्टी का निर्माण करते हैं।
b. सैंडर: वायु की निक्षेपात्मक क्रिया से सैंडर का निर्माण होता है, जो रेगिस्तान क्षेत्रों में रात की ठंडी हवा और दिन की गर्मी के कारण बालू की परतों के रूप में देखे जाते हैं। ये विशेषकर अरब रेगिस्तान और सहारा रेगिस्तान में होते हैं।
3. हाल का उदाहरण: लद्दाख में सैंड ड्यून्स और लुस की उपस्थिति को देखने को मिलता है, जहाँ वायु की क्रियाओं ने विशेष भू-आकृतियों का निर्माण किया है।
निष्कर्ष: वायु की अपरदनात्मक और निक्षेपात्मक क्रियाएँ विभिन्न भू-आकृतियों को आकार देती हैं, जो क्षेत्र की भौगोलिक और परिस्थितिकीय विशेषताओं को दर्शाती हैं। इन प्रक्रियाओं के अध्ययन से वायु की भूगोलिक प्रभावों को समझा जा सकता है।
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पृथ्वी के उत्पत्ति के सिद्धांत: एक संक्षिप्त विवरण परिचय पृथ्वी की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांतों ने वैज्ञानिकों को सदियों से आकर्षित किया है। ये सिद्धांत पृथ्वी के निर्माण और विकास की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास करते हैं। यहां प्रमुख सिद्धांतों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है, जिसमें हाल की खोजोंRead more
पृथ्वी के उत्पत्ति के सिद्धांत: एक संक्षिप्त विवरण
परिचय पृथ्वी की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांतों ने वैज्ञानिकों को सदियों से आकर्षित किया है। ये सिद्धांत पृथ्वी के निर्माण और विकास की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास करते हैं। यहां प्रमुख सिद्धांतों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है, जिसमें हाल की खोजों और उदाहरणों को शामिल किया गया है।
1. नेब्यूलर हाइपोथेसिस (Nebular Hypothesis)
2. प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क मॉडल (Protoplanetary Disk Model)
3. विशाल प्रभाव सिद्धांत (Giant Impact Hypothesis)
4. विसर्जन सिद्धांत (Fission Theory)
5. पकड़ सिद्धांत (Capture Theory)
6. संक्रांति सिद्धांत (Accretion Theory)
हाल की खोजें और प्रमाण
निष्कर्ष
पृथ्वी की उत्पत्ति के सिद्धांतों में नेब्यूलर हाइपोथेसिस, प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क मॉडल, विशाल प्रभाव सिद्धांत, विसर्जन सिद्धांत, पकड़ सिद्धांत, और संक्रांति सिद्धांत शामिल हैं। प्रत्येक सिद्धांत पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रिया को अलग-अलग दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है और हाल की खोजों और अनुसंधानों से इन सिद्धांतों को और स्पष्ट किया गया है।
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