‘मेंटल प्लूम’ को परिभाषित कीजिए और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
मरुस्थल (Desert) प्राकृतिक विशेषताएँ हैं जो विशेष जलवायु परिस्थितियों और भूगर्भीय प्रक्रियाओं के कारण बनते हैं। विश्व भर में विभिन्न प्रकार के मरुस्थल पाए जाते हैं, जिनके निर्माण और विशेषताएँ भिन्न होती हैं। प्रमुख मरुस्थल प्रकार निम्नलिखित हैं: सहारा मरुस्थल (Sahara Desert) - अफ्रीका: निर्माण: यह मRead more
मरुस्थल (Desert) प्राकृतिक विशेषताएँ हैं जो विशेष जलवायु परिस्थितियों और भूगर्भीय प्रक्रियाओं के कारण बनते हैं। विश्व भर में विभिन्न प्रकार के मरुस्थल पाए जाते हैं, जिनके निर्माण और विशेषताएँ भिन्न होती हैं। प्रमुख मरुस्थल प्रकार निम्नलिखित हैं:
- सहारा मरुस्थल (Sahara Desert) – अफ्रीका:
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- निर्माण: यह मरुस्थल मुख्य रूप से आंतरमहाद्वीपीय आंतरदृष्टि और स्थिर उच्च दबाव प्रणाली के कारण बनता है। इसकी अत्यधिक गर्मी और सूखे की स्थिति यहाँ की विशेषता है।
- विशेषताएँ: विशाल रेत के टीले (सैंड ड्यून्स), सूखी घाटियाँ, और अत्यधिक उच्च तापमान।
2. थार मरुस्थल (Thar Desert) – भारत और पाकिस्तान:
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- निर्माण: इसे आंशिक रूप से मोनसून की अनुपस्थिति और लगातार वायवीय प्रवाह के कारण रेत की परतों के निर्माण से विकसित किया गया है।
- विशेषताएँ: रेत के टीले, पत्थरीली सतहें, और गर्मी के अलावा, यहाँ अनोखी वनस्पतियाँ और जीव-जंतु भी पाए जाते हैं।
3.आर्तिक मरुस्थल (Arctic Desert) – आर्कटिक क्षेत्र:
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- निर्माण: यह मरुस्थल अत्यधिक ठंडे तापमान और कम वर्षा के कारण बनता है, जिसे स्थिर आर्कटिक उच्च दबाव प्रणाली से जोड़ा जा सकता है।
- विशेषताएँ: बर्फ और पिघले हुए पानी की कम मात्रा, अत्यधिक ठंड और कम वनस्पति।
4. मोजावे मरुस्थल (Mojave Desert) – अमेरिका:
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- निर्माण: यह मरुस्थल या तो शुष्क मौसम और ऊँचे पर्वत श्रृंखलाओं के परिणामस्वरूप बना है जो बारहमासी उच्च दबाव प्रणाली से प्रभावित है।
- विशेषताएँ: सघन पत्थरीली और रेत की सतह, और तापमान में विशाल उतार-चढ़ाव।
विशेषताएँ:
- सूखापन: मरुस्थलों में अत्यधिक कम वार्षिक वर्षा होती है।
उच्च तापमान: दिन में तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है, जबकि रात में ठंडक हो जाती है। - वनस्पति और जीव: मरुस्थलों में जीव-जंतु और वनस्पतियाँ आदप्त होती हैं जो सूखे और उच्च तापमान सहन कर सकती हैं।
इन मरुस्थलों की विशेषताएँ और निर्माण प्रक्रियाएँ उनके भौगोलिक स्थिति और जलवायु परिस्थितियों से निकटता से जुड़ी होती हैं।
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मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका: मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है। प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूRead more
मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका:
मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है।
प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूम की महत्वपूर्ण भूमिका है:
पृथ्वी की स्वयंभू धुरी:
मेंटल प्लूम का उद्गार पृथ्वी की स्वयंभू धुरी को हिला सकता है, जिससे महाद्वीपों का आकार और स्थिति प्रभावित होती है।
कठोर प्लेट के निर्माण:
मेंटल प्लूम की गर्मी और दबाव के कारण प्लेट के शीर्ष हिस्सों में कठोर प्लेटें बनती हैं जो महाद्वीपों का निर्माण करती हैं।
ज्वालामुखी गतिविधि:
मेंटल प्लूम के उठाव से कई ज्वालामुखी गतिविधियां उत्पन्न हो सकती हैं जो प्लेट के आपसी संघर्ष को दर्शाते हैं।
See lessइस प्रकार, मेंटल प्लूम पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों को प्रभावित करके प्लेट विवर्तनिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।