Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
'मेंटल प्लूम' को परिभाषित कीजिए और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका: मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है। प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूRead more
मेंटल प्लूम की परिभाषा और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका:
मेंटल प्लूम एक गर्म और घने पदार्थ का उद्गार है जो पृथ्वी की मंटल के भीतर से ऊपर की ओर उठता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाली थर्मल गतिविधि है जो पृथ्वी के भीतर की ऊंचाई से शुरू होकर पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है।
प्लेट विवर्तनिकी में मेंटल प्लूम की महत्वपूर्ण भूमिका है:
पृथ्वी की स्वयंभू धुरी:
मेंटल प्लूम का उद्गार पृथ्वी की स्वयंभू धुरी को हिला सकता है, जिससे महाद्वीपों का आकार और स्थिति प्रभावित होती है।
कठोर प्लेट के निर्माण:
मेंटल प्लूम की गर्मी और दबाव के कारण प्लेट के शीर्ष हिस्सों में कठोर प्लेटें बनती हैं जो महाद्वीपों का निर्माण करती हैं।
ज्वालामुखी गतिविधि:
मेंटल प्लूम के उठाव से कई ज्वालामुखी गतिविधियां उत्पन्न हो सकती हैं जो प्लेट के आपसी संघर्ष को दर्शाते हैं।
See lessइस प्रकार, मेंटल प्लूम पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों को प्रभावित करके प्लेट विवर्तनिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विभिन्न प्रकार की प्लेट विवर्तनिक सीमाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्लेट विवर्तनिक सीमाएँ: सहायक सीमाएँ (Divergent Boundaries): विवरण: ये सीमाएँ तब बनती हैं जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से दूर होती हैं। विशेषताएँ: इस प्रक्रिया में एक नई क्रस्ट का निर्माण होता है। इस प्रकार की सीमाओं पर आमतौर पर मिड-आट्लांटिक रिज जैसे महासागर के बीच रिफ्ट जोन और लावा के विस्फोटRead more
प्लेट विवर्तनिक सीमाएँ:
प्लेट विवर्तनिकी की ये सीमाएँ पृथ्वी की सतह की गतिशीलता और भूगर्भीय घटनाओं को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
See lessमहाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत क्या है? इसका समर्थन करने वाले साक्ष्यों की विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory) सिद्धांत का विवरण: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, जिसे अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में प्रस्तुत किया, यह मानता है कि प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक एकल विशाल महाद्वीप, पैंजिया, के रूप में एकत्रित थे। समय के साथ, पैंजिया टूटकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्Read more
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory)
सिद्धांत का विवरण: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत, जिसे अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में प्रस्तुत किया, यह मानता है कि प्राचीन काल में सभी महाद्वीप एक एकल विशाल महाद्वीप, पैंजिया, के रूप में एकत्रित थे। समय के साथ, पैंजिया टूटकर वर्तमान महाद्वीपों का निर्माण हुआ और ये धीरे-धीरे वर्तमान स्थानों पर पहुँचे।
साक्ष्य:
इन साक्ष्यों ने महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत को समर्थन दिया, हालांकि इसे अधिक व्यापक रूप से समझाने के लिए प्लेट टेक्टॉनिक्स के सिद्धांत का विकास हुआ, जिसने महाद्वीपीय प्रवाह और अन्य भू-आकृतिक प्रक्रियाओं को एक एकीकृत ढांचे में समझाया।
See lessअंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए। साथ ही, अपक्षय के महत्व पर प्रकाश डालिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ अंतर्जनित प्रक्रियाएँ (Endogenic Processes): परिभाषा: ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी के अंदर की ताकतों द्वारा संचालित होती हैं। ये आमतौर पर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों से संबंधित होती हैं। उदाहरण: भूकंप: जब पृथ्वी की सतह पर तनाव औरRead more
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ
अपक्षय का महत्व:
इस प्रकार, अंतर्जनित और बहिर्जनित प्रक्रियाएँ पृथ्वी की सतह और आंतरिक संरचना को विभिन्न तरीकों से आकार देती हैं, और अपक्षय की प्रक्रियाएँ इन परिवर्तनों के साथ-साथ पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करती हैं।
See lessपटल विरूपण की अवधारणा और इसमें शामिल प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
पटल विरूपण और शामिल प्रक्रियाएँ पटल विरूपण एक प्रक्रिया है जिसमें एक द्विआयामी वस्तु को तीसरे आयाम में प्रस्तुत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु के समरूप स्वरूप का प्रस्तुतिकरण करना है। अवधारणा: पटल विरूपण भूखंडों के तीन आयामों का प्रस्तुतिकरण है। यह वस्तु की 3D रूपरेखा को 2D परिपथ में प्रस्तRead more
पटल विरूपण और शामिल प्रक्रियाएँ
पटल विरूपण एक प्रक्रिया है जिसमें एक द्विआयामी वस्तु को तीसरे आयाम में प्रस्तुत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य वस्तु के समरूप स्वरूप का प्रस्तुतिकरण करना है।
पटल विरूपण डिजाइनिंग, चित्रण, और अन्य क्षेत्रों में उपयोग होता है। यह व्यापक रूप से विज्ञान, तकनीक, और कला में भी उपयोग किया जाता है।
See lessहिमनदों के संचलन द्वारा निर्मित विभिन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
हिमनदी संचलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे हिमनदों के अभियांत्रिक संचालन द्वारा विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण होता है। यह आकृतियाँ अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों में सम्मिलित होती हैं। अपरदित भू-आकृतियाँ: भवन और अवसानीय निर्माण: हिमनदी संचालन से अपरदित भू-आकृतियाँ जैसे बांध, बांध का पRead more
हिमनदी संचलन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिससे हिमनदों के अभियांत्रिक संचालन द्वारा विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण होता है। यह आकृतियाँ अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों में सम्मिलित होती हैं।
हिमनदी संचलन द्वारा उपर्युक्त भू-आकृतियाँ निर्मित होती हैं जो विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करती हैं और जल संसाधनों का प्रबंधन सुनिश्चित करती हैं।
See lessभू-आकृतियों के विकास में प्रवाहित जल के महत्व को वर्णित कीजिए। इसके अतिरिक्त, प्रवाहित जल की विभिन्न निक्षेपण विशेषताओं की सविस्तार व्याख्या प्रस्तुत कीजिए। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्रवाहित जल भू-आकृतियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब पानी नदियों, धाराओं और झीलों के रूप में प्रवाहित होता है, तो यह चट्टानों और मिट्टी को कटाव करता है और गहरे घाटियों और कण्ठों का निर्माण करता है। निरंतर कटाव के माध्यम से, नदी अपने मार्ग को धीरे-धीरे गहरी और चौड़ी करती है, जिससे घाटRead more
प्रवाहित जल भू-आकृतियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब पानी नदियों, धाराओं और झीलों के रूप में प्रवाहित होता है, तो यह चट्टानों और मिट्टी को कटाव करता है और गहरे घाटियों और कण्ठों का निर्माण करता है। निरंतर कटाव के माध्यम से, नदी अपने मार्ग को धीरे-धीरे गहरी और चौड़ी करती है, जिससे घाटियाँ और कण्ठ निर्मित होते हैं।
प्रवाहित जल की निक्षेपण विशेषताएँ विभिन्न प्रकार की होती हैं:
ये निक्षेपण प्रक्रियाएँ भूमि की सतह को आकार देती हैं और नई भू-आकृतियों का निर्माण करती हैं, जैसे ‘तलाब’, ‘डेल्टा’ और ‘मोराइन’।
See lessविश्व भर में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के मरुस्थलों के निर्माण की व्याख्या करते हुए, उनका विवरण प्रस्तुत कीजिए और उनकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
मरुस्थल (Desert) प्राकृतिक विशेषताएँ हैं जो विशेष जलवायु परिस्थितियों और भूगर्भीय प्रक्रियाओं के कारण बनते हैं। विश्व भर में विभिन्न प्रकार के मरुस्थल पाए जाते हैं, जिनके निर्माण और विशेषताएँ भिन्न होती हैं। प्रमुख मरुस्थल प्रकार निम्नलिखित हैं: सहारा मरुस्थल (Sahara Desert) - अफ्रीका: निर्माण: यह मRead more
मरुस्थल (Desert) प्राकृतिक विशेषताएँ हैं जो विशेष जलवायु परिस्थितियों और भूगर्भीय प्रक्रियाओं के कारण बनते हैं। विश्व भर में विभिन्न प्रकार के मरुस्थल पाए जाते हैं, जिनके निर्माण और विशेषताएँ भिन्न होती हैं। प्रमुख मरुस्थल प्रकार निम्नलिखित हैं:
2. थार मरुस्थल (Thar Desert) – भारत और पाकिस्तान:
3.आर्तिक मरुस्थल (Arctic Desert) – आर्कटिक क्षेत्र:
4. मोजावे मरुस्थल (Mojave Desert) – अमेरिका:
विशेषताएँ:
उच्च तापमान: दिन में तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है, जबकि रात में ठंडक हो जाती है।
इन मरुस्थलों की विशेषताएँ और निर्माण प्रक्रियाएँ उनके भौगोलिक स्थिति और जलवायु परिस्थितियों से निकटता से जुड़ी होती हैं।
See lessभू-संचलन के कारण निर्मित झीलों का संक्षिप्त विवरण देते हुए, झीलों के आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दें)
भू-संचलन के कारण निर्मित झीलें: भू-संचलन की गतिविधियों जैसे भूस्खलन, पर्वतारोहण, और तटीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप झीलों का निर्माण होता है। ये झीलें विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं: भूस्खलन झीलें: जब भू-संचलन के दौरान एक बड़ी मिट्टी की ढाल नदी या नाले के मार्ग को अवरुद्ध कर देती है,Read more
भू-संचलन के कारण निर्मित झीलें: भू-संचलन की गतिविधियों जैसे भूस्खलन, पर्वतारोहण, और तटीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप झीलों का निर्माण होता है। ये झीलें विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व:
चुनौतियाँ:
इन झीलों का संरक्षण और प्रबंधन, इनकी पारिस्थितिक और आर्थिक महत्वपूर्णताओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
See less