प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2022] पृथ्वी के उत्पत्ति के सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए।
भूआकृतिक विशेषताओं के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण पर्वतों का भूआकृतिक विशेषताओं के आधार पर वर्गीकरण उनके निर्माण, संरचना और उत्पत्ति की प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है। यहाँ पर इस वर्गीकरण का विस्तृत विवरण और कुछ हालिया उदाहरण दिए गए हैं: 1. आकृतित पर्वत (Fold Mountains): परिभाषा: आकृतित पर्वत वे होतेRead more
भूआकृतिक विशेषताओं के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण
पर्वतों का भूआकृतिक विशेषताओं के आधार पर वर्गीकरण उनके निर्माण, संरचना और उत्पत्ति की प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है। यहाँ पर इस वर्गीकरण का विस्तृत विवरण और कुछ हालिया उदाहरण दिए गए हैं:
1. आकृतित पर्वत (Fold Mountains):
परिभाषा: आकृतित पर्वत वे होते हैं जो मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से बनते हैं, जिससे पृथ्वी की पपड़ी में मोड़ आ जाते हैं। इन पर्वतों में जटिल संरचनाएँ होती हैं, जैसे कि एंटिक्लाइन (ऊपर की ओर मोड़ा हुआ) और सिंक्लाइन (नीचे की ओर मोड़ा हुआ)।
उदाहरण:
- हिमालय: भारत और एशिया के बीच टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से बने हिमालय पर्वत इस वर्गीकरण का प्रमुख उदाहरण हैं। हाल की भूकंपीय गतिविधियाँ जैसे 2022 में नेपाल में आए भूकंप इसका प्रमाण हैं।
- एंडीज पर्वत: दक्षिण अमेरिका में स्थित, ये पर्वत नाजका प्लेट के साउथ अमेरिका प्लेट के नीचे धंसने से बने हैं। चिली में 2023 में लास्कर ज्वालामुखी का विस्फोट इसका हालिया उदाहरण है।
2. ब्लॉक पर्वत (Block Mountains):
परिभाषा: ब्लॉक पर्वत या फ़ॉल्ट-ब्लॉक पर्वत तब बनते हैं जब पृथ्वी की पपड़ी दरारों के कारण ब्लॉक्स में बँट जाती है और ये ब्लॉक्स एक-दूसरे की तुलना में ऊँचाई या नीचाई में उठते हैं या गिरते हैं।
उदाहरण:
- सिएरा नेवाडा: अमेरिका के पश्चिमी भाग में स्थित, सिएरा नेवाडा पर्वत ब्लॉक पर्वत का एक आदर्श उदाहरण है। हाल की भूकंपीय गतिविधियाँ जैसे 2023 में कैलिफोर्निया में हल्के भूकंप इसके सक्रिय टेक्टोनिक प्रक्रियाओं को दर्शाती हैं।
- वोज्जेस पर्वत: फ्रांस के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित ये पर्वत भी ब्लॉक पर्वत हैं और उनकी संरचना में प्रमुख दोष रेखाएँ शामिल हैं।
3. ज्वालामुखीय पर्वत (Volcanic Mountains):
परिभाषा: ज्वालामुखीय पर्वत तब बनते हैं जब मैग्मा पृथ्वी की पपड़ी के माध्यम से फूटकर ज्वालामुखीय सामग्री का निर्माण करता है, जिससे एक शंक्वाकार या गुंबदाकार संरचना बनती है।
उदाहरण:
- माउंट फूजी: जापान में स्थित यह एक स्ट्रैटावोल्कैनो है, जिसका हालिया विस्फोट 1707 में हुआ था। यह ज्वालामुखीय पर्वत के उदाहरण के रूप में प्रसिद्ध है।
- किलाउआ: हवाई में स्थित किलाउआ ज्वालामुखी दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। 2021 में इसका विस्फोट इस पर्वत की सक्रियता को दर्शाता है।
4. अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountains):
परिभाषा: अवशिष्ट पर्वत, जिसे डेन्यूडेशन पर्वत भी कहा जाता है, वे पर्वत होते हैं जो समय के साथ निरंतर अपरदन की प्रक्रिया से बने होते हैं। ये पुराने पर्वत होते हैं जो अब घिसे-पिटे और कम ऊँचाई वाले रह जाते हैं।
उदाहरण:
- एपलाचियन पर्वत: अमेरिका के पूर्वी भाग में स्थित, ये पर्वत अत्यधिक घिसे-पिटे और पुरानी पर्वत संरचनाओं के उदाहरण हैं। इन पर्वतों का वर्तमान रूप घिसावट के परिणामस्वरूप है।
- अऱावली पर्वत: भारत में स्थित अऱावली पर्वत विश्व के सबसे पुराने पर्वतों में से एक है। इन पर्वतों की वर्तमान स्थिति लाखों वर्षों की अपक्षय और डेन्यूडेशन के परिणामस्वरूप है।
5. गुंबद पर्वत (Dome Mountains):
परिभाषा: गुंबद पर्वत वे होते हैं जब मैग्मा पृथ्वी की पपड़ी को ऊपर की ओर धकेलता है लेकिन विस्फोट नहीं करता। इस प्रकार की संरचना गुंबद जैसी होती है, जो बाद में घिसावट के द्वारा खुल जाती है।
उदाहरण:
- ब्लैक हिल्स: दक्षिण डकोटा, अमेरिका में स्थित, ब्लैक हिल्स गुंबद पर्वत का एक उदाहरण है। यहाँ के गोलाकार शिखर, जैसे कि हार्नी पीक, प्राचीन ज्वालामुखीय गतिविधियों के परिणाम हैं।
- ग्रोस वेंट्रे रेंज: व Wyoming, अमेरिका में स्थित, यह रेंज भी गुंबद जैसी संरचनाओं का उदाहरण है, जो प्राचीन टेक्टोनिक गतिविधियों के कारण बनी हैं।
निष्कर्ष
भूआकृतिक विशेषताओं के आधार पर पर्वतों का वर्गीकरण उनके निर्माण और संरचना को समझने में मदद करता है। हाल के भौगोलिक घटनाओं जैसे हिमालय और किलाउआ की सक्रियता इस वर्गीकरण की प्रासंगिकता को दर्शाती है।
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पृथ्वी के उत्पत्ति के सिद्धांत: एक संक्षिप्त विवरण परिचय पृथ्वी की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांतों ने वैज्ञानिकों को सदियों से आकर्षित किया है। ये सिद्धांत पृथ्वी के निर्माण और विकास की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास करते हैं। यहां प्रमुख सिद्धांतों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है, जिसमें हाल की खोजोंRead more
पृथ्वी के उत्पत्ति के सिद्धांत: एक संक्षिप्त विवरण
परिचय पृथ्वी की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांतों ने वैज्ञानिकों को सदियों से आकर्षित किया है। ये सिद्धांत पृथ्वी के निर्माण और विकास की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास करते हैं। यहां प्रमुख सिद्धांतों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है, जिसमें हाल की खोजों और उदाहरणों को शामिल किया गया है।
1. नेब्यूलर हाइपोथेसिस (Nebular Hypothesis)
2. प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क मॉडल (Protoplanetary Disk Model)
3. विशाल प्रभाव सिद्धांत (Giant Impact Hypothesis)
4. विसर्जन सिद्धांत (Fission Theory)
5. पकड़ सिद्धांत (Capture Theory)
6. संक्रांति सिद्धांत (Accretion Theory)
हाल की खोजें और प्रमाण
निष्कर्ष
पृथ्वी की उत्पत्ति के सिद्धांतों में नेब्यूलर हाइपोथेसिस, प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क मॉडल, विशाल प्रभाव सिद्धांत, विसर्जन सिद्धांत, पकड़ सिद्धांत, और संक्रांति सिद्धांत शामिल हैं। प्रत्येक सिद्धांत पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रिया को अलग-अलग दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है और हाल की खोजों और अनुसंधानों से इन सिद्धांतों को और स्पष्ट किया गया है।
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