जेट धाराएं भारत और विश्व की जलवायु को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उदाहरण सहित चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
परिचय: 'हॉट स्प्रिंग' (Hot Spring) एक प्रकार का प्राकृतिक गर्म जल स्रोत है, जो पृथ्वी की सतह पर उबालते हुए या गर्म जल का प्रवाह होता है। ये गर्म पानी की धाराएँ अक्सर ज्वालामुखीय गतिविधि या भूगर्भीय क्रियाओं के कारण उत्पन्न होती हैं। हॉट स्प्रिंग की विशेषताएँ: उत्सर्जन स्थान: हॉट स्प्रिंग्स सामान्यतःRead more
परिचय: ‘हॉट स्प्रिंग’ (Hot Spring) एक प्रकार का प्राकृतिक गर्म जल स्रोत है, जो पृथ्वी की सतह पर उबालते हुए या गर्म जल का प्रवाह होता है। ये गर्म पानी की धाराएँ अक्सर ज्वालामुखीय गतिविधि या भूगर्भीय क्रियाओं के कारण उत्पन्न होती हैं।
हॉट स्प्रिंग की विशेषताएँ:
- उत्सर्जन स्थान: हॉट स्प्रिंग्स सामान्यतः उन क्षेत्रों में पाई जाती हैं जहाँ भूगर्भीय सक्रियता होती है, जैसे कि ज्वालामुखी या टेक्टोनिक प्लेटों के संपर्क स्थल।
- जल की गर्मी: इन स्प्रिंग्स का पानी आमतौर पर 30°C से लेकर 90°C तक गर्म हो सकता है, हालांकि कुछ जगहों पर यह तापमान और भी अधिक हो सकता है।
हालिया उदाहरण:
- अमेरिका का येलोस्टोन नेशनल पार्क: यहाँ पर “ओल्ड फेथफुल” जैसी प्रसिद्ध हॉट स्प्रिंग्स हैं जो नियमित अंतराल पर गर्म पानी का फव्वारा उगलती हैं। येलोस्टोन की हॉट स्प्रिंग्स ज्वालामुखीय गतिविधि से जुड़ी हैं और यह क्षेत्र भूगर्भीय अध्ययन का एक महत्वपूर्ण स्थल है।
- जापान के ऑनसेन: जापान में कई प्रसिद्ध हॉट स्प्रिंग्स हैं, जैसे कि “हाकोने ऑनसेन”। ये हॉट स्प्रिंग्स न केवल पर्यटन के आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि जापानी संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, जहाँ इनका उपयोग चिकित्सा और विश्राम के लिए किया जाता है।
उपयोग और लाभ:
- स्वास्थ्य लाभ: हॉट स्प्रिंग्स में स्नान करने से तनाव में कमी, पेशियों की मांसपेशियों को आराम और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- पर्यटन: इन स्प्रिंग्स के आसपास पर्यटन और आरामदायक रिसॉर्ट्स की स्थापना होती है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ पहुंचाते हैं।
निष्कर्ष: ‘हॉट स्प्रिंग’ एक प्राकृतिक गर्म जल स्रोत है जो भूगर्भीय क्रियाओं के कारण उत्पन्न होता है। ये स्रोत स्वास्थ्य लाभ, पर्यटन, और भूगर्भीय अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं, और उनके उदाहरण वैश्विक स्तर पर पाए जाते हैं।
See less
जेट धाराओं की भूमिका भारत और विश्व की जलवायु में जेट धाराएं (Jet Streams) उच्च ऊंचाई पर बहने वाली तीव्र वायुपथ होती हैं, जो विश्व की जलवायु को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं सामान्यतः 9 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं और ये पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती हैं। भारRead more
जेट धाराओं की भूमिका भारत और विश्व की जलवायु में
जेट धाराएं (Jet Streams) उच्च ऊंचाई पर बहने वाली तीव्र वायुपथ होती हैं, जो विश्व की जलवायु को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं सामान्यतः 9 से 16 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं और ये पश्चिम से पूर्व की दिशा में बहती हैं।
भारत में प्रभाव
भारत में, जेट धाराओं का प्रभाव खासकर मानसून और शीतकालीन मौसम पर देखा जाता है। उत्तरी गोलार्ध में पश्चिमी जेट धारा (Western Jet Stream) मानसून की गति और पैटर्न को प्रभावित करती है। जब यह धारा भारत के ऊपर से बहती है, तो यह मानसून की बारिश को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, 2002 और 2006 में जेट धाराओं की असामान्य स्थिति के कारण भारत में मानसून की वर्षा की तीव्रता और वितरण में विसंगतियाँ आईं।
विश्व में प्रभाव
जेट धाराएं विश्व के विभिन्न हिस्सों की जलवायु को भी प्रभावित करती हैं। अमेरिका में, ये धाराएं आर्कटिक वायु की घुसपैठ को नियंत्रित करती हैं। जब जेट धारा दक्षिण की ओर खिसकती है, तो अमेरिका के मध्य और पूर्वी हिस्सों में ठंडी हवाएँ और सर्दियों की तीव्रता बढ़ जाती है, जैसा कि 2014-15 में देखा गया था। इसके विपरीत, जब जेट धारा उत्तर की ओर बढ़ती है, तो दक्षिणी अमेरिका में गर्म हवाएँ फैल जाती हैं।
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, जेट धाराएं वैश्विक और स्थानीय जलवायु पैटर्न को प्रभावित करती हैं, जिससे मौसम की असामान्य परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इनके प्रभाव को समझना जलवायु परिवर्तन और मौसम की भविष्यवाणी में महत्वपूर्ण है।