प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों में बदलने के प्रयासों में ‘आपरेशन कायाकल्प’ कितना महत्वपूर्ण रहा है? विश्लेषण कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारी: आलोचनात्मक व्याख्या 1. शिक्षित बेरोजगारी की प्रकृति और पैमाना: उच्च शिक्षित बेरोजगारी दर: उत्तर प्रदेश (U.P.) में शिक्षित बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। राज्य में एक बड़ी संख्या में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री धारक युवा उपयुक्त रोजगार की तलाश में हैं। हाल ही में,Read more
उत्तर प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारी: आलोचनात्मक व्याख्या
1. शिक्षित बेरोजगारी की प्रकृति और पैमाना:
- उच्च शिक्षित बेरोजगारी दर: उत्तर प्रदेश (U.P.) में शिक्षित बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। राज्य में एक बड़ी संख्या में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री धारक युवा उपयुक्त रोजगार की तलाश में हैं। हाल ही में, राज्य में शिक्षित बेरोजगारी की दर 15% के करीब बताई गई है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है।
- कौशल और रोजगार की मांग में असंगति: एक मुख्य समस्या कौशल और रोजगार की मांग में असंगति है। अधिकांश शैक्षणिक संस्थान पारंपरिक पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि वास्तविक रोजगार की मांग तकनीकी और व्यावसायिक कौशल वाले युवाओं की होती है।
2. कारण और प्रभाव:
- आर्थिक ढांचा और रोजगार सृजन: उत्तर प्रदेश का आर्थिक ढांचा, जिसमें मुख्यतः कृषि और पारंपरिक क्षेत्र शामिल हैं, शिक्षित युवाओं के लिए विविध रोजगार के अवसर प्रदान नहीं करता। औद्योगिकीकरण की कमी और निवेश की कमी भी इस समस्या को बढ़ाती है।
- संरचना और निवेश की कमी: राज्य में संरचनात्मक समस्याएँ और निवेश की कमी रोजगार सृजन में बाधा डालती हैं। जैसे कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) और तकनीकी पार्कों की कमी के कारण नई व्यवसायिक गतिविधियाँ और रोजगार के अवसर सीमित हैं।
3. हालिया पहल और उनका प्रभाव:
- सरकारी योजनाएँ: उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)’ और ‘कौशल विकास योजनाएँ’ जैसी योजनाएँ शुरू की हैं। ODOP योजना स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करती है और रोजगार सृजन के प्रयास करती है, लेकिन कार्यान्वयन की चुनौतियाँ इसके प्रभाव को सीमित करती हैं।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी: निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए गए हैं, जैसे U.P. इन्वेस्टर्स समिट, लेकिन इन पहलों को विस्तृत पैमाने पर लागू करने की आवश्यकता है ताकि उनका वास्तविक प्रभाव दिख सके।
4. सुझाव:
- पाठ्यक्रम में सुधार और कौशल विकास: शैक्षणिक संस्थानों में पाठ्यक्रम में सुधार और कौशल विकास की ओर ध्यान देना आवश्यक है।
- संरचना विकास: संरचनात्मक निवेश और विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण रोजगार सृजन में सहायक हो सकता है।
संक्षेप में, उत्तर प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारी एक जटिल समस्या है। कौशल-रोजगार असंगति, आर्थिक ढांचा, और संरचनात्मक निवेश की कमी इस मुद्दे के प्रमुख कारण हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है।
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'आपरेशन कायाकल्प' की महत्वपूर्ण भूमिका 1. अवसंरचना सुधार: 'आपरेशन कायाकल्प' ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की अवसंरचना में सुधार किया है। स्कूलों में सुविधाजनक कक्षाएं, स्वच्छता सुधार, और आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल बेहतर हुआ है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और बिहार कRead more
‘आपरेशन कायाकल्प’ की महत्वपूर्ण भूमिका
1. अवसंरचना सुधार: ‘आपरेशन कायाकल्प’ ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की अवसंरचना में सुधार किया है। स्कूलों में सुविधाजनक कक्षाएं, स्वच्छता सुधार, और आधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिससे पढ़ाई का माहौल बेहतर हुआ है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई स्कूलों में इन सुधारों से कक्षा की उपस्थिति और स्वच्छता स्तर में सुधार हुआ है।
2. शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि: इस कार्यक्रम के तहत इंटरैक्टिव लर्निंग टूल्स और अपडेटेड पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं। इससे शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार हुआ है, और छात्रों की शिक्षा में रुचि बढ़ी है।
3. सामुदायिक भागीदारी: ‘आपरेशन कायाकल्प’ सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, जिससे स्थानीय लोग विद्यालय प्रबंधन और सुरक्षा में योगदान करते हैं, और इससे स्वामित्व की भावना विकसित होती है।
इस प्रकार, ‘आपरेशन कायाकल्प’ ने विद्यालयों की अवसंरचना सुधार, शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि, और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से आदर्श विद्यालयों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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