उच्च संवृद्धि के लगातार अनुभव के बावजूद, भारत के मानव विकास के निम्नतम संकेतक चल रहे हैं। उन मुद्दों का परीक्षण कीजिए, जो संतुलित और समावेशी विकास को पकड़ में आने नहीं दे रहे हैं। (150 words) [UPSC 2019]
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता का मूल्यांकन आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत 2018 में हुई थी, जिसका उद्देश्य पिछड़े जिलों में समावेशी विकास को बढ़ावा देना और सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सुधार करना था। इस कार्यक्रम ने कुछ प्रमुख सफलताएँ हासिल की हैं: उन्नति के संकेत: आकांक्षी जिलों में आधारभूत ढांचेRead more
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता का मूल्यांकन
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत 2018 में हुई थी, जिसका उद्देश्य पिछड़े जिलों में समावेशी विकास को बढ़ावा देना और सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सुधार करना था। इस कार्यक्रम ने कुछ प्रमुख सफलताएँ हासिल की हैं:
- उन्नति के संकेत: आकांक्षी जिलों में आधारभूत ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, और जल आपूर्ति में सुधार हुआ है। कई जिलों ने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
- नगरीकरण और विकास: कार्यक्रम ने जिलों में सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे को सुधारने में मदद की, जिससे आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहन मिला।
हालांकि, सभी जिलों में समान सफलता नहीं देखी गई है। कुछ जिलों में प्रशासनिक समस्याएँ, संसाधनों की कमी और समन्वय की चुनौतियाँ रही हैं।
निष्कर्ष: आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन स्थिरता और व्यापक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी और सुधार की आवश्यकता है।
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भारत में उच्च संवृद्धि के बावजूद, मानव विकास के निम्नतम संकेतक कई मुद्दों के कारण प्रभावित हो रहे हैं: 1. समानता की कमी: भारत में आर्थिक वृद्धि का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से नहीं पहुँच रहा है। सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण, गरीब और हाशिये पर रहने वाले समूहों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे मRead more
भारत में उच्च संवृद्धि के बावजूद, मानव विकास के निम्नतम संकेतक कई मुद्दों के कारण प्रभावित हो रहे हैं:
1. समानता की कमी:
भारत में आर्थिक वृद्धि का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से नहीं पहुँच रहा है। सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण, गरीब और हाशिये पर रहने वाले समूहों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे मानव विकास के संकेतक कमजोर होते हैं।
2. स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की कमी:
स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश की कमी और उनके असमान वितरण के कारण, देश के कई हिस्सों में बुनियादी सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच सीमित है। यह स्थिति विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में अधिक गंभीर है।
3. गरीबी और कुपोषण:
हालांकि आर्थिक वृद्धि हुई है, गरीबी और कुपोषण जैसी समस्याएँ अभी भी व्यापक रूप से विद्यमान हैं। यह स्थिति मानव विकास के संकेतकों को प्रभावित करती है।
4. संविधानिक और प्रशासनिक चुनौतियाँ:
प्रभावी नीतियों और योजनाओं की कमी, भ्रष्टाचार, और प्रशासनिक अक्षमता भी संतुलित और समावेशी विकास को बाधित करती है।
इन मुद्दों के समाधान के लिए प्रभावी नीतियाँ और सुधारात्मक उपाय आवश्यक हैं।
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