भारत में कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के प्रभाव का परीक्षण कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत में निर्धनता और भूख के बीच संबंध में एक बढ़ता हुआ अंतर दर्शाता है कि आर्थिक वृद्धि के बावजूद गरीबों की जीवन-यापन की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। यह अंतर कई कारणों से उत्पन्न हो रहा है: 1. सामाजिक व्यय में कमी: सरकारी सामाजिक व्यय में संकुचन के कारण, विशेषकर खाद्य सब्सिडी और सामाजिक सुरक्षाRead more
भारत में निर्धनता और भूख के बीच संबंध में एक बढ़ता हुआ अंतर दर्शाता है कि आर्थिक वृद्धि के बावजूद गरीबों की जीवन-यापन की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। यह अंतर कई कारणों से उत्पन्न हो रहा है:
1. सामाजिक व्यय में कमी:
सरकारी सामाजिक व्यय में संकुचन के कारण, विशेषकर खाद्य सब्सिडी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती की जा रही है। इससे निर्धन वर्ग के पास खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक संसाधन कम हो जाते हैं।
2. भोजन बजट में कमी:
संकुचित सामाजिक व्यय के चलते निर्धन व्यक्तियों को अपनी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमित बजट का सामना करना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप, वे भोजन के बजाए अन्य अत्यावश्यक मदों पर अधिक खर्च करने के लिए मजबूर होते हैं।
3. भूख और निर्धनता का संबंध:
इस स्थिति से भूख और निर्धनता के बीच एक बढ़ता हुआ अंतर उत्पन्न हो रहा है। खाद्य व्यय में कमी के कारण, गरीबों की पोषण स्थिति बिगड़ रही है, जबकि सामाजिक सुरक्षा के अन्य क्षेत्रों में भी सुधार की कमी है।
इस प्रकार, सामाजिक व्यय में कटौती के कारण निर्धन वर्ग की खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो रही है, जिससे भूख और निर्धनता के बीच अंतर बढ़ रहा है।
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भारत में कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) ने महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। DBT का उद्देश्य सरकारी सब्सिडी और सहायता को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करना है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और धनराशि का सही ढंग से वितरण सRead more
भारत में कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) ने महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। DBT का उद्देश्य सरकारी सब्सिडी और सहायता को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करना है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और धनराशि का सही ढंग से वितरण सुनिश्चित हो सके।
प्रभावशीलता:
चुनौतियाँ:
निष्कर्ष:
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) ने भारत में कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता में सुधार किया है, लेकिन इसे पूरी तरह से सफल बनाने के लिए डिजिटल और बैंकिंग अवसंरचना में सुधार की आवश्यकता है। DBT ने भ्रष्टाचार को कम किया है और सरकारी योजनाओं के लाभ को लाभार्थियों तक पहुँचाने में सहायता की है, लेकिन इसकी पूर्ण सफलता सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक और तकनीकी बाधाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है।
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