क्या ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से, डिजिटल निरक्षरता ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आइ० सी० टी०) की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न किया है? औचित्य सहित परीक्षण कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
राष्ट्रीय आयुष मिशन के मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय आयुष मिशन (National Ayush Mission - NAM) भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को समर्थन देने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक पहल है। इसके तहत आयुर्वेद, योग, सिद्धा, यूनानी, और होम्योपैथी चिकित्सा प्रणालियों को प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँRead more
राष्ट्रीय आयुष मिशन के मुख्य उद्देश्य
राष्ट्रीय आयुष मिशन (National Ayush Mission – NAM) भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को समर्थन देने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक पहल है। इसके तहत आयुर्वेद, योग, सिद्धा, यूनानी, और होम्योपैथी चिकित्सा प्रणालियों को प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँ इसके मुख्य उद्देश्यों का संक्षेप में विवरण दिया गया है:
1. आयुष सेवाओं की पहुँच और गुणवत्ता में सुधार
- उद्देश्य: आयुष चिकित्सा सेवाओं की पहुँच को व्यापक बनाना और उनके मानकों को ऊँचा उठाना, ताकि सभी वर्गों तक उच्च गुणवत्ता की सेवाएँ पहुँच सकें।
- हाल का उदाहरण: Ayushman Bharat Health and Wellness Centres के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयुष सेवाओं की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
2. पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों का समर्थन और विकास
- उद्देश्य: आयुर्वेद, योग, सिद्धा, यूनानी, और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को समर्थन प्रदान करना और उनका विकास करना।
- हाल का उदाहरण: Ayush Ministry’s Scheme for Promotion of Yoga के तहत योग और ध्यान को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे हैं।
3. आयुष शिक्षा और अनुसंधान का संवर्धन
- उद्देश्य: आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना, जिससे नई चिकित्सा विधियों और उपचारों का विकास हो सके।
- हाल का उदाहरण: Central Council for Research in Ayurvedic Sciences (CCRAS) और Central Council for Research in Homoeopathy (CCRH) द्वारा चलाए जा रहे अनुसंधान प्रोजेक्ट्स।
4. मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना
- उद्देश्य: आयुष चिकित्सा क्षेत्र में कुशल मानव संसाधनों का निर्माण और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, ताकि प्रभावी चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की जा सकें।
- हाल का उदाहरण: National Institute of Ayurveda और National Institute of Siddha जैसे संस्थानों की स्थापना और विकास।
5. आयुष की समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकरण
- उद्देश्य: आयुष चिकित्सा को व्यापक स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत करना, ताकि एक समग्र और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सके।
- हाल का उदाहरण: National Health Mission (NHM) के साथ आयुष सेवाओं का एकीकरण, जिससे सभी स्वास्थ्य सेवाओं में समन्वय और सुधार हो सके।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य आयुष चिकित्सा प्रणालियों के प्रभावी कार्यान्वयन और विस्तार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना है। इसके माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की पहुँच बढ़ाना, गुणवत्ता में सुधार करना, शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना, और समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकरण को सुनिश्चित करना प्राथमिक लक्ष्य हैं। हाल के उदाहरण इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ये पहलें स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं।
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पंचकर्म चिकित्सा: एक संक्षिप्त टिप्पणी परिचय पंचकर्म चिकित्सा आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह चिकित्सा प्रणाली पाचन, स्राव, और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने पर केंद्रित होती है। पंचकर्म के पांच प्रमुख उपाय वामन:Read more
पंचकर्म चिकित्सा: एक संक्षिप्त टिप्पणी
परिचय पंचकर्म चिकित्सा आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह चिकित्सा प्रणाली पाचन, स्राव, और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने पर केंद्रित होती है।
पंचकर्म के पांच प्रमुख उपाय
हाल की उदाहरण
सारांश पंचकर्म चिकित्सा एक संपूर्ण आयुर्वेदिक प्रणाली है जो शरीर की प्राकृतिक तंत्रिकाओं को पुनः संजीवनी देने का प्रयास करती है। आधुनिक समय में भी इसके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, विशेष रूप से इसके लाभकारी स्वास्थ्य परिणामों की वजह से। हाल के उदाहरण और अनुसंधान इसके प्रभावी होने की पुष्टि करते हैं और इस चिकित्सा प्रणाली की लोकप्रियता को दर्शाते हैं।
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