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क्या ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से, डिजिटल निरक्षरता ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आइ० सी० टी०) की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न किया है? औचित्य सहित परीक्षण कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
डिजिटल निरक्षरता और ग्रामीण विकास परिचय: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल निरक्षरता ने आइसीटी की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न की है। उपलब्धता में अंतर: इंटरनेट और डिजिटल साधनों की कमी ने ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या को आइसीटी सुविधाओं तक पहुंचने में बाधा डाली है। शिक्षRead more
डिजिटल निरक्षरता और ग्रामीण विकास
परिचय:
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल निरक्षरता ने आइसीटी की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न की है।
उपलब्धता में अंतर:
इंटरनेट और डिजिटल साधनों की कमी ने ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या को आइसीटी सुविधाओं तक पहुंचने में बाधा डाली है।
शिक्षा और रोजगार:
डिजिटल निरक्षरता की कमी ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को रोका है।
सामाजिक संवाद:
आइसीटी के अभाव में, सामाजिक संवाद और साझेदारी के क्षेत्र में भी ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता बढ़ी है।
समाधान:
इस समस्या का समाधान डिजिटल शिक्षा के माध्यम से हो सकता है, जैसे इंटरनेट सुविधाएं और डिजिटल योग्यता को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष:
See lessइस प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल निरक्षरता ने आइसीटी की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न की है, जिससे इस समस्या का समाधान अत्यधिक आवश्यक है।
भारत में मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
भारत में मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण 1. मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) की प्रमुख पहलू: भर्ती और चयन: भारत में, भर्ती प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ रहा है, जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियां डRead more
भारत में मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण
1. मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) की प्रमुख पहलू:
2. हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष:
See lessभारत में मानव संसाधन प्रबंधन में तकनीकी नवाचार, कौशल विकास, और प्रदर्शन मूल्यांकन जैसे पहलू महत्वपूर्ण हैं। हाल के वास्तविक समय की चुनौतियों और विकासात्मक कदम ने इस क्षेत्र में सुधार और लचीलापन को प्रोत्साहित किया है।
"भारत में जनांकिकीय लाभांश तब तक सैद्धांतिक ही बना रहेगा जब तक कि हमारी जनशक्ति अधिक शिक्षित, जागरूक, कुशल और सृजनशील नहीं हो जाती।" सरकार ने हमारी जनसंख्या को अधिक उत्पादनशील और रोज़गार योग्य बनने की क्षमता में वृद्धि के लिए कौन-से उपाय किए हैं ? (200 words) [UPSC 2016]
भारत में जनांकिकीय लाभांश को वास्तविकता में बदलने के लिए सरकार के उपाय परिचय भारत का जनांकिकीय लाभांश एक बड़ी संभावना प्रस्तुत करता है, लेकिन इसे वास्तविकता में बदलने के लिए जनशक्ति को शिक्षित, जागरूक, कुशल और सृजनशील बनाना आवश्यक है। इस दिशा में सरकार ने कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। सरकारी उपाय कौशलRead more
भारत में जनांकिकीय लाभांश को वास्तविकता में बदलने के लिए सरकार के उपाय
परिचय भारत का जनांकिकीय लाभांश एक बड़ी संभावना प्रस्तुत करता है, लेकिन इसे वास्तविकता में बदलने के लिए जनशक्ति को शिक्षित, जागरूक, कुशल और सृजनशील बनाना आवश्यक है। इस दिशा में सरकार ने कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं।
सरकारी उपाय
हाल की मिसालें:
निष्कर्ष सरकार ने जनांकिकीय लाभांश को वास्तविकता में बदलने के लिए कौशल विकास, शैक्षिक सुधार, उद्यमिता समर्थन, और उच्च शिक्षा में सुधार के कई उपाय किए हैं। ये उपाय जनशक्ति को अधिक उत्पादनशील और रोजगार योग्य बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
See lessउच्च संवृद्धि के लगातार अनुभव के बावजूद, भारत के मानव विकास के निम्नतम संकेतक चल रहे हैं। उन मुद्दों का परीक्षण कीजिए, जो संतुलित और समावेशी विकास को पकड़ में आने नहीं दे रहे हैं। (150 words) [UPSC 2019]
भारत में उच्च संवृद्धि के बावजूद, मानव विकास के निम्नतम संकेतक कई मुद्दों के कारण प्रभावित हो रहे हैं: 1. समानता की कमी: भारत में आर्थिक वृद्धि का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से नहीं पहुँच रहा है। सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण, गरीब और हाशिये पर रहने वाले समूहों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे मRead more
भारत में उच्च संवृद्धि के बावजूद, मानव विकास के निम्नतम संकेतक कई मुद्दों के कारण प्रभावित हो रहे हैं:
1. समानता की कमी:
भारत में आर्थिक वृद्धि का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से नहीं पहुँच रहा है। सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण, गरीब और हाशिये पर रहने वाले समूहों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे मानव विकास के संकेतक कमजोर होते हैं।
2. स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की कमी:
स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश की कमी और उनके असमान वितरण के कारण, देश के कई हिस्सों में बुनियादी सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच सीमित है। यह स्थिति विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में अधिक गंभीर है।
3. गरीबी और कुपोषण:
हालांकि आर्थिक वृद्धि हुई है, गरीबी और कुपोषण जैसी समस्याएँ अभी भी व्यापक रूप से विद्यमान हैं। यह स्थिति मानव विकास के संकेतकों को प्रभावित करती है।
4. संविधानिक और प्रशासनिक चुनौतियाँ:
प्रभावी नीतियों और योजनाओं की कमी, भ्रष्टाचार, और प्रशासनिक अक्षमता भी संतुलित और समावेशी विकास को बाधित करती है।
इन मुद्दों के समाधान के लिए प्रभावी नीतियाँ और सुधारात्मक उपाय आवश्यक हैं।
See less"व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को सार्थक बनाने के लिए 'सीखते हुए कमाना (अर्न व्हाइल यू लर्न) की योजना को सशक्त करने की आवश्यकता है।" टिप्पणी कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
"व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को सार्थक बनाने के लिए 'सीखते हुए कमाना (अर्न व्हाइल यू लर्न) की योजना को सशक्त करने की आवश्यकता है" इस कथन पर टिप्पणी करते हुए: सार्थकता का कारण: प्रायोगिक अनुभव: 'सीखते हुए कमाना' मॉडल के तहत, छात्र वास्तविक कार्य वातावरण में काम करते हुए व्यावसायिक कौशल प्राप्Read more
“व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को सार्थक बनाने के लिए ‘सीखते हुए कमाना (अर्न व्हाइल यू लर्न) की योजना को सशक्त करने की आवश्यकता है” इस कथन पर टिप्पणी करते हुए:
सार्थकता का कारण:
प्रायोगिक अनुभव: ‘सीखते हुए कमाना’ मॉडल के तहत, छात्र वास्तविक कार्य वातावरण में काम करते हुए व्यावसायिक कौशल प्राप्त कर सकते हैं। यह उन्हें काम के दौरान त्वरित अनुभव और सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करने का अवसर प्रदान करता है।
आर्थिक समर्थन: इस मॉडल के माध्यम से, छात्र अपनी शिक्षा के दौरान आय प्राप्त कर सकते हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है और शिक्षा को अधिक सुलभ बनाता है।
सशक्तीकरण की आवश्यकता:
संस्थान और उद्योग साझेदारी: इस योजना को सफल बनाने के लिए, शिक्षा संस्थानों और उद्योगों के बीच मजबूत साझेदारी की आवश्यकता है, ताकि उपयुक्त अवसर और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।
संगठित प्रशिक्षण कार्यक्रम: कुशल प्रशिक्षण और मार्गदर्शन सुनिश्चित करने के लिए ठोस और व्यवस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक हैं, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी अनुभव मिल सके।
इस प्रकार, ‘सीखते हुए कमाना’ योजना को सशक्त बनाने से व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाया जा सकता है।
See lessविभिन्न क्षेत्रों में मानव संसाधनों की आपूर्ति में वृद्धि करने में कौशल विकास कार्यक्रमों ने सफलता अर्जित की है। इस कथन के सन्दर्भ में शिक्षा, कौशल और रोजगार के मध्य संयोजन का विश्लेषण कीजिए । (250 words) [UPSC 2023]
कौशल विकास कार्यक्रमों ने विभिन्न क्षेत्रों में मानव संसाधनों की आपूर्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा, कौशल, और रोजगार के बीच संबंध को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है: 1. शिक्षा की आधारशिला: शिक्षा व्यक्तिगत विकास की नींव रखती है। यह प्राथमिक ज्ञान, साक्षRead more
कौशल विकास कार्यक्रमों ने विभिन्न क्षेत्रों में मानव संसाधनों की आपूर्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षा, कौशल, और रोजगार के बीच संबंध को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:
1. शिक्षा की आधारशिला:
शिक्षा व्यक्तिगत विकास की नींव रखती है। यह प्राथमिक ज्ञान, साक्षरता, गणितीय कौशल, और सोचने की क्षमता प्रदान करती है, जो आगे के कौशल विकास के लिए आवश्यक होते हैं। एक अच्छी शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों को एक मजबूत आधार प्रदान करती है, जिस पर वे विशेष कौशल सीख सकते हैं।
2. कौशल विकास:
कौशल विकास कार्यक्रम शिक्षा के ज्ञान को व्यावसायिक और तकनीकी दक्षताओं में परिवर्तित करते हैं। ये कार्यक्रम व्यावसायिक प्रशिक्षण, तकनीकी कौशल, और सॉफ्ट स्किल्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो रोजगार की मांग के अनुसार तैयार किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, डिजिटल कौशल, व्यावसायिक संचार, और तकनीकी विशेषज्ञता में प्रशिक्षण से व्यक्तियों की कार्यक्षमता और रोजगार योग्यता में सुधार होता है।
3. रोजगार का संबंध:
कौशल विकास का प्रमुख उद्देश्य रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाना है। जब कौशल विकास कार्यक्रम उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार होते हैं, तो इससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यक्ति उन कौशलों के साथ प्रशिक्षित होते हैं जिनकी मांग बाजार में होती है। इससे कामकाजी व्यक्तियों को अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं और वे अपनी नौकरियों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
4. आर्थिक विकास:
कौशल विकास के माध्यम से बढ़ी हुई रोजगार योग्यता एक उत्पादक कार्यबल का निर्माण करती है। एक कुशल कार्यबल कंपनियों को नवाचार और दक्षता में सुधार करने में मदद करता है, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। कौशल प्राप्त व्यक्तियों की उच्च वेतन वृद्धि से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होती है, जो अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देती है।
5. प्रतिक्रिया चक्र:
सफल कौशल विकास कार्यक्रम और रोजगार प्राप्ति एक सकारात्मक प्रतिक्रिया चक्र का निर्माण करती है। जब अधिक व्यक्ति अच्छी नौकरियां प्राप्त करते हैं, तो वे समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं, जिससे कौशल विकास कार्यक्रमों की महत्ता बढ़ती है और उनके सुधार में निवेश होता है।
इस प्रकार, शिक्षा कौशल प्राप्ति का आधार होती है, कौशल विकास कार्यक्रम उन कौशलों को संवारते हैं, और रोजगार उन कौशलों का उपयोग करके व्यक्तियों और समाज को लाभ पहुंचाता है। यह संयोजन सुनिश्चित करता है कि मानव संसाधन कुशल, सक्षम और रोजगार के लिए तैयार हों।
See lessमानव संसाधन विकास पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाना भारत की विकास प्रक्रिया का एक कठोर पक्ष रहा है। ऐसे उपाय सुझाइए जो इस अपर्याप्तता को दूर कर सके । (150 words)[UPSC 2023]
मानव संसाधन विकास (HRD) पर ध्यान देने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं: शिक्षा प्रणाली में सुधार: पाठ्यक्रम को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार अपडेट करें और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर जोर दें। शिक्षकों की प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा दें। व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा: व्यावसायRead more
मानव संसाधन विकास (HRD) पर ध्यान देने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
ये उपाय मानव संसाधन विकास की प्रभावशीलता को सुधार सकते हैं और सतत विकास में योगदान कर सकते हैं।
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