क्या ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से, डिजिटल निरक्षरता ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आइ० सी० टी०) की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न किया है? औचित्य सहित परीक्षण कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
भारत में मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण 1. मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) की प्रमुख पहलू: भर्ती और चयन: भारत में, भर्ती प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ रहा है, जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियां डRead more
भारत में मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण
1. मानव संसाधन प्रबंधन (HRM) की प्रमुख पहलू:
- भर्ती और चयन: भारत में, भर्ती प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ रहा है, जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियां डेटा-आधारित चयन प्रक्रिया अपनाती हैं।
- प्रशिक्षण और विकास: कर्मचारी प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम जैसे Skill India और PMKVY (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana) ने कौशल विकास और कर्मचारी उत्पादकता में योगदान किया है।
- प्रदर्शन मूल्यांकन: 360 डिग्री फीडबैक और कर्मचारी मूल्यांकन सिस्टम का उपयोग प्रदर्शन में सुधार और संगठनात्मक विकास के लिए किया जाता है।
2. हालिया उदाहरण:
- COVID-19 महामारी के दौरान, वर्क-फ्रॉम-होम मॉडल ने मानव संसाधन प्रबंधन को लचीलापन और तकनीकी समायोजन की चुनौती दी। कंपनियों ने आभासी मीटिंग्स और डिजिटल प्रबंधन टूल्स अपनाए।
- अमेज़न और अल्फाबेट (गूगल) जैसी कंपनियों ने कर्मचारी भलाई और विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए सुरक्षा और समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया है।
निष्कर्ष:
भारत में मानव संसाधन प्रबंधन में तकनीकी नवाचार, कौशल विकास, और प्रदर्शन मूल्यांकन जैसे पहलू महत्वपूर्ण हैं। हाल के वास्तविक समय की चुनौतियों और विकासात्मक कदम ने इस क्षेत्र में सुधार और लचीलापन को प्रोत्साहित किया है।
डिजिटल निरक्षरता और ग्रामीण विकास परिचय: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल निरक्षरता ने आइसीटी की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न की है। उपलब्धता में अंतर: इंटरनेट और डिजिटल साधनों की कमी ने ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या को आइसीटी सुविधाओं तक पहुंचने में बाधा डाली है। शिक्षRead more
डिजिटल निरक्षरता और ग्रामीण विकास
परिचय:
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल निरक्षरता ने आइसीटी की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न की है।
उपलब्धता में अंतर:
इंटरनेट और डिजिटल साधनों की कमी ने ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या को आइसीटी सुविधाओं तक पहुंचने में बाधा डाली है।
शिक्षा और रोजगार:
डिजिटल निरक्षरता की कमी ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को रोका है।
सामाजिक संवाद:
आइसीटी के अभाव में, सामाजिक संवाद और साझेदारी के क्षेत्र में भी ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता बढ़ी है।
समाधान:
इस समस्या का समाधान डिजिटल शिक्षा के माध्यम से हो सकता है, जैसे इंटरनेट सुविधाएं और डिजिटल योग्यता को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष:
See lessइस प्रकार, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल निरक्षरता ने आइसीटी की अल्प-उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न की है, जिससे इस समस्या का समाधान अत्यधिक आवश्यक है।