प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022] विद्युत धारा की एस०आई० इकाई क्या है?
जैव आवर्धन: एक अवलोकन परिभाषा और तंत्र जैव आवर्धन (Biomagnification) एक प्रक्रिया है जिसमें विषैले पदार्थों की सांद्रता खाद्य श्रृंखला के ऊपरी स्तरों पर बढ़ जाती है। यह तब होता है जब ये पदार्थ जीवों में आसानी से विघटित या उत्सर्जित नहीं होते, जिससे इनकी सांद्रता उच्च तात्त्विक स्तरों पर बढ़ जाती है।Read more
जैव आवर्धन: एक अवलोकन
परिभाषा और तंत्र जैव आवर्धन (Biomagnification) एक प्रक्रिया है जिसमें विषैले पदार्थों की सांद्रता खाद्य श्रृंखला के ऊपरी स्तरों पर बढ़ जाती है। यह तब होता है जब ये पदार्थ जीवों में आसानी से विघटित या उत्सर्जित नहीं होते, जिससे इनकी सांद्रता उच्च तात्त्विक स्तरों पर बढ़ जाती है।
कैसे होता है:
- अवशोषण: विषैले पदार्थ जीवों द्वारा उनके वातावरण (पानी, मिट्टी, या भोजन) से अवशोषित होते हैं।
- जैव संचयन: ये पदार्थ जीवों की कोशिकाओं में समय के साथ संचित होते हैं।
- पोषणीय स्थानांतरण: जब शिकारी शिकार को खाते हैं, तो विषैले पदार्थों की सांद्रता शिकारी के शरीर में बढ़ जाती है, अक्सर कई गुना।
हाल के उदाहरण और प्रभाव
- पानी में पारा:
- उदाहरण: अमेज़न बेसिन में खनन गतिविधियों के कारण पानी में पारा की मात्रा बढ़ गई है। पारा मछलियों में संचित हो जाता है और खाद्य श्रृंखला के ऊपरी स्तरों पर बढ़ जाता है, जिससे स्थानीय समुदायों की सेहत प्रभावित हो रही है। हाल की रिपोर्टों में अमेज़न नदी की मछलियों में पारा की उच्च सांद्रता का पता चला है।
- DDT और शिकारी पक्षी:
- उदाहरण: DDT कीटनाशक का प्रयोग 20वीं सदी के मध्य में बहुत बड़े पैमाने पर हुआ था, जिसका प्रभाव प्रमुख शिकारी पक्षियों जैसे कि बांग्ला बाज और पेरेग्रीन फाल्कन पर पड़ा। DDT के कारण इन पक्षियों के अंडों की खोल पतली हो गई, जिससे उनका प्रजनन प्रभावित हुआ। हालांकि कई देशों में DDT पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसके ऐतिहासिक प्रभाव अभी भी देखे जा सकते हैं।
- सूक्ष्म प्लास्टिक्स और समुद्री जीवन:
- उदाहरण: सूक्ष्म प्लास्टिक्स एक व्यापक प्रदूषक बन गए हैं। समुद्री जीव, जैसे कि प्लांकटन और बड़ी मछलियाँ, सूक्ष्म प्लास्टिक्स का सेवन करती हैं, जो फिर खाद्य श्रृंखला के ऊपरी स्तरों पर संचित होते हैं। हाल की शोध में यह पाया गया है कि समुद्री स्तनधारियों के अंगों में भी सूक्ष्म प्लास्टिक्स पाए गए हैं, जो उनकी सेहत को प्रभावित कर सकते हैं और मानव स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।
परिणाम और समाधान
पारिस्थितिकी पर प्रभाव:
- जैव आवर्धन पारिस्थितिक तंत्र में गंभीर असंतुलन और शीर्ष शिकारी प्रजातियों की जनसंख्या में कमी का कारण बन सकता है।
मानव स्वास्थ्य जोखिम:
- विषैले पदार्थों से युक्त मछलियाँ और वन्य जीवों का सेवन करने से मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे तंत्रिका तंत्र और विकासात्मक समस्याएँ।
निवारण उपाय:
- जैव आवर्धन से निपटने के लिए, यह आवश्यक है कि स्थायी प्रदूषकों का उपयोग कम किया जाए, कचरे का प्रबंधन सुधारा जाए, और औद्योगिक उत्सर्जनों पर सख्त नियम लागू किए जाएं। प्रदूषकों की निगरानी और नियंत्रण उनके स्रोत पर रोकथाम में मदद कर सकते हैं।
निष्कर्ष जैव आवर्धन एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा है जिसका व्यापक प्रभाव पारिस्थितिक तंत्र और मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसे समझना और इससे निपटना पर्यावरणीय नीति, प्रदूषण नियंत्रण, और जन जागरूकता के समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।
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धारा की माप के लिए अंपियर का उपयोग इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों में किया जाता है, और यह विद्युत नेटवर्क, उपकरणों, और सर्किट डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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