भारत ने हाल ही में अपना पहला जैविक डेटा केंद्र स्थापित किया है। इसके उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए, इसके महत्व पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर उपयोग किए जा सकते कुछ वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधान निम्नलिखित हैं: सोडियम आयन बैटरी: सोडियम आयन बैटरी लिथियम आयन बैटरी की तुलना में अधिक सस्ती और पृथ्वी में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। यह ऊर्जा भंडारण के लिए एक टिकाऊ विकल्पRead more
अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर उपयोग किए जा सकते कुछ वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधान निम्नलिखित हैं:
- सोडियम आयन बैटरी: सोडियम आयन बैटरी लिथियम आयन बैटरी की तुलना में अधिक सस्ती और पृथ्वी में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। यह ऊर्जा भंडारण के लिए एक टिकाऊ विकल्प हो सकता है।
- फ्लो बैटरी: वैनैडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी जैसी फ्लो बैटरी तकनीक लंबे समय तक ऊर्जा भंडारण और उच्च शक्ति प्रदान करती है। ये विशेष रूप से बड़े पैमाने पर ऊर्जा ग्रिड के लिए उपयुक्त होती हैं।
- पंप्ड-हाइड्रो स्टोरेज: यह एक成熟 तकनीक है जो उच्च और निम्न ऊंचाई वाले जलाशयों के बीच पानी की पंपिंग और पुनः प्रवाह का उपयोग करती है।
- संघनन ऊर्जा भंडारण (Compressed Air Energy Storage – CAES): यह तकनीक ऊर्जा को वायु के संपीडन के रूप में भंडारित करती है और ऊर्जा की आवश्यकता पर उसे पुनः उपयोग में लाती है।
ये समाधान अक्षय ऊर्जा की स्थिरता और विश्वसनीयता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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भारत ने हाल ही में अपना पहला जैविक डेटा केंद्र (Bio-Data Center) स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य जीनोमिक्स, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, और स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान को सशक्त बनाना है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है: स्वास्थ्य अनुसंधान और चिकित्सा: जैविक डेटा केंद्र व्यापक जीनोRead more
भारत ने हाल ही में अपना पहला जैविक डेटा केंद्र (Bio-Data Center) स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य जीनोमिक्स, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, और स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान को सशक्त बनाना है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
इस प्रकार, जैविक डेटा केंद्र भारत की स्वास्थ्य और अनुसंधान क्षमताओं को उन्नत बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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