बौद्धिक सम्पदा अधिकारों (IPR) से संबन्धित मुद्दों की चर्चा कीजिए और इनके उल्लंघन को कैसे रोका जा सकता है ? (200 Words) [UPPSC 2022]
जगदीश चंद्र बोस (1858-1937) ने आधुनिक विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान किए। वे भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने पौधों के जीवन और संवेदी प्रतिक्रियाओं पर महत्वपूर्ण शोध किया। बोस ने साबित किया कि पौधे भी जीवित प्राणियों की तरह प्रतिक्रिया करते हैं, एक दृष्टिकोण जो उनके "The Response of Plants to StimuliRead more
जगदीश चंद्र बोस (1858-1937) ने आधुनिक विज्ञान में कई महत्वपूर्ण योगदान किए। वे भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने पौधों के जीवन और संवेदी प्रतिक्रियाओं पर महत्वपूर्ण शोध किया। बोस ने साबित किया कि पौधे भी जीवित प्राणियों की तरह प्रतिक्रिया करते हैं, एक दृष्टिकोण जो उनके “The Response of Plants to Stimuli” अध्ययन में स्पष्ट हुआ।
वे रेडियो तरंगों के क्षेत्र में भी अग्रणी थे और “माइक्रोवेव तकनीक” का उपयोग करके विद्युत चुम्बकीय तरंगों का अनुभव किया। उन्होंने लौहता की परख करने वाले प्रयोग में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और “बोस-रिस्क प्रयोग” के माध्यम से इस क्षेत्र में सुधार किया।
उनकी यह खोजें और प्रयोग भारतीय विज्ञान की नींव को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक विज्ञान में भी प्रभावशाली साबित हुईं। बोस की इन खोजों ने उन्हें विज्ञान की दुनिया में एक अनोखा स्थान दिलाया।
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आदित्य-एल1 और आदित्य-1 में मुख्य अंतर उनकी मिशन प्राथमिकताओं और प्रौद्योगिकी में है। आदित्य-1, 2008 में प्रस्तावित किया गया था, परंतु तकनीकी और समय संबंधी मुद्दों के कारण इसे लॉन्च नहीं किया जा सका। आदित्य-एल1, इसकी उन्नत संस्करण है, जिसे 2023 में लॉन्च करने के लिए तैयार किया गया है। आदित्य-एल1 का मRead more
आदित्य-एल1 और आदित्य-1 में मुख्य अंतर उनकी मिशन प्राथमिकताओं और प्रौद्योगिकी में है। आदित्य-1, 2008 में प्रस्तावित किया गया था, परंतु तकनीकी और समय संबंधी मुद्दों के कारण इसे लॉन्च नहीं किया जा सका। आदित्य-एल1, इसकी उन्नत संस्करण है, जिसे 2023 में लॉन्च करने के लिए तैयार किया गया है।
आदित्य-एल1 का मुख्य उद्देश्य सूर्य की विभिन्न विशेषताओं का अध्ययन करना है। इसके वैज्ञानिक उद्देश्यों में शामिल हैं:
आदित्य-एल1 इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सूर्य के एक विशेष कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
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