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कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है? 1. परिभाषा और मूल बातें: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) उस तकनीक को संदर्भित करती है, जिसके द्वारा कंप्यूटर और मशीनें मानव बुद्धि के समान कार्यक्षमता को लागू करती हैं। इसमें मशीनों को ऐसे कार्य करने के लिए सक्षम बनाना शामिल है जोRead more
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?
1. परिभाषा और मूल बातें:
2. AI के प्रकार:
3. हाल के उदाहरण और अनुप्रयोग:
4. सामाजिक और नैतिक मुद्दे:
5. निष्कर्ष:
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है? यंत्र कैसे बुद्धिमत्ता प्राप्त करते हैं?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है? यंत्र कैसे बुद्धिमत्ता प्राप्त करते हैं? कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का परिचय कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वह तकनीक है जो मशीनों को मानव जैसी बुद्धिमत्ता और निर्णय लेने की क्षमताएँ प्रदान करती है। इसका उद्देश्य ऐसे सिस्टम विकसित करना है जो सोचने, सीखने, समस्या हल करने, और भाषाRead more
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है? यंत्र कैसे बुद्धिमत्ता प्राप्त करते हैं?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का परिचय
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वह तकनीक है जो मशीनों को मानव जैसी बुद्धिमत्ता और निर्णय लेने की क्षमताएँ प्रदान करती है। इसका उद्देश्य ऐसे सिस्टम विकसित करना है जो सोचने, सीखने, समस्या हल करने, और भाषा समझने की क्षमता रखते हों। AI को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
यंत्र कैसे बुद्धिमत्ता प्राप्त करते हैं
मशीनें बुद्धिमत्ता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित तकनीकों और विधियों का उपयोग करती हैं:
हाल के उदाहरण
निष्कर्ष
कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति है जो विभिन्न उद्योगों को बदलने की क्षमता रखती है। यंत्र बुद्धिमत्ता प्राप्त करने के लिए मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, और नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी विधियों का उपयोग करते हैं, जिन्हें विशाल डेटा और कम्प्यूटेशनल शक्ति द्वारा समर्थित किया जाता है। हाल के उदाहरण इन तकनीकों के विविध अनुप्रयोगों और उनके प्रभाव को दर्शाते हैं, जो AI के तेजी से विकसित होते परिदृश्य को समझने में सहायक हैं।
See lessकृत्रिम बुद्धि (ए० आइ०) की अवधारणा का परिचय दीजिए। ए० आइ० क्लिनिकल निदान में कैसे मदद करता है? क्या आप स्वास्थ्य सेवा में ए० आइ० के उपयोग में व्यक्ति की निजता को कोई खतरा महसूस करते हैं? (150 words)[UPSC 2023]
कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) की अवधारणा कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) का तात्पर्य मशीनों की उन प्रणालियों से है जो मानव बुद्धि की नकल करके ऐसे कार्य कर सकती हैं जिन्हें सामान्यतः मानव सोच और समझ की आवश्यकता होती है। इसमें लर्निंग, रेज़निंग, और प्रॉब्लम-सॉल्विंग शामिल हैं। ए.आई. का क्लिनिकल निदान में योगदान सटीकतRead more
कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) की अवधारणा
कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) का तात्पर्य मशीनों की उन प्रणालियों से है जो मानव बुद्धि की नकल करके ऐसे कार्य कर सकती हैं जिन्हें सामान्यतः मानव सोच और समझ की आवश्यकता होती है। इसमें लर्निंग, रेज़निंग, और प्रॉब्लम-सॉल्विंग शामिल हैं।
ए.आई. का क्लिनिकल निदान में योगदान
निजता पर खतरे
निष्कर्ष
हालांकि ए.आई. क्लिनिकल निदान में महत्वपूर्ण सुधार ला सकता है, इसके उपयोग में निजता को लेकर सुरक्षा उपाय और नैतिक दिशानिर्देश सुनिश्चित करना आवश्यक है।
See lessसरकारी कार्यकलापों के लिए, सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग बनाम स्वसंस्थागत मशीन-आधारित होस्टिंग के लाभों और सुरक्षा निहितार्थों पर चर्चा कीजिए ।
सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग के लाभ स्केलेबिलिटी: क्लाउड होस्टिंग सरकारी एजेंसियों को मांग के आधार पर संसाधनों को जल्दी से बढ़ाने या घटाने की अनुमति देती है। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान, सरकारों ने दूरस्थ कार्य और डिजिटल सेवाओं का समर्थन करने के लिए क्लाउड संसाधनों को तेजी से बढ़ाया। लागतRead more
सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग के लाभ
क्लाउड होस्टिंग बनाम स्वसंस्थागत होस्टिंग के सुरक्षा निहितार्थ
निष्कर्ष: जबकि क्लाउड होस्टिंग स्केलेबिलिटी, लागत दक्षता और सुगम्यता के संदर्भ में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, यह डेटा संप्रभुता और साइबर सुरक्षा से संबंधित चुनौतियाँ भी पैदा करती है। सरकारों को इन कारकों का संतुलन बनाना चाहिए, और संभवतः क्लाउड और स्वसंस्थागत होस्टिंग के लाभों को संयोजित करने के लिए हाइब्रिड समाधान अपनाने चाहिए।
See lessS-400 हवाई रक्षा प्रणाली, विश्व में इस समय उपलब्ध अन्य किसी प्रणाली की तुलना में किस प्रकार से तकनीकी रूप से श्रेष्ठ है ? (150 words) [UPSC 2021]
S-400 हवाई रक्षा प्रणाली की तकनीकी श्रेष्ठता 1. उन्नत रडार प्रौद्योगिकी: S-400 प्रणाली में उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार जैसे X-बैंड रडार (96L6) और L-बैंड रडार (91N6E) शामिल हैं, जो विस्तृत पता लगाने की क्षमता प्रदान करते हैं और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकते हैं। इस रडार क्षमता से जल्द पहचान संभव होतीRead more
S-400 हवाई रक्षा प्रणाली की तकनीकी श्रेष्ठता
1. उन्नत रडार प्रौद्योगिकी: S-400 प्रणाली में उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार जैसे X-बैंड रडार (96L6) और L-बैंड रडार (91N6E) शामिल हैं, जो विस्तृत पता लगाने की क्षमता प्रदान करते हैं और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकते हैं। इस रडार क्षमता से जल्द पहचान संभव होती है।
2. लंबी दूरी की संलग्नता: S-400 400 किमी तक की दूरी पर लक्ष्यों को निशाना बना सकता है, जो कई अन्य प्रणालियों की तुलना में श्रेष्ठ है। उदाहरण के लिए, इसके 40N6E मिसाइल की रेंज अमेरिका के Patriot सिस्टम (160 किमी) से अधिक है।
3. बहु-लक्ष्य क्षमता: यह प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्यों को विभिन्न मिसाइलों से संलग्न कर सकती है, जैसे 48N6E और 40N6E, जिससे यह छुपे विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ प्रभावी है।
4. उच्च गतिशीलता: S-400 अत्यंत मोबाइल है और इसे ट्रांसपोर्टर-एरेक्टर-लॉन्चर्स (TELs) का उपयोग करके तेजी से स्थानांतरित किया जा सकता है, जो तात्कालिक प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाता है।
5. एकीकृत प्रणाली: S-400 विभिन्न मिसाइल प्रकारों और रडार सिस्टमों को एकीकृत करता है, जो एक समग्र रक्षा परत प्रदान करता है।
हालिया उदाहरण: S-400 की क्षमताओं का प्रदर्शन सीरिया में किया गया है, जहां इसने इज़राइली हवाई हमलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया, जिससे इसके प्रभावशीलता की पुष्टि हुई है।
कुल मिलाकर, S-400 की उन्नत रडार, लंबी दूरी की मिसाइलें, बहु-लक्ष्य संलग्नता, गतिशीलता और एकीकरण इसे मौजूदा हवाई रक्षा प्रणालियों की तुलना में तकनीकी रूप से श्रेष्ठ बनाते हैं।
See lessवर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियार भारत की सुरक्षा प्रबंधन में किस प्रकार लाभदायक हो सकता है? इसको समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2020]
वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियारों की भूमिका 1. निरोधात्मक सुरक्षा: नाभिकीय हथियार निरोधात्मक क्षमता प्रदान करते हैं, जो किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने में मदद करती है। भारत की निवारण नीति के तहत, नाभिकीय हथियार देश की सार्वभौमिकता और संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनRead more
वर्तमान उभरती सुरक्षा चुनौतियों में नाभिकीय हथियारों की भूमिका
1. निरोधात्मक सुरक्षा: नाभिकीय हथियार निरोधात्मक क्षमता प्रदान करते हैं, जो किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने में मदद करती है। भारत की निवारण नीति के तहत, नाभिकीय हथियार देश की सार्वभौमिकता और संप्रभुता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गए हैं।
2. सुरक्षा संतुलन: नाभिकीय हथियार सार्वभौम शक्ति संतुलन बनाए रखते हैं, विशेषकर जब पड़ोसी देशों के पास भी नाभिकीय हथियार हों। भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के संदर्भ में, इन हथियारों ने सामरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद की है।
3. संघर्ष में स्थिरता: नाभिकीय हथियारों की उपस्थिति युद्ध के जोखिम को कम करती है, क्योंकि नाभिकीय युद्ध की संभावना अत्यधिक विनाशकारी होती है। इससे संघर्ष की संभावना कम होती है और आंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता है।
4. रोकथाम क्षमता: नाभिकीय हथियार शक्तिशाली निवारक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे संसाधन संलयन और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा गारंटी में मदद मिलती है।
निष्कर्ष: नाभिकीय हथियार भारत की सुरक्षा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे निरोधात्मक सुरक्षा, सुरक्षा संतुलन, संघर्ष में स्थिरता, और रोकथाम क्षमता के माध्यम से उभरती सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी तरीके से सामना करने में सहायक हैं।
See lessविज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति-2020 की व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति-2020 की व्याख्या विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2020 (STI Policy 2020) भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक महत्वपूर्ण रणनीतिक दस्तावेज़ है, जिसका उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) के क्षेत्र में प्रगति और विकास को बढ़ावा देना है। मुख्य उद्देशRead more
विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति-2020 की व्याख्या
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2020 (STI Policy 2020) भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक महत्वपूर्ण रणनीतिक दस्तावेज़ है, जिसका उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) के क्षेत्र में प्रगति और विकास को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष: STI Policy 2020 भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में समग्र और सुसंगठित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उन्नत बनाने के लिए तत्पर है।
See lessहालिया समय में, पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने और भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) की स्थापना की मांग बढ़ रही है। इस संदर्भ में, भारत में SMRs स्थापित करने की संभावनाओं और चुनौतियों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) भारत में पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनते जा रहे हैं। SMRs की स्थापना की संभावनाएँ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं: संभावनाएँ: ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा: SMRs का डिजाइन अत्यधिक ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा पर केRead more
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) भारत में पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनते जा रहे हैं। SMRs की स्थापना की संभावनाएँ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
संभावनाएँ:
चुनौतियाँ:
निष्कर्ष: भारत में SMRs की स्थापना की संभावनाएँ उच्च हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरणीय चिंताओं को देखते हुए एक स्थिर, सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता है। हालांकि, इसके लिए निवेश, नियामक ढांचे और कचरे के प्रबंधन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण होगा। भारत को एक समग्र रणनीति के माध्यम से इन चुनौतियों का सामना करना होगा और SMRs के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना होगा।
See lessभले ही चौथी औद्योगिक क्रांति दुनिया में क्रांति लाने का वादा करती है, किंतु इसे अपनाने में कुछ संभावित जोखिम जुड़े हैं। इस संदर्भ में, तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य को अपनाने में भारतीय उद्यमों की सहायता हेतु ध्यान केंद्रित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) ने दुनिया में क्रांति लाने का वादा किया है, लेकिन इसके साथ कुछ संभावित जोखिम भी जुड़े हैं। इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय उद्यमों को तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य को अपनाने में मदद करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए:Read more
चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) ने दुनिया में क्रांति लाने का वादा किया है, लेकिन इसके साथ कुछ संभावित जोखिम भी जुड़े हैं। इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय उद्यमों को तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य को अपनाने में मदद करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए:
इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके, भारतीय उद्यम चौथी औद्योगिक क्रांति के अवसरों को अधिकतम कर सकते हैं और संभावित जोखिमों को कम कर सकते हैं। इससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रह सकते हैं और उद्योग में एक अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
See lessकुछ ऐसे वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधानों की पहचान कीजिए, जिनका उपयोग अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन हेतु हमारी क्षमता का विस्तार करने के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर किया जा सकता है। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर उपयोग किए जा सकते कुछ वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधान निम्नलिखित हैं: सोडियम आयन बैटरी: सोडियम आयन बैटरी लिथियम आयन बैटरी की तुलना में अधिक सस्ती और पृथ्वी में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। यह ऊर्जा भंडारण के लिए एक टिकाऊ विकल्पRead more
अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर उपयोग किए जा सकते कुछ वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधान निम्नलिखित हैं:
ये समाधान अक्षय ऊर्जा की स्थिरता और विश्वसनीयता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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