प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022] रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण दीजिए।
अम्लराज (Aqua-regia): परिभाषा और उपयोग अम्लराज (Aqua-regia) एक अत्यधिक संक्षारक और धुएँ वाला तरल मिश्रण है जो रसायन विज्ञान में बहुमूल्य धातुओं को घोलने की अपनी अद्वितीय क्षमता के लिए जाना जाता है। इसका नाम "राजसी जल" (royal water) पड़ा है क्योंकि यह सोने और प्लेटिनम जैसी धातुओं को घोल सकता है, जो आRead more
अम्लराज (Aqua-regia): परिभाषा और उपयोग
अम्लराज (Aqua-regia) एक अत्यधिक संक्षारक और धुएँ वाला तरल मिश्रण है जो रसायन विज्ञान में बहुमूल्य धातुओं को घोलने की अपनी अद्वितीय क्षमता के लिए जाना जाता है। इसका नाम “राजसी जल” (royal water) पड़ा है क्योंकि यह सोने और प्लेटिनम जैसी धातुओं को घोल सकता है, जो आमतौर पर अन्य अम्लों के प्रति प्रतिरोधी होती हैं।
1. अम्लराज क्या है?
- संघटन:
- अम्लराज, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और नाइट्रिक अम्ल (HNO₃) का मिश्रण है। इसे आमतौर पर 3:1 के अनुपात में तैयार किया जाता है।
- रासायनिक प्रतिक्रिया:
- अम्लराज का उपयोग धातुओं को घोलने के लिए किया जाता है, इसमें क्लोरीन गैस (Cl₂) और नाइट्रोसिल क्लोराइड (NOCl) उत्पन्न होती हैं जो धातुओं के साथ प्रतिक्रिया करती हैं और घुलनशील यौगिक बनाती हैं।
2. अम्लराज के उपयोग
- धातुओं की शुद्धिकरण:
- सोना और प्लेटिनम की शुद्धि: अम्लराज का प्रमुख उपयोग सोने और प्लेटिनम की शुद्धि में होता है। सोना अम्लराज में घुलकर सोने के क्लोराइड के यौगिक में परिवर्तित हो जाता है। इसका उपयोग ज्वेलरी निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक कचरे की पुनरावृत्ति में किया जाता है।
- उदाहरण: ज्वेलरी उद्योग में, अम्लराज का उपयोग सोने को शुद्ध करने के लिए किया जाता है, जिसमें इसके कचरे और अशुद्धियों को हटाया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक पुनरावृत्ति में, यह पुराने सर्किट बोर्डों से कीमती धातुओं को निकालने में मदद करता है।
- विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान:
- धातु यौगिकों की तैयारी: अम्लराज का उपयोग धातु यौगिकों को तैयार करने में किया जाता है, जो विभिन्न विश्लेषणात्मक तकनीकों के लिए आवश्यक होते हैं।
- उदाहरण: आणविक अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी (AAS) और अन्य विश्लेषणात्मक तकनीकों में धातुओं की सांद्रता निर्धारित करने के लिए प्रयोगशालाओं में अम्लराज का उपयोग किया जाता है।
- सतह की सफाई और एचटिंग:
- सतह की सफाई: अम्लराज का उपयोग धातु सतहों की सफाई और एचटिंग में किया जाता है, विशेषकर अर्धचालक निर्माण और सूक्ष्मइलेक्ट्रॉनिक्स में।
- उदाहरण: सेमीकंडक्टर निर्माताओं में, अम्लराज का उपयोग धातु की सतहों को साफ करने के लिए किया जाता है ताकि वे प्रक्रिया के लिए तैयार हों।
- ऐतिहासिक और कलात्मक उपयोग:
- ऐतिहासिक रसायन: अम्लराज का उपयोग ऐतिहासिक अल्केमी और प्रारंभिक रसायन विज्ञान में भी किया गया है। इसका उपयोग प्राचीन वस्तुओं की सफाई और संरक्षण के लिए भी किया जाता है।
- उदाहरण: प्राचीन सोने के वस्तुएँ और सिक्कों की मरम्मत और सफाई के लिए अम्लराज का उपयोग किया जाता है, जिससे उनका मूल स्वरूप पुनः प्राप्त होता है।
**3. हाल के उदाहरण और अनुप्रयोग
- इलेक्ट्रॉनिक्स पुनरावृत्ति:
- उदाहरण: आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स पुनरावृत्ति कंपनियाँ पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कीमती धातुओं जैसे सोना और पैलेडियम को पुनः प्राप्त करने के लिए अम्लराज का उपयोग करती हैं। यह प्रक्रिया स्थायी पुनरावृत्ति प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- नैनोटेक्नोलॉजी:
- उदाहरण: नैनोपार्टिकल्स के संश्लेषण और शुद्धीकरण में अम्लराज का उपयोग किया जाता है। यह धातुओं को घोलकर उच्च गुणवत्ता वाले नैनोपार्टिकल्स के निर्माण में सहायक होता है।
**4. सुरक्षा और संभालना
- सावधानियाँ:
- अम्लराज अत्यधिक संक्षारक और विषैले होते हैं। इसका उपयोग करते समय उचित सुरक्षा उपायों, जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE), धुएँ के स्थान और न्यूट्रलाइजिंग एजेंटों का उपयोग आवश्यक होता है।
- विसर्जन:
- अम्लराज और इसके अवशेषों का निपटान खतरनाक कचरे के नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरणीय संदूषण से बचा जा सके।
निष्कर्ष
अम्लराज रसायन विज्ञान में एक महत्वपूर्ण यौगिक है जो विशेष रूप से धातुओं के घोलने और शुद्धिकरण के लिए उपयोगी है। इसका उपयोग सोने और प्लेटिनम की शुद्धता, विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान, सतह की सफाई, और ऐतिहासिक वस्तुओं की मरम्मत में किया जाता है। हाल के अनुप्रयोगों में इलेक्ट्रॉनिक्स पुनरावृत्ति और नैनोटेक्नोलॉजी शामिल हैं, जो अम्लराज की प्रासंगिकता और उपयोगिता को प्रदर्शित करते हैं।
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रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन हैं जिनमें एक या अधिक पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है और नए पदार्थ बनते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यतः रंग परिवर्तन, तापमान परिवर्तन, गैस का निर्माण, या अवक्षिप्तता का निर्माण होता है। यहाँ कुछ प्रमुख रासायनिक परिवर्तनों के उदाRead more
रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण
रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन हैं जिनमें एक या अधिक पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है और नए पदार्थ बनते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यतः रंग परिवर्तन, तापमान परिवर्तन, गैस का निर्माण, या अवक्षिप्तता का निर्माण होता है। यहाँ कुछ प्रमुख रासायनिक परिवर्तनों के उदाहरण दिए गए हैं:
1. जलन (Combustion)
उदाहरण: लकड़ी का जलना
2. जंग लगना (Rusting)
उदाहरण: लोहा और स्टील की जंग
3. फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis)
उदाहरण: पौधों द्वारा भोजन निर्माण
4. अम्ल-क्षार प्रतिक्रिया (Neutralization Reaction)
उदाहरण: मास्टर के घर की सफाई
5. किण्वन (Fermentation)
उदाहरण: खमीर द्वारा शराब बनाना
6. हाइड्रोजन पेरोक्साइड का अपघटन (Decomposition of Hydrogen Peroxide)
उदाहरण: घावों की सफाई
7. बैटरी का कार्य (Battery Operation)
उदाहरण: लिथियम-आयन बैटरी
8. बेकिंग (Baking)
उदाहरण: ब्रेड बनाना
निष्कर्ष
रासायनिक परिवर्तन जीवन की अनेक गतिविधियों में शामिल होते हैं, जैसे खाना पकाना, साफ-सफाई, और औद्योगिक प्रक्रियाएँ। ये परिवर्तन न केवल सामग्री की रासायनिक संरचना को बदलते हैं, बल्कि नए पदार्थ और ऊर्जा भी उत्पन्न करते हैं। इन परिवर्तनों को समझना और नियंत्रित करना विभिन्न उद्योगों और दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है।
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