जैव प्रौद्योगिकी में भारत की मुख्य उपलब्धियाँ कौन-सी हैं? इनसे समाज के गरीब वर्ग के उत्थान में कैसे मदद मिलेगी ? (200 Words) [UPPSC 2023]
अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध तथा विकास-सम्बन्धी उपलब्धियाँ 1. फसल सुधार: जीन-संपादन और CRISPR तकनीक की उन्नति ने सूखा-सहनशील, पोषक तत्वों से भरपूर, और उच्च उपज वाली फसल प्रजातियाँ विकसित की हैं। उदाहरण के लिए, Bt बैंगन, जो कीटों से प्रतिरोधी है, ने रसायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता को कम किया औरRead more
अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध तथा विकास-सम्बन्धी उपलब्धियाँ
1. फसल सुधार: जीन-संपादन और CRISPR तकनीक की उन्नति ने सूखा-सहनशील, पोषक तत्वों से भरपूर, और उच्च उपज वाली फसल प्रजातियाँ विकसित की हैं। उदाहरण के लिए, Bt बैंगन, जो कीटों से प्रतिरोधी है, ने रसायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता को कम किया और उपज में सुधार किया है।
2. स्वास्थ्य देखभाल में नवाचार: जैव-प्रौद्योगिकी ने नई वैक्सीन और थेराप्यूटिक्स का निर्माण किया है। कोवैक्सिन और कोविशील्ड वैक्सीनेशन COVID-19 महामारी से लड़ाई में महत्वपूर्ण साबित हुई हैं। जीन थेरेपी और बायोलॉजिक्स जैसे नए उपचारों ने थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया जैसे आनुवंशिक विकारों के इलाज में प्रगति की है।
3. पर्यावरण जैव-प्रौद्योगिकी: बायो-रमेडिएशन और कचरा प्रबंधन में नवाचार पर्यावरणीय समस्याओं को हल कर रहे हैं। बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक और सूक्ष्मजीव ईंधन कोशिकाएँ जैसे समाधान प्रदूषण को कम करते हैं और सतत प्रथाओं में योगदान करते हैं।
4. कृषि और पशुपालन: बायोपेस्टीसाइड्स और बायोफर्टिलाइजर्स फसलों की उत्पादकता और मिट्टी की सेहत को बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिए, नाइट्रोजन-फिक्सिंग बैक्टीरिया फसलों में उपयोग किए जा रहे हैं जो मिट्टी की उर्वरता को सुधारते हैं और रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को कम करते हैं।
समाज के निर्धन वर्गों के उत्थान में योगदान
1. कृषि उत्पादकता में सुधार: उच्च उपज और सहनशील फसल प्रजातियाँ गरीब किसानों की उपज और आय को बढ़ाने में मदद करती हैं। सूखा-सहनशील प्रजातियाँ सूखे क्षेत्रों में उत्पादकता बनाए रखने में सहायता करती हैं।
2. सस्ती स्वास्थ्य देखभाल: जैव-प्रौद्योगिकी से संचालित स्वास्थ्य समाधान जैसे कम लागत वाली वैक्सीनेशन और उपचार, निर्धन समुदायों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराते हैं और रोगों का बोझ कम करते हैं।
3. पर्यावरणीय लाभ: जैव-प्रौद्योगिकी आधारित पर्यावरण समाधान जैसे बायो-रमेडिएशन और बायोडिग्रेडेबल सामग्री, गरीब समुदायों को बेहतर और स्वच्छ जीवन यापन प्रदान करते हैं, जो अक्सर पर्यावरणीय प्रदूषण से अधिक प्रभावित होते हैं।
4. रोजगार अवसर: जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र का विकास शोध, निर्माण और अनुप्रयोग क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है। इससे आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में जीवन यापन में सुधार होता है।
निष्कर्ष: अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी की उपलब्धियाँ निर्धन वर्गों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ये उपलब्धियाँ कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, स्वास्थ्य देखभाल की सस्ती सेवाएँ प्रदान करने, पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने और रोजगार अवसर पैदा करने में सहायक हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
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जैव प्रौद्योगिकी में भारत की मुख्य उपलब्धियाँ स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्धियाँ: COVID-19 टीके: भारत ने ‘कोवैक्सिन’ और ‘कोविशील्ड’ जैसे COVID-19 टीकों का सफलतापूर्वक विकास किया है। ये टीके न केवल महामारी को नियंत्रित करने में सहायक रहे हैं बल्कि गरीब और वंचित वर्गों के लिए सस्ती स्वास्थ्यRead more
जैव प्रौद्योगिकी में भारत की मुख्य उपलब्धियाँ
गरीब वर्ग के उत्थान में मदद
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत सस्ती बायोफार्मास्युटिकल्स और स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक रूप से उपलब्ध कराया है, जो गरीब वर्ग के स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक रही है।
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