प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2022] हरगोबिंद खुराना को किस विषय में नोबेल पुरस्कार मिला था ?
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से लाभ सर एम० विश्वेश्वरैया के जल इंजीनियरी में योगदान सर एम० विश्वेश्वरैया (1860-1962) ने जल इंजीनियरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कृष्णराजा सागर बांध का डिज़ाइन तैयार किया, जिसने कर्नाटक के जल प्रबंधन और कृषि को नया दिशा दिया। यहRead more
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदानों से लाभ
सर एम० विश्वेश्वरैया के जल इंजीनियरी में योगदान
सर एम० विश्वेश्वरैया (1860-1962) ने जल इंजीनियरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कृष्णराजा सागर बांध का डिज़ाइन तैयार किया, जिसने कर्नाटक के जल प्रबंधन और कृषि को नया दिशा दिया। यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई के लिए एक स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में सफल रही। हाल ही में, उनकी डिजाइन सिद्धांतों को नमामि गंगे जैसे कार्यक्रमों में लागू किया गया है, जिससे गंगा नदी की सफाई और जल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार हुआ है।
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के कृषि विज्ञान में योगदान
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन (जन्म 1925) ने कृषि विज्ञान में क्रांतिकारी योगदान दिया। उनके नेतृत्व में हरित क्रांति के दौरान उच्च-उपजाऊ फसलों के विकास ने भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाया। हाल ही में, उनके दृष्टिकोण को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और आत्मनिर्भर कृषि पहल में अपनाया गया है, जिससे फसल की विविधता और उत्पादन में सुधार हुआ है।
निष्कर्ष
सर एम० विश्वेश्वरैया और डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के योगदान ने भारत के जल संसाधन प्रबंधन और कृषि उत्पादन को स्थायी रूप से सुदृढ़ किया, जिससे देश की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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हरगोबिंद खुराना और नोबेल पुरस्कार नोबेल पुरस्कार का विषय: चिकित्सा या फिजियोलॉजी हरगोबिंद खुराना को 1968 में चिकित्सा या फिजियोलॉजी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने यह पुरस्कार रॉबर्ट डब्ल्यू. होली और मार्शल डब्ल्यू. निरेनबर्ग के साथ साझा किया। यह पुरस्कार उनके द्वारा जीनटिक कोड और प्रोटRead more
हरगोबिंद खुराना और नोबेल पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार का विषय: चिकित्सा या फिजियोलॉजी
हरगोबिंद खुराना को 1968 में चिकित्सा या फिजियोलॉजी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला। उन्होंने यह पुरस्कार रॉबर्ट डब्ल्यू. होली और मार्शल डब्ल्यू. निरेनबर्ग के साथ साझा किया। यह पुरस्कार उनके द्वारा जीनटिक कोड और प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया पर किए गए शोध के लिए प्रदान किया गया।
प्रमुख योगदान:
हाल के उदाहरण और प्रभाव:
हरगोबिंद खुराना के योगदान ने जीनोमिक्स, आणविक जीवविज्ञान, और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है और उन्होंने वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्रों में कई आधुनिक प्रगति की नींव रखी है।
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