स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत भारत के एकीकरण में सरदार पटेल की भूमिका की विवेचना कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
भाषाई राज्यों के गठन ने भारतीय एकता के उद्देश्य को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, भारत की विविधता को बनाए रखते हुए एकता सुनिश्चित करना एक चुनौती थी। भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन, जिसे 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया, ने इस चुRead more
भाषाई राज्यों के गठन ने भारतीय एकता के उद्देश्य को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, भारत की विविधता को बनाए रखते हुए एकता सुनिश्चित करना एक चुनौती थी। भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन, जिसे 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया, ने इस चुनौती का समाधान प्रदान किया।
पहले, राज्यों की सीमाएं ऐतिहासिक और प्रशासनिक कारकों पर आधारित थीं, लेकिन यह व्यवस्था सांस्कृतिक और भाषाई विविधताओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करती थी। भाषाई आधार पर राज्यों का गठन करने से, जनता को उनके भाषा, संस्कृति और परंपराओं के साथ पहचाने जाने का अवसर मिला। इससे न केवल प्रशासनिक दक्षता में सुधार हुआ, बल्कि नागरिकों के बीच एक मजबूत क्षेत्रीय पहचान भी विकसित हुई।
इसके परिणामस्वरूप, भाषाई तनाव और सांस्कृतिक संघर्षों में कमी आई, जिससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिला। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि भाषाई आधार पर राज्यों का गठन भी क्षेत्रीयता को बढ़ावा दे सकता था, लेकिन भारत के संघीय ढांचे ने इसे संतुलित रखने में मदद की। समग्र रूप से, भाषाई राज्यों के गठन ने भारत की बहुलता में एकता के सिद्धांत को मजबूती प्रदान की है, जिससे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को प्रगति मिली है।
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स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत भारत के एकीकरण में सरदार पटेल की भूमिका सरदार पटेल, स्वतंत्रता के बाद भारत के एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाई। उन्होंने राज्य प्रशासनिक समस्याओं को सुलझाने के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल का उपयोग किया। 1. राज्य विलय: उन्होंने 562 से अधिक प्रारंभिक स्वतंत्र रियासतों कRead more
स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत भारत के एकीकरण में सरदार पटेल की भूमिका
सरदार पटेल, स्वतंत्रता के बाद भारत के एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाई। उन्होंने राज्य प्रशासनिक समस्याओं को सुलझाने के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल का उपयोग किया।
1. राज्य विलय: उन्होंने 562 से अधिक प्रारंभिक स्वतंत्र रियासतों को भारत में विलीन कराया, जैसे हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर।
2. सिंहासन बंधन: पटेल ने विनम्रता और दृढ़ता से रियासतों के शासकों को समझाया और उन्हें भारतीय संघ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
3. स्थिरता और सुरक्षा: उनके नेतृत्व में भारतीय प्रशासनिक सेवा को सुदृढ़ किया और सुरक्षा की स्थिति को बनाए रखा।
पटेल की कूटनीति और प्रशासनिक क्षमता ने भारत को एक सशक्त और एकीकृत राष्ट्र में बदलने में अहम भूमिका निभाई।
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