Talk about the growth of British authority in India under Lord Wellesley’s governor generalship. (200 Words) [UPPSC 2020]
लॉर्ड वेलेजली के काल में ब्रिटिश शासन का प्रसार लॉर्ड वेलेजली का काल लॉर्ड वेलेजली (1805-1807) भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन के प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण गवर्नर जनरल थे। उनका कार्यकाल ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण था। ब्रिटिश शासन का प्रसार आक्रामक नीति: वेलेजलीRead more
लॉर्ड वेलेजली के काल में ब्रिटिश शासन का प्रसार
लॉर्ड वेलेजली का काल
लॉर्ड वेलेजली (1805-1807) भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन के प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण गवर्नर जनरल थे। उनका कार्यकाल ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण था।
ब्रिटिश शासन का प्रसार
- आक्रामक नीति: वेलेजली ने एक आक्रामक नीति अपनाई, जिसे “कम्पल्सरी वार” कहा जाता है। इसका उद्देश्य ब्रिटिश प्रभुत्व को सुदृढ़ करना और भारतीय राज्यों को ब्रिटिश शासन के अधीन करना था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण युद्धों की योजना बनाई, जैसे कि मैसूर के खिलाफ युद्ध (1800-1801) और पेशवा बाजीराव द्वितीय के खिलाफ संघर्ष।
- दूसरे आंग्ल-मैसूर युद्ध (1800-1801): इस युद्ध में, वेलेजली ने टीपू सुलतान को हराया और मैसूर को ब्रिटिश नियंत्रण में ले लिया। इससे दक्षिण भारत में ब्रिटिश प्रभाव बढ़ गया और भारतीय राज्यों की संप्रभुता को कमजोर किया गया।
- गैर-आक्रमण समझौते (Subsidiary Alliance): वेलेजली ने गैर-आक्रमण समझौते की नीति को लागू किया, जिसमें भारतीय राज्यों को ब्रिटिश सेना को उनके दरवाजे पर रखकर अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए मजबूर किया गया। इस नीति के तहत, कई राज्यों ने ब्रिटिश साम्राज्य के साथ समझौते किए, जिससे ब्रिटिश सत्ता और प्रभाव में वृद्धि हुई।
- विधानिक सुधार: वेलेजली ने कानूनी और प्रशासनिक सुधार भी किए, जैसे कि नया प्रशासनिक ढांचा और न्यायिक सुधार, जिनसे ब्रिटिश नियंत्रण और व्यवस्था को बढ़ावा मिला।
हाल के उदाहरण
- संगम और कनार्टक के प्रदेशों में ब्रिटिश विस्तार की दिशा में उठाए गए कदम आज भी भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
निष्कर्ष
लॉर्ड वेलेजली के कार्यकाल में ब्रिटिश शासन ने अपनी आक्रामक नीति और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप में अपने प्रभाव को व्यापक रूप से फैलाया। उनका कार्यकाल ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार और भारतीय राज्यों की संप्रभुता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण चरण था।
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Expansion of British Rule in India during Lord Wellesley’s Governorship 1. Overview of Lord Wellesley’s Tenure Governor-General: Lord Wellesley served as the Governor-General of India from 1798 to 1805. His tenure was marked by aggressive expansion and consolidation of British power in India. 2. StrRead more
Expansion of British Rule in India during Lord Wellesley’s Governorship
1. Overview of Lord Wellesley’s Tenure
2. Strategic Alliances and the Subsidiary Alliance System
3. Military Campaigns and Conquests
4. Consolidation and Administration
5. Legacy and Impact
Conclusion: Lord Wellesley’s tenure as Governor-General was marked by strategic military campaigns and diplomatic maneuvers that greatly expanded British control over India. His introduction of the Subsidiary Alliance and his military successes against major Indian powers were pivotal in establishing British dominance, shaping the future of the Indian subcontinent under British rule.
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