यंग बंगाल एवं ब्रह्मो समाज के विशेष संदर्भ में सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलनों के उत्थान तथा विकास को रेखांकित कीजिए। (150 words)[UPSC 2021]
ज्योतिबा फुले, भारतीय समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महापुरुषों में से एक हैं। उन्होंने जातिवाद, असमानता और शोषण के खिलाफ अभियान चलाया और जातियों के बंधनों को तोड़कर समाज की सामाजिक समृद्धि के लिए काम किया। ज्योतिबा फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और विशेषकर उRead more
ज्योतिबा फुले, भारतीय समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महापुरुषों में से एक हैं। उन्होंने जातिवाद, असमानता और शोषण के खिलाफ अभियान चलाया और जातियों के बंधनों को तोड़कर समाज की सामाजिक समृद्धि के लिए काम किया। ज्योतिबा फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और विशेषकर उन्होंने महिलाओं और वंचित वर्गों के लिए शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई। उनके विचारों ने समाज में जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ एक महत्वपूर्ण आंदोलन की सृष्टि की। फुले के योगदान से भारतीय समाज में सामाजिक समानता और न्याय की धारा मजबूत हुई।
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यंग बंगाल और ब्रह्मो समाज के संदर्भ में सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन यंग बंगाल आंदोलन: सामाजिक सुधार: यंग बंगाल आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के तहत सामाजिक सुधार के लिए कार्य किया। द्वारकानाथ ठाकुर और हेनरी डब्लू जैसे नेता, इस आंदोलन में शामिल थे। इसने अछूतों के अधिकार, स्त्री शिक्षा, और सामाजिक न्याय केRead more
यंग बंगाल और ब्रह्मो समाज के संदर्भ में सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन
यंग बंगाल आंदोलन:
ब्रह्मो समाज:
निष्कर्ष:
यंग बंगाल और ब्रह्मो समाज ने भारतीय समाज में सामाजिक और धार्मिक सुधारों को प्रोत्साहित किया। इनके प्रयासों ने शिक्षा, सामाजिक न्याय, और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो आधुनिक भारत की नींव रखे।
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