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ऑस्ट्रेलिया-जापान-यू.एस. त्रिपक्षीय समूह के मजबूत होने सहित संपूर्ण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किए जा रहे सुरक्षा सहयोग संबंधी नवीन प्रयासों के आलोक में, वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में क्वाड (QUAD) की प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
क्वाड (QUAD) की प्रासंगिकता: क्वाड - एक रणनीतिक समूह जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, और अमेरिका शामिल हैं - वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में विशेष महत्व रखता है। इसके अस्तित्व और विकास के पीछे कई प्रमुख कारण हैं: इंडो-पैसिफिक सुरक्षा: क्वाड का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिRead more
क्वाड (QUAD) की प्रासंगिकता:
क्वाड – एक रणनीतिक समूह जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, और अमेरिका शामिल हैं – वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में विशेष महत्व रखता है। इसके अस्तित्व और विकास के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ:
निष्कर्ष:
क्वाड का विकास और उसका स्थायित्व इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसके सदस्य देशों के बीच सहयोग और सामरिक साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संतुलन बनाए रखता है, खासकर चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच। क्वाड का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना और एक साझा, मुक्त, और खुले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करना है।
See lessउर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत की उर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
उर्जा सुरक्षा और भारत की पश्चिम एशियाई देशों के साथ नीति सहयोग 1. पेट्रोलियम आयात: भारत की उर्जा सुरक्षा के लिए पश्चिम एशियाई देशों, विशेषकर सऊदी अरब और इराक से तेल आयात महत्वपूर्ण है। 2022 में, भारत ने सऊदी अरब से बढ़ती आयात मात्रा और सस्ते तेल की आपूर्ति सुनिश्चित की। 2. गैस सप्लाई: कतर के साथ भारRead more
उर्जा सुरक्षा और भारत की पश्चिम एशियाई देशों के साथ नीति सहयोग
1. पेट्रोलियम आयात:
2. गैस सप्लाई:
3. ऊर्जा निवेश:
4. भूराजनीतिक और सुरक्षा चिंताएँ:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष
भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए पश्चिम एशियाई देशों के साथ सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें पेट्रोलियम आयात, गैस आपूर्ति, ऊर्जा निवेश और सुरक्षा चिंताओं का एक महत्वपूर्ण भूमिका है। यह सहयोग भारत की आर्थिक प्रगति और ऊर्जा स्थिरता के लिए आवश्यक है।
See lessदक्षिण एशिया से एकमात्र G20 सदस्य के रूप में, भारत के लिए G20 का नेतृत्व वैश्विक स्तर पर दक्षिण एशिया की आवाज को बुलंद करने के लिए एक प्रभावी मंच के तौर पर इस समूह का उपयोग करने हेतु एक आदर्श अवसर है। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
दक्षिण एशिया से एकमात्र G20 सदस्य के रूप में, भारत के लिए G20 का नेतृत्व एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है: दक्षिण एशिया की आवाज को बुलंद करना: भारत G20 मंच का उपयोग कर दक्षिण एशिया के विकासात्मक मुद्दों और प्राथमिकताओं को वैश्विक स्तर पर उजागर कर सकता है। यह क्षेत्रीय समस्याओं, जैसे गरीबी, जलवायु पRead more
दक्षिण एशिया से एकमात्र G20 सदस्य के रूप में, भारत के लिए G20 का नेतृत्व एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है:
इस प्रकार, G20 के नेतृत्व का भारत के लिए उपयोग दक्षिण एशिया की प्राथमिकताओं और मुद्दों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक प्रभावी साधन है।
See lessयू.एन. पीसकीपिंग संबंधी प्रयासों में भारत के योगदान का वर्णन कीजिए। साथ ही, यू.एन. पीसकीपिंग फोर्सेज द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को भी रेखांकित कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत के योगदान: भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (पीसकीपिंग) अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने 1950 के दशक से लेकर अब तक कई अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया है, जिसमें सैनिक, पुलिस, और नागरिक कर्मियों का योगदान शामिल है। भारत ने शांति सैनिकों की सबसे बड़ी टुकड़ी भेजी है और विभRead more
भारत के योगदान: भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (पीसकीपिंग) अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने 1950 के दशक से लेकर अब तक कई अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया है, जिसमें सैनिक, पुलिस, और नागरिक कर्मियों का योगदान शामिल है। भारत ने शांति सैनिकों की सबसे बड़ी टुकड़ी भेजी है और विभिन्न संकट क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत का योगदान विशेष रूप से अफ्रीका, मध्य पूर्व, और दक्षिण एशिया में उल्लेखनीय रहा है।
चुनौतियाँ:
इन चुनौतियों के बावजूद, भारत का पीसकीपिंग में योगदान वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
See lessभारत को प्राप्त शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता न केवल इसे मध्य एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है बल्कि इसके आर्थिक और सुरक्षा हितों को भी बढ़ावा देती है। विवेचना कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत को प्राप्त शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता उसे कई महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है: मध्य एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना: SCO की अध्यक्षता के दौरान, भारत मध्य एशियाई देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत कर सकता है। यह क्षेत्र भारत के ऊर्जा और व्यापारिक हितोRead more
भारत को प्राप्त शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता उसे कई महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है:
इस प्रकार, SCO की अध्यक्षता भारत को मध्य एशिया में अपने राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने और सुरक्षा सहयोग में अग्रणी भूमिका निभाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
See lessरूस-युक्रेन संघर्ष के कारणों की विवेचना कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
रूस-युक्रेन संघर्ष के कारण 1. ऐतिहासिक तनाव: रूस और युक्रेन के बीच इतिहासिक विवाद और सांस्कृतिक मतभेद लंबे समय से तनाव का कारण बने हैं। क्राइमिया का 2014 में रूस द्वारा अधिग्रहण ने इन तनावों को बढ़ाया, क्योंकि युक्रेन इसे अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। 2. भू-राजनीतिक संघर्ष: युक्रेन कRead more
रूस-युक्रेन संघर्ष के कारण
1. ऐतिहासिक तनाव:
2. भू-राजनीतिक संघर्ष:
3. नागरिक और जातीय विवाद:
4. आधिकारिक संबंधों में तनाव:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष
रूस-युक्रेन संघर्ष के कारण ऐतिहासिक तनाव, भू-राजनीतिक संघर्ष, नागरिक विवाद और द्विपक्षीय तनाव के मिश्रण से उत्पन्न हुए हैं। इन कारणों को समझना और समाधान के प्रयास करना क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए महत्वपूर्ण है।
See lessभारत और CARICOM सदस्य देशों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए, उन विभिन्न उपायों पर चर्चा कीजिए जो हाल के दिनों में कैरेबियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए किए गए हैं। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत और CARICOM देशों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों में प्रमुख निम्नलिखित हैं: आर्थिक और व्यापारिक सहयोग: दोनों पक्षों ने व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए साझा व्यापार समझौतों और निवेश योजनाओं पर सहमति जताई है। भारत ने कैरेबियन देशों को निर्यात सहायता, विशेषकर दवाइयों और तकनीकी उपकरणों केRead more
भारत और CARICOM देशों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों में प्रमुख निम्नलिखित हैं:
हाल ही में, भारत ने CARICOM देशों के साथ उच्च स्तरीय वार्ता और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से इन संबंधों को और मजबूत किया है।
See lessभारत-नेपाल के मध्य विवादास्पद मामले कौन से है, इसकी विवेचना कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
भारत-नेपाल के मध्य विवादास्पद मामले 1. सिमा विवाद: कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिंपियाधुरा क्षेत्र भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद का मुख्य कारण है। नेपाल ने 2020 में अपनी नई राजनीतिक मानचित्र में इन क्षेत्रों को शामिल किया, जिससे भारत ने असहमति व्यक्त की। यह विवाद सतलज नदी के स्रोत और लगभग 3700 वर्गRead more
भारत-नेपाल के मध्य विवादास्पद मामले
1. सिमा विवाद:
2. जल वितरण विवाद:
3. राजनीतिक और कूटनीतिक तनाव:
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष
भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद, जल वितरण समस्याएँ, और राजनीतिक तनाव प्रमुख विवादास्पद मुद्दे हैं। इन विवादों का समाधान दोनों देशों के लिए सकारात्मक द्विपक्षीय संबंध और स्थिरता के लिए आवश्यक है।
See lessग्लोबल साउथ द्वारा सामना की जाने वाली नवीन और आगामी चुनौतियों के आलोक में, ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती देने में भारत द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों का समूह) की नवीन और आगामी चुनौतियों के आलोक में, भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है: नीति निर्माण में नेतृत्व: भारत ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूती देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भूमिका निभा सकता है, जैसे कि ब्रिक्स, जी-77, और संयुक्त राष्ट्र। भारत के नेतृत्Read more
ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों का समूह) की नवीन और आगामी चुनौतियों के आलोक में, भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है:
इस प्रकार, भारत ग्लोबल साउथ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए वैश्विक स्तर पर समान विकास और सहयोग को प्रोत्साहित कर सकता है।
See lessप्रवासी भारतीय दिवस नई संभावनाओं को फिर से जोड़ने और पुनः परिकल्पना करने का क्षण है तथा यह परिवर्तन लाने, नए संबंधों की खोज करने एवं नवीन विचारों को विकसित करने का एक नेटवर्क है। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
प्रवासी भारतीय दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो प्रवासी भारतीयों और भारत के बीच संबंधों को सशक्त बनाने का काम करता है। यह दिवस न केवल भारतीय प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ता है बल्कि उन्हें भारतीय समाज के विकास में योगदान देने के नए अवसर भी प्रदान करता है। नई संभावनाओं की खोज: यह दिवस प्रवासी भारतीयोRead more
प्रवासी भारतीय दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो प्रवासी भारतीयों और भारत के बीच संबंधों को सशक्त बनाने का काम करता है। यह दिवस न केवल भारतीय प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ता है बल्कि उन्हें भारतीय समाज के विकास में योगदान देने के नए अवसर भी प्रदान करता है।
सारांश में, प्रवासी भारतीय दिवस एक नेटवर्क के रूप में कार्य करता है जो भारत और उसके प्रवासी नागरिकों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देता है, जिससे विकास की नई दिशा मिलती है।
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