अब्राहम समझौता पश्चिम एशिया की राजनीति में एक नयी शुरुआत हैं। व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
भारत-नेपाल के तनावपूर्ण संबंधों में चीनी कारक की भूमिका 1. सीमा विवाद और चीनी प्रभाव (Boundary Disputes and Chinese Influence): चीनी अवसंरचना परियोजनाएँ: नेपाल में चीन की टिब्बत-नेपाल रेलवे जैसी परियोजनाएँ भारत के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि ये परियोजनाएँ नेपाल की सामरिक स्थिति को प्रभावित करती हRead more
भारत-नेपाल के तनावपूर्ण संबंधों में चीनी कारक की भूमिका
1. सीमा विवाद और चीनी प्रभाव (Boundary Disputes and Chinese Influence):
- चीनी अवसंरचना परियोजनाएँ: नेपाल में चीन की टिब्बत-नेपाल रेलवे जैसी परियोजनाएँ भारत के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि ये परियोजनाएँ नेपाल की सामरिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।
- उदाहरण: लhasa-Kathmandu रेलवे निर्माण ने भारत की चिंताओं को बढ़ाया है क्योंकि इससे चीन की नेपाल में बढ़ती उपस्थिति और प्रभाव को संकेत मिलता है।
2. स्ट्रैटेजिक गठबंधनों का विस्तार (Strategic Alliances):
- चीन-नेपाल संबंध: नेपाल की चीन के साथ बढ़ती साझेदारी ने भारत के साथ तनाव को बढ़ाया है। नेपाल के हालिया यात्रा और द्विपक्षीय समझौतों से चीन के साथ गहरे संबंधों को दर्शाते हैं।
- उदाहरण: नेपाल का Belt and Road Initiative (BRI) के साथ समझौता भारत के लिए चिंता का कारण बना है, जिससे उसकी क्षेत्रीय रणनीति पर प्रभाव पड़ा है।
3. भारत-नेपाल संबंधों पर प्रभाव (Impact on India-Nepal Relations):
- सीमा तनाव: चीनी प्रभाव ने भारत-नेपाल सीमा विवाद को बढ़ावा दिया है, विशेषकर नेपाल के अद्यतन राजनीतिक मानचित्र के बाद।
- उदाहरण: कालापानी-लिम्पियाधुरा विवाद में नेपाल की चीन के साथ निकटता ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है।
निष्कर्ष: चीन के बढ़ते प्रभाव ने भारत-नेपाल संबंधों में तनाव को बढ़ावा दिया है, जो रणनीतिक गठबंधनों और सीमा विवादों को प्रभावित करता है।
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अब्राहम समझौते: पश्चिम एशिया की राजनीति में एक नई शुरुआत 1. पृष्ठभूमि और महत्व (Background and Significance): अब्राहम समझौते: अब्राहम समझौते 2020 में इज़राइल और कई अरब देशों, जैसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन के बीच किए गए सामान्यीकरण समझौतों की श्रृंखला हैं। ये समझौते पश्चिम एशिया के भू-राजनीतRead more
अब्राहम समझौते: पश्चिम एशिया की राजनीति में एक नई शुरुआत
1. पृष्ठभूमि और महत्व (Background and Significance):
2. क्षेत्रीय संबंधों पर प्रभाव (Impact on Regional Relations):
3. सामरिक पुनर्व्यवस्थाएं (Strategic Realignments):
4. इज़राइल-फिलीस्तीनी संघर्ष पर प्रभाव (Impact on the Israeli-Palestinian Conflict):
5. वैश्विक प्रभाव (Broader Global Implications):
निष्कर्ष: अब्राहम समझौते पश्चिम एशिया की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो इज़राइल और कई अरब देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देते हैं। ये समझौते व्यावहारिक क्षेत्रीय सहयोग और सामरिक पुनर्व्यवस्थाओं की ओर एक बदलाव का संकेत देते हैं, हालांकि इज़राइल-फिलीस्तीनी संघर्ष से संबंधित चुनौतियां अभी भी जारी हैं। इन समझौतों ने पारंपरिक गठबंधनों को फिर से परिभाषित किया है और क्षेत्रीय राजनीति में नई भू-राजनीतिक गतिशीलता की शुरुआत की है।
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