चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सी० पी० ई० सी०) को चीन की अपेक्षाकृत अधिक विशाल ‘एक पट्टी एक सड़क’ पहल के एक मूलभूत भाग के रूप में देखा जा रहा है। सी० पी० ई० सी० का एक संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत कीजिए और ...
परिचय: भारत की बहुधार्मिक और बहुजातीय प्रकृति उसे पड़ोसी देशों में दिखाई दे रहे अतिवाद के प्रभावों से बचा नहीं सकती। अतिवाद की यह प्रवृत्ति भारत के सामाजिक ताने-बाने और आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। इस वातावरण के प्रतिकार के लिए कुछ प्रभावी रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं। भारत पर अतिवाद का प्रRead more
परिचय: भारत की बहुधार्मिक और बहुजातीय प्रकृति उसे पड़ोसी देशों में दिखाई दे रहे अतिवाद के प्रभावों से बचा नहीं सकती। अतिवाद की यह प्रवृत्ति भारत के सामाजिक ताने-बाने और आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। इस वातावरण के प्रतिकार के लिए कुछ प्रभावी रणनीतियाँ अपनाई जा सकती हैं।
भारत पर अतिवाद का प्रभाव:
- सीमापार प्रभाव: पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में अतिवादी विचारधाराओं के कारण भारत में आतंकवादी गतिविधियों और अतिवादी तत्वों की बढ़ोतरी देखी गई है। उदाहरण के लिए, जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद और सीमापार घुसपैठ ने स्थानीय सुरक्षा स्थिति को प्रभावित किया है।
- आंतरिक अतिवादीकरण: बाहरी विचारधाराओं से प्रभावित होकर आंतरिक अतिवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अतिवादियों द्वारा हिंसक गतिविधियाँ और साम्प्रदायिक तनाव बढ़े हैं।
- सामाजिक ध्रुवीकरण: अतिवाद सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देता है, जिससे धार्मिक और जातीय तनाव पैदा होते हैं। हाल के वर्षों में, सामाजिक एकता को खतरा उत्पन्न करने वाले अतिवादी तत्वों की बढ़ती गतिविधियाँ देखने को मिली हैं।
अतिवाद के प्रतिकार के लिए रणनीतियाँ:
- सुरक्षा और खुफिया तंत्र में सुधार: अतिवादी तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए खुफिया निगरानी और सीमा सुरक्षा को सशक्त बनाना आवश्यक है। जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों की तत्परता और निगरानी कार्यक्रम इस दिशा में किए गए प्रयासों के उदाहरण हैं।
- सामाजिक एकता को बढ़ावा देना: विभिन्न समुदायों के बीच संवाद और सामंजस्य को प्रोत्साहित करना अतिवाद के प्रभाव को कम कर सकता है। राष्ट्रीय एकता परिषद और अन्य सामुदायिक पहल इस दिशा में काम कर रही हैं।
- शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम: शिक्षा के माध्यम से अतिवादी विचारधाराओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत समावेशी और सहिष्णुता आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- कानूनी उपाय: अतिवादी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कानून और कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अतिवादी गतिविधियों के मामलों की जांच और न्यायालय में मुकदमे की प्रक्रिया को सुगम बनाया है।
- सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों के साथ जुड़कर उनके मुद्दों को हल करने और आर्थिक अवसर प्रदान करने से अतिवाद की प्रवृत्ति को कम किया जा सकता है। दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रम, जैसे की देन दयाल अंत्योदय योजना (DAY-NRLM), इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
हाल के उदाहरण:
- जम्मू और कश्मीर: जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग ने आतंकी गतिविधियों और अतिवाद की चुनौतियों का सामना करने में मदद की है।
- असम और पश्चिम बंगाल: असम और पश्चिम बंगाल में सामुदायिक शांति और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल की जा रही हैं, जो अतिवाद की समस्या को संबोधित करती हैं।
निष्कर्ष: भारत की विविध प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, पड़ोसी देशों में अतिवाद के प्रभावों को कम करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। सुरक्षा उपाय, सामाजिक एकता, शिक्षा, कानूनी ढांचे, और सामुदायिक भागीदारी जैसे रणनीतियाँ भारत को इस चुनौती का सामना करने में सक्षम बना सकती हैं।
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प्रस्तावना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन की 'एक पट्टी एक सड़क' पहल का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में बुनियादी ढाँचा विकसित करना और चीन को पाकिस्तान के माध्यम से पश्चिम एशिया से जोड़ना है। CPEC की प्रमुख विशेषताएँ बुनियादी ढाँचा विकास: CPEC में $60 बिलियन से अधिक का निवेश शRead more
प्रस्तावना
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन की ‘एक पट्टी एक सड़क’ पहल का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में बुनियादी ढाँचा विकसित करना और चीन को पाकिस्तान के माध्यम से पश्चिम एशिया से जोड़ना है।
CPEC की प्रमुख विशेषताएँ
भारत द्वारा किनारा करने के कारण
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, जबकि CPEC आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है, भारत की संप्रभुता, सामरिक चिंताओं और पारदर्शिता की कमी के कारण इससे किनारा करने की स्थिति स्पष्ट है।