संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में, समता के अधिकार की धारणा की विशिष्ट विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]]
भारत और अमेरिका की संघीय व्यवस्थाओं में भिन्नताएँ: संविधानिक संरचना: भारत: संघीय व्यवस्था में संविधान के अंतर्गत, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्ति का वितरण होता है। केंद्र की शक्ति अधिक होती है और संविधान में राज्यक्षेत्र की सूची (सारणी) होती है, जिसमें शक्तियों का विभाजन होता है। अमेरिका: संघीयRead more
भारत और अमेरिका की संघीय व्यवस्थाओं में भिन्नताएँ:
- संविधानिक संरचना:
- भारत: संघीय व्यवस्था में संविधान के अंतर्गत, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्ति का वितरण होता है। केंद्र की शक्ति अधिक होती है और संविधान में राज्यक्षेत्र की सूची (सारणी) होती है, जिसमें शक्तियों का विभाजन होता है।
- अमेरिका: संघीय प्रणाली में, संविधान केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन करता है। अमेरिकी राज्यों को संविधानिक स्वायत्तता प्राप्त होती है, और राज्य संविधान भी महत्वपूर्ण होता है।
- संविधानिक शक्ति:
- भारत: केंद्र सरकार के पास सभी महत्वपूर्ण शक्तियाँ और संविधान संशोधन की शक्ति होती है, जिससे उसे राज्यों पर अधिक प्रभाव पड़ता है।
- अमेरिका: संघीय सरकार और राज्यों के बीच शक्तियों का समन्वय किया जाता है, और संविधान को संशोधित करने के लिए राज्य और संघीय स्तर पर सहमति की आवश्यकता होती है।
- सर्वोच्च न्यायालय:
- भारत: सर्वोच्च न्यायालय संघीय विवादों के निर्णय के लिए अधिकार रखता है, लेकिन केंद्र सरकार के निर्णयों के खिलाफ अधिक प्रभावी नियंत्रण नहीं रखता।
- अमेरिका: सर्वोच्च न्यायालय संघीय और राज्य कानूनों के बीच विवादों का अंतिम निर्णय करता है, और इसे संघीय नीति पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त है।
निष्कर्ष: भारत की संघीय व्यवस्था केंद्र की अधिक शक्ति और एकल संविधान की विशेषता से अमेरिकी संघीय व्यवस्था से भिन्न है, जहां राज्यों को अधिक स्वायत्तता और शक्ति का विभाजन होता है।
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संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में समता के अधिकार की धारणा महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी विशिष्ट विशेषताएँ अलग-अलग हैं। भारत में समता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समता के अधिकार की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 1Read more
संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में समता के अधिकार की धारणा महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी विशिष्ट विशेषताएँ अलग-अलग हैं।
भारत में समता का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समता के अधिकार की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देता है, जबकि अनुच्छेद 15 जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। अनुच्छेद 16 सरकारी नौकरियों में समान अवसर की गारंटी देता है। इसके अलावा, अनुच्छेद 17 जातिगत भेदभाव को समाप्त करता है।
भारत में समता का अधिकार सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विशेष रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त करने पर केंद्रित है।
अमेरिका में समता का अधिकार
संयुक्त राज्य अमेरिका में समता का अधिकार मुख्यतः संविधान के चौदहवें संशोधन द्वारा सुनिश्चित किया गया है, जो “समान संरक्षण का अधिकार” प्रदान करता है। यह भेदभाव के खिलाफ कानूनी सुरक्षा का आधार है। अमेरिका में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून भी बनाए गए हैं, जैसे कि नागरिक अधिकार अधिनियम (1964), जो नस्ल, रंग, धर्म, लिंग या राष्ट्रीय उत्पत्ति के आधार पर भेदभाव को समाप्त करता है।
तुलना
भारत में समता का अधिकार सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में अधिक उन्मुख है, जबकि अमेरिका में यह कानूनी और राजनीतिक अधिकारों का संरक्षण करता है। भारत में समता का अधिकार विशेष रूप से कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए अधिक संवेदनशील है, जबकि अमेरिका में यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता की मूल धारणा पर केंद्रित है। दोनों संविधानों में समता का अधिकार महत्वपूर्ण है, लेकिन उनके कार्यान्वयन और सामाजिक संदर्भ अलग-अलग हैं।
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