भारत में ग्रामीण अधिवासों के प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2022]
दक्षिण एशिया में रोहिंग्या शरणार्थी संकट मुख्यतः म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की मजबूरी को दर्शाता है, जो अत्याचार और हिंसा से भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। 2017 से, म्यांमार सेना द्वारा किए गए जातीय हमलों ने एक लाख से अधिक रोहिंग्या को बांग्लादेश के कक्स बाजार में स्Read more
दक्षिण एशिया में रोहिंग्या शरणार्थी संकट मुख्यतः म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की मजबूरी को दर्शाता है, जो अत्याचार और हिंसा से भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। 2017 से, म्यांमार सेना द्वारा किए गए जातीय हमलों ने एक लाख से अधिक रोहिंग्या को बांग्लादेश के कक्स बाजार में स्थित विशाल शरणार्थी शिविरों में भेजा। इन शिविरों में अत्यधिक भीड़, अस्वच्छ परिस्थितियाँ, और सीमित स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएँ हैं। स्थानीय समुदायों और संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा मानवीय सहायता प्रदान की जा रही है, लेकिन स्थायी समाधान और म्यांमार में स्थिरता की आवश्यकता बनी हुई है।
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भारत में ग्रामीण अधिवासों के प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कारक भारत में ग्रामीण अधिवासों के प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना निम्नलिखित है: भौतिक कारक: भू-आकृति: भू-आकृति का影响 अधिवासों के स्वरूप पर पड़ता है। मौसम: मौसम की स्थिति से जुड़े कार्यों के चयन में योगदान देती है। पानी संसाRead more
भारत में ग्रामीण अधिवासों के प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कारक
भारत में ग्रामीण अधिवासों के प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना निम्नलिखित है:
भौतिक कारक:
आर्थिक कारक:
सामाजिक कारक:
सांस्कृतिक कारक:
सरकारी नीतियाँ: