वैश्वीकृत संसार में, बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का महत्व हो जाता है और वे मुक़दमेबाजी का एक स्रोत हो जाते हैं। कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियों के बीच मोटे तौर पर विभेदन कीजिए। (200 words) [UPSC 2014]
भारत सरकार द्वारा पारंपरिक आयुर्विज्ञान ज्ञान की रक्षा के उपाय 1. पेटेंट कानूनों में संशोधन: संविधानिक उपाय: भारत ने पेटेंट अधिनियम, 1970 में संशोधन कर पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक वस्त्रों की रक्षा के लिए प्रावधान किए हैं। प्राकृतिक पदार्थों और पारंपरिक ज्ञान को पेटेंट की रक्षा में अधिकार नहीं मिलRead more
भारत सरकार द्वारा पारंपरिक आयुर्विज्ञान ज्ञान की रक्षा के उपाय
1. पेटेंट कानूनों में संशोधन:
- संविधानिक उपाय: भारत ने पेटेंट अधिनियम, 1970 में संशोधन कर पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक वस्त्रों की रक्षा के लिए प्रावधान किए हैं। प्राकृतिक पदार्थों और पारंपरिक ज्ञान को पेटेंट की रक्षा में अधिकार नहीं मिल सकता।
- हालिया उदाहरण: 2005 में, पेटेंट कानून में संशोधन ने पारंपरिक ज्ञान को पेटेंट से बाहर रखा और पारंपरिक चिकित्सा और पौधों के उपयोग के लिए विशेष संरक्षण प्रदान किया।
2. खगोलिय डेटाबेस और दस्तावेज़ीकरण:
- पारंपरिक ज्ञान डेटाबेस: भारत सरकार ने पारंपरिक ज्ञान डिजिटल डेटाबेस (TKDL) स्थापित किया है। यह डेटाबेस आयुर्वेद, सिद्ध, और यूनीनी में पारंपरिक ज्ञान की डॉक्यूमेंटेशन और पंजीकरण को सुरक्षित करता है।
- हालिया उदाहरण: TKDL के माध्यम से, भारत ने डब्ल्यूटीओ में पारंपरिक ज्ञान की रक्षा के लिए कई पेटेंटों को विपरीत कर पारंपरिक उपयोग के अधिकारों को सुनिश्चित किया है।
3. अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझौते:
- अनुबंध और समझौते: भारत ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समझौतों और अधिकारों के साथ सहयोग किया है, जैसे सांस्कृतिक विविधता समझौते और संविधानिक संरक्षण।
- हालिया उदाहरण: स्वदेशी रूप से निर्मित दवाओं और संविधानिक संरक्षण को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के साथ मान्यता दी गई है।
4. आयुष मंत्रालय और अनुसंधान:
- मंत्रालय की पहल: आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के अनुसंधान और प्रचार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं।
- हालिया उदाहरण: आयुष मंत्रालय ने पारंपरिक चिकित्सा के विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित उन्नत अनुसंधान के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
5. प्रवर्तन और निगरानी:
- निगरानी प्रणाली: पेटेंट अधिकारों के दुरुपयोग और पारंपरिक ज्ञान की चोरी को रोकने के लिए, भारत ने एक निगरानी प्रणाली स्थापित की है।
- हालिया उदाहरण: पारंपरिक चिकित्सा के पेटेंट दावों की निगरानी के लिए विशेष विभाग और समीक्षा समिति का गठन किया गया है।
निष्कर्ष: भारत सरकार ने पारंपरिक आयुर्विज्ञान के ज्ञान को पेटेंटिंग से बचाने के लिए कानूनी, डॉक्यूमेंटेशन, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और अनुसंधान उपाय अपनाए हैं। ये कदम पारंपरिक ज्ञान की रक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर इसके प्रवर्तन और सुरक्षा को भी सक्षम बनाते हैं.
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परिचय: वैश्वीकरण की दुनिया में बौद्धिक सम्पदा अधिकार (IPR) महत्वपूर्ण हो जाते हैं और ये मुक़दमेबाजी के प्रमुख स्रोत बन जाते हैं। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के अंतर्गत कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियाँ आते हैं, जो विभिन्न प्रकार की रचनात्मक और नवाचारी संपत्तियों की सुरक्षा प्रदान करते हैं। कॉपीराइट:Read more
परिचय: वैश्वीकरण की दुनिया में बौद्धिक सम्पदा अधिकार (IPR) महत्वपूर्ण हो जाते हैं और ये मुक़दमेबाजी के प्रमुख स्रोत बन जाते हैं। बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के अंतर्गत कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियाँ आते हैं, जो विभिन्न प्रकार की रचनात्मक और नवाचारी संपत्तियों की सुरक्षा प्रदान करते हैं।
कॉपीराइट:
पेटेंट:
व्यापार गुप्तियाँ:
निष्कर्ष: कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियाँ प्रत्येक बौद्धिक संपदा के विभिन्न रूपों की सुरक्षा प्रदान करती हैं। कॉपीराइट रचनात्मक अभिव्यक्तियों की सुरक्षा करता है, पेटेंट नवाचारों की रक्षा करता है, और व्यापार गुप्तियाँ गोपनीय व्यापार सूचनाओं की सुरक्षा करती हैं। इन भिन्नताओं को समझना बौद्धिक संपदा अधिकारों के जटिल परिदृश्य में प्रभावी ढंग से नेविगेट करने और मुक़दमेबाजी से बचने के लिए आवश्यक है।
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