विज्ञान हमारे जीवन में गहराई तक कैसे गुथा हुआ है? विज्ञान-आधारित प्रौद्योगिकियों द्वारा कृषि में उत्पन्न हुए महत्त्वपूर्ण परिवर्तन क्या है? (150 words) [UPSC 2020]
राष्ट्रीय जल-विभाजक परियोजना और जल-प्रतिबलित क्षेत्रों से कृषि उत्पादन में वृद्धि 1. जल संरक्षण और प्रबंधन: वृष्टि जल संचयन: राष्ट्रीय जल-विभाजक परियोजना के तहत वृष्टि जल संचयन के उपाय जैसे चेक डैम, तालाब, और वृक्षारोपण से जल की उपलब्धता में सुधार हुआ है। महाराष्ट्र में, वृक्षारोपण और जलाशय निर्माणRead more
राष्ट्रीय जल-विभाजक परियोजना और जल-प्रतिबलित क्षेत्रों से कृषि उत्पादन में वृद्धि
1. जल संरक्षण और प्रबंधन:
- वृष्टि जल संचयन: राष्ट्रीय जल-विभाजक परियोजना के तहत वृष्टि जल संचयन के उपाय जैसे चेक डैम, तालाब, और वृक्षारोपण से जल की उपलब्धता में सुधार हुआ है। महाराष्ट्र में, वृक्षारोपण और जलाशय निर्माण से सूखे क्षेत्रों में जल की उपलब्धता बढ़ी है।
2. मृदा स्वास्थ्य में सुधार:
- मृदा कटाव और जल धारण: परियोजना द्वारा मृदा कटाव को कम किया गया है और जल धारण क्षमता में सुधार हुआ है। राजस्थान में, वृक्षारोपण और सिंचाई सुधार से मृदा की उर्वरता में वृद्धि देखी गई है।
3. कृषि उत्पादन में वृद्धि:
- सिंचाई की सुविधा: परियोजना के अंतर्गत सिंचाई प्रणालियों के सुधार से विस्तारित सिंचाई क्षेत्र में फसल उत्पादन बढ़ा है। गुजरात में, सिंचाई सुधार के चलते अधिक उत्पादन हुआ है, विशेषकर दलहन और तिलहन फसलों में।
4. समुदाय की भागीदारी:
- स्थानीय प्रबंधन: परियोजना में स्थानीय समुदायों को शामिल किया गया है, जिससे सामुदायिक भागीदारी और स्थिरता में सुधार हुआ है। मध्य प्रदेश में, सामुदायिक जल प्रबंधन के प्रयासों से कृषि उत्पादन में सुधार हुआ है।
इन उपायों और सुधारों के माध्यम से, राष्ट्रीय जल-विभाजक परियोजना ने जल-प्रतिबलित क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है और दीर्घकालिक कृषि स्थिरता को सुनिश्चित किया है।
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विज्ञान हमारे जीवन के हर पहलू में शामिल है, जिससे हमारी दैनिक गतिविधियाँ और सुविधाएँ संभव होती हैं। यह स्वास्थ्य, संचार, परिवहन और आवास जैसी बुनियादी ज़रूरतों से लेकर अत्याधुनिक तकनीकी नवाचार तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, "स्मार्टफोन्स" और "इंटरनेट" विज्ञान की उन्नति से ही संभवRead more
विज्ञान हमारे जीवन के हर पहलू में शामिल है, जिससे हमारी दैनिक गतिविधियाँ और सुविधाएँ संभव होती हैं। यह स्वास्थ्य, संचार, परिवहन और आवास जैसी बुनियादी ज़रूरतों से लेकर अत्याधुनिक तकनीकी नवाचार तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, “स्मार्टफोन्स” और “इंटरनेट” विज्ञान की उन्नति से ही संभव हुए हैं, और “चिकित्सा क्षेत्र में नई उपचार विधियाँ” जैसे कि “सर्जरी” और “दवाओं की खोज” भी विज्ञान पर निर्भर हैं।
विज्ञान-आधारित प्रौद्योगिकियों द्वारा कृषि में परिवर्तन:
ये विज्ञान-आधारित प्रौद्योगिकियाँ कृषि को अधिक उत्पादक, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बना रही हैं।
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