भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन कीजिये। क्या वे समुचित हैं? (200 Words) [UPPSC 2019]
प्रस्तावना सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में। सुपरबाज़ारों की भूमिका प्रत्यक्ष सोर्सिंग: सुपरबाज़ार अक्सर किसानों से प्रत्यक्ष सोर्सिंग करते हैं, जिससे बिचौलियों की संख्या कम होती है। उदाहरण के लिए, BigBasket ने कRead more
प्रस्तावना
सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में।
सुपरबाज़ारों की भूमिका
- प्रत्यक्ष सोर्सिंग: सुपरबाज़ार अक्सर किसानों से प्रत्यक्ष सोर्सिंग करते हैं, जिससे बिचौलियों की संख्या कम होती है। उदाहरण के लिए, BigBasket ने किसानों के साथ साझेदारी की है, जिससे ताज़ा उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचते हैं।
- प्रभावी लॉजिस्टिक्स: सुपरबाज़ार लॉजिस्टिक्स और इन्वेंटरी प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हैं, जैसे कि Walmart की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली, जो समय पर वितरण और बर्बादी को कम करने में मदद करती है।
- मानकीकरण: सुपरबाज़ार गुणवत्ता मानकों और पैकेजिंग को लागू करते हैं, जिससे उत्पादों की स्थिरता बढ़ती है और विभिन्न हैंडलिंग बिंदुओं की आवश्यकता कम होती है।
बिचौलियों की संख्या में कमी
प्रत्यक्ष संबंधों और तकनीकी उपयोग के माध्यम से, सुपरबाज़ार बिचौलियों की संख्या को कम करते हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए कम लागत और किसानों के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, सुपरबाज़ार आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता बढ़ाते हैं, जिससे दोनों पक्षों को लाभ होता है और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन और उनकी समुचितता सुधारों का अवलोकन: APMC अधिनियम में सुधार: मॉडल APMC अधिनियम के तहत किसानों को पारंपरिक APMC मंडियों के बाहर सीधे विक्रेताओं को बेचने की अनुमति दी गई है। कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहन और सुविधा) अधिनियम, 2020 इसके तहत एRead more
भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन और उनकी समुचितता
सुधारों का अवलोकन:
हालिया उदाहरण:
समुचितता:
निष्कर्ष:
भारत में कृषि विपणन सुधारों ने क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाया है, लेकिन कार्यान्वयन, बुनियादी ढांचे और भागीदारों के विरोध में चुनौतियों के कारण ये सुधार पूरी तरह से समुचित नहीं हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।
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