फलों, सब्ज़ियों और खाद्य पदार्थों के आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में सुपरबाज़ारों की भूमिका की जाँच कीजिए। वे बिचौलियों की संख्या को किस प्रकार खत्म कर देते हैं? (150 words) [UPSC 2018]
भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन और उनकी समुचितता सुधारों का अवलोकन: APMC अधिनियम में सुधार: मॉडल APMC अधिनियम के तहत किसानों को पारंपरिक APMC मंडियों के बाहर सीधे विक्रेताओं को बेचने की अनुमति दी गई है। कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहन और सुविधा) अधिनियम, 2020 इसके तहत एRead more
भारत में कृषि विपणन सुधारों का संक्षिप्त मूल्यांकन और उनकी समुचितता
सुधारों का अवलोकन:
- APMC अधिनियम में सुधार: मॉडल APMC अधिनियम के तहत किसानों को पारंपरिक APMC मंडियों के बाहर सीधे विक्रेताओं को बेचने की अनुमति दी गई है। कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहन और सुविधा) अधिनियम, 2020 इसके तहत एक खुला बाजार वातावरण बनाने का प्रयास करता है।
- e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार): 2016 में शुरू किया गया e-NAM एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म है जो विभिन्न राज्यों के कृषि बाजारों को एकीकृत करता है। अब तक, 2024 तक, 1000 से अधिक मंडियाँ e-NAM से जुड़ी हैं।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT): DBT योजना के तहत सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) इसका एक उदाहरण है, जो छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
हालिया उदाहरण:
- कृषि कानूनों की वापसी (2021): 2020 में लागू किए गए कृषि कानूनों, जैसे कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य अधिनियम और कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते पर मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाएं अधिनियम, को बड़े विरोध के बाद वापस ले लिया गया, जिससे सुधारों की जटिलताओं और चुनौतियों को उजागर किया।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना: KCC योजना का विस्तार मत्स्य और पशुपालन क्षेत्रों में किया गया है, जो सभी कृषि पहलुओं का समर्थन करने के लिए है। यह किसानों को बेहतर क्रेडिट पहुंच प्रदान करता है।
समुचितता:
- कार्यान्वयन की समस्याएँ: सुधारों के बावजूद, स्थानीय व्यापारियों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण वास्तविक प्रभाव सीमित है। लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
- किसान विरोध: कृषि कानूनों की वापसी ने नीति निर्माण की पारदर्शिता और समावेशिता की आवश्यकता को उजागर किया, यह संकेत करता है कि सुधारों में अभी भी सुधार की आवश्यकता है।
- बुनियादी ढांचे की कमी: दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी सुधारों की प्रभावशीलता को प्रभावित करती है।
निष्कर्ष:
भारत में कृषि विपणन सुधारों ने क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाया है, लेकिन कार्यान्वयन, बुनियादी ढांचे और भागीदारों के विरोध में चुनौतियों के कारण ये सुधार पूरी तरह से समुचित नहीं हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।
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प्रस्तावना सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में। सुपरबाज़ारों की भूमिका प्रत्यक्ष सोर्सिंग: सुपरबाज़ार अक्सर किसानों से प्रत्यक्ष सोर्सिंग करते हैं, जिससे बिचौलियों की संख्या कम होती है। उदाहरण के लिए, BigBasket ने कRead more
प्रस्तावना
सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में।
सुपरबाज़ारों की भूमिका
बिचौलियों की संख्या में कमी
प्रत्यक्ष संबंधों और तकनीकी उपयोग के माध्यम से, सुपरबाज़ार बिचौलियों की संख्या को कम करते हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए कम लागत और किसानों के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, सुपरबाज़ार आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता बढ़ाते हैं, जिससे दोनों पक्षों को लाभ होता है और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।