भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? इसे किस प्रकार प्रभावी तथा पारदर्शी बनाया जा सकता है ? (150 words)[UPSC 2022]
अनाज वितरण प्रणाली में सुधारात्मक कदम 1. डिजिटल लाइसेंसिंग और ई-गवर्नेंस: डिजिटल लाभार्थी रिकॉर्ड: सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाया है। पीडीएस-एनओसी (Public Distribution System-National Online Certificate) ने लाभार्थियों की सूची को डिजिटल रूप सेRead more
अनाज वितरण प्रणाली में सुधारात्मक कदम
1. डिजिटल लाइसेंसिंग और ई-गवर्नेंस:
- डिजिटल लाभार्थी रिकॉर्ड: सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाया है। पीडीएस-एनओसी (Public Distribution System-National Online Certificate) ने लाभार्थियों की सूची को डिजिटल रूप से अपडेट किया है।
2. प्रौद्योगिकी का उपयोग:
- एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण: ई-पीओएस (Electronic Point of Sale) सिस्टम का कार्यान्वयन किया गया है, जो भंडारण से वितरण तक हर चरण को ट्रैक करता है। नैशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के अंतर्गत आधार लिंक्ड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (AL-PDS) ने लाभार्थियों की पहचान को सही और प्रभावी बनाने में मदद की है।
3. खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA):
- सस्ती खाद्य वस्तुएं: NFSA, 2013 के अंतर्गत, सरकार ने वित्तीय सहायता के माध्यम से सस्ते अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित की है। 2019 में, गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज प्रति माह उपलब्ध कराने की योजना को लागू किया गया है।
4. वाणिज्यिक अनाज भंडारण में सुधार:
- गोदामों का आधुनिकीकरण: फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने गोदामों और स्टोरेज सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए नई तकनीक अपनाई है। पैक्स (Primary Agricultural Credit Societies) को भंडारण और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के लिए समर्थित किया गया है।
5. पुनरावलोकन और निगरानी:
- प्रभावशीलता की निगरानी: ऑडिट और पुनरावलोकन की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है ताकि भ्रष्टाचार और लीक को कम किया जा सके। राज्य स्तर पर निगरानी समितियां प्रभावी ढंग से काम कर रही हैं।
इन सुधारात्मक कदमों से अनाज वितरण प्रणाली की सक्षमता और सटीकता में सुधार हुआ है, जिससे लाभार्थियों को समय पर और उचित मात्रा में अनाज मिल रहा है।
See less
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ **1. लीकेज और वितरण में गड़बड़ी: पी.डी.एस. में सार्वजनिक वितरण के अंतर्गत सहायता प्राप्त खाद्यान्न का बाजार में विक्रय हो रहा है, जिससे गरीबों तक उचित खाद्य सामग्री नहीं पहुँचती। उदाहरण के लिए, 2023 में कई राज्यों में गेहूं और चावल केRead more
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ
**1. लीकेज और वितरण में गड़बड़ी: पी.डी.एस. में सार्वजनिक वितरण के अंतर्गत सहायता प्राप्त खाद्यान्न का बाजार में विक्रय हो रहा है, जिससे गरीबों तक उचित खाद्य सामग्री नहीं पहुँचती। उदाहरण के लिए, 2023 में कई राज्यों में गेहूं और चावल के काला बाजारी की खबरें आईं।
**2. भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा: भ्रष्टाचार और फर्जी लाभार्थी जैसे मुद्दे भी प्रमुख समस्याएं हैं। 2023 में, कुछ राज्यों में राशन कार्ड के फर्जी लाभार्थियों की पहचान की गई।
**3. अप्रभावी वितरण तंत्र: डिलीवरी और भंडारण की समस्याएँ जैसे असुविधाजनक बुनियादी ढांचा और खराब लॉजिस्टिक्स की वजह से खाद्यान्न की बर्बादी और विलंब हो रहा है।
**4. लक्षित वितरण की कमी: लाभार्थी पहचान में गड़बड़ी के कारण योग्य परिवार छूट जाते हैं या अयोग्य लाभार्थियों को शामिल कर लिया जाता है।
पी.डी.एस. को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उपाय
**1. प्रौद्योगिकी का उपयोग: आधार आधारित प्रमाणीकरण और इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल (ePOS) का उपयोग कर लीकेज को कम किया जा सकता है और सही वितरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
**2. निगरानी तंत्र को मजबूत करना: मॉनिटरिंग और ऑडिटिंग सिस्टम को बेहतर बनाकर वितरण प्रक्रिया की ट्रैकिंग और भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
**3. पारदर्शिता बढ़ाना: लाभार्थी सूचियों की सार्वजनिक घोषणा और वास्तविक समय की ट्रैकिंग से जवाबदेही और सार्वजनिक विश्वास बढ़ाया जा सकता है।
**4. क्षमता निर्माण: पी.डी.एस. कर्मियों की प्रशिक्षण और भंडारण सुविधाओं में निवेश से प्रभावशीलता और वितरण की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
इन सुधारात्मक उपायों के माध्यम से पी.डी.एस. को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सकता है।
See less