भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? इसे किस प्रकार प्रभावी तथा पारदर्शी बनाया जा सकता है ? (150 words)[UPSC 2022]
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के डिजिटल रूपांतरण ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो चुनौतियों को संबोधित करने में मदद कर रहे हैं: पारदर्शिता: ई-पॉस और राशन कार्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग ने अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को कम किया है। लक्षित वितरण: आधार लिंकिंग और डिजिटल राशन कार्डRead more
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के डिजिटल रूपांतरण ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो चुनौतियों को संबोधित करने में मदद कर रहे हैं:
- पारदर्शिता: ई-पॉस और राशन कार्ड सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग ने अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को कम किया है।
- लक्षित वितरण: आधार लिंकिंग और डिजिटल राशन कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों की सही पहचान की जाती है, जिससे काल्पनिक और डुप्लीकेट राशन कार्ड की समस्या हल हुई है।
- सटीकता और दक्षता: ऑनलाइन पंजीकरण और डेटा प्रबंधन ने आपूर्ति श्रृंखला में सटीकता बढ़ाई और वितरण की गति को सुधारने में मदद की है।
- समय पर वितरण: डिजिटल निगरानी से आपूर्ति की स्थिति और वितरण समय पर निगरानी रखी जाती है, जिससे देरी और आपूर्ति की समस्याओं को कम किया गया है।
इन उपायों से PDS की प्रभावशीलता और पहुंच में सुधार हुआ है, जिससे लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं।
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भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ **1. लीकेज और वितरण में गड़बड़ी: पी.डी.एस. में सार्वजनिक वितरण के अंतर्गत सहायता प्राप्त खाद्यान्न का बाजार में विक्रय हो रहा है, जिससे गरीबों तक उचित खाद्य सामग्री नहीं पहुँचती। उदाहरण के लिए, 2023 में कई राज्यों में गेहूं और चावल केRead more
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ
**1. लीकेज और वितरण में गड़बड़ी: पी.डी.एस. में सार्वजनिक वितरण के अंतर्गत सहायता प्राप्त खाद्यान्न का बाजार में विक्रय हो रहा है, जिससे गरीबों तक उचित खाद्य सामग्री नहीं पहुँचती। उदाहरण के लिए, 2023 में कई राज्यों में गेहूं और चावल के काला बाजारी की खबरें आईं।
**2. भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा: भ्रष्टाचार और फर्जी लाभार्थी जैसे मुद्दे भी प्रमुख समस्याएं हैं। 2023 में, कुछ राज्यों में राशन कार्ड के फर्जी लाभार्थियों की पहचान की गई।
**3. अप्रभावी वितरण तंत्र: डिलीवरी और भंडारण की समस्याएँ जैसे असुविधाजनक बुनियादी ढांचा और खराब लॉजिस्टिक्स की वजह से खाद्यान्न की बर्बादी और विलंब हो रहा है।
**4. लक्षित वितरण की कमी: लाभार्थी पहचान में गड़बड़ी के कारण योग्य परिवार छूट जाते हैं या अयोग्य लाभार्थियों को शामिल कर लिया जाता है।
पी.डी.एस. को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उपाय
**1. प्रौद्योगिकी का उपयोग: आधार आधारित प्रमाणीकरण और इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल (ePOS) का उपयोग कर लीकेज को कम किया जा सकता है और सही वितरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
**2. निगरानी तंत्र को मजबूत करना: मॉनिटरिंग और ऑडिटिंग सिस्टम को बेहतर बनाकर वितरण प्रक्रिया की ट्रैकिंग और भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
**3. पारदर्शिता बढ़ाना: लाभार्थी सूचियों की सार्वजनिक घोषणा और वास्तविक समय की ट्रैकिंग से जवाबदेही और सार्वजनिक विश्वास बढ़ाया जा सकता है।
**4. क्षमता निर्माण: पी.डी.एस. कर्मियों की प्रशिक्षण और भंडारण सुविधाओं में निवेश से प्रभावशीलता और वितरण की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
इन सुधारात्मक उपायों के माध्यम से पी.डी.एस. को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सकता है।
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