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ग्रामीण क्षेत्रों में कृषीतर रोज़गार और आय का प्रबन्ध करने में पशुधन पालन की बड़ी संभाव्यता है। भारत में इस क्षेत्रक की प्रोन्नति करने के उपयुक्त उपाय सुझाते हुए चर्चा कीजिए । (200 words) [UPSC 2015]
पशुधन पालन ग्रामीण क्षेत्रों में कृषीतर रोज़गार और आय का प्रबन्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस क्षेत्र की प्रोन्नति के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं: प्रशिक्षण और शिक्षा: किसानों और पशुपालकों को आधुनिक पशुधन पालन तकनीकों, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, और बेहतर आहार प्रथाओं पर प्रशिक्षणRead more
पशुधन पालन ग्रामीण क्षेत्रों में कृषीतर रोज़गार और आय का प्रबन्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस क्षेत्र की प्रोन्नति के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
इन उपायों को अपनाकर भारत में पशुधन पालन क्षेत्र की संभावनाओं को साकार किया जा सकता है।
See lessभारत में पशुपालन में महिलाएं किस प्रकार योगदान देती हैं? भारत में पशुधन क्षेत्रक में महिलाओं को वर्तमान में किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?(150 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में पशुपालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे दूध उत्पादन, पशुओं की देखभाल, और खाद्य प्रबंधन जैसे कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल होती हैं। महिलाएं पशुओं को चारा देना, बाड़ों की सफाई, और दूध को संकलित करना, प्रोसेस करना, और विपणन करना जैसी गतिविधियों में भी भाग लेती हैं। वे परिवार कीRead more
भारत में पशुपालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे दूध उत्पादन, पशुओं की देखभाल, और खाद्य प्रबंधन जैसे कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल होती हैं। महिलाएं पशुओं को चारा देना, बाड़ों की सफाई, और दूध को संकलित करना, प्रोसेस करना, और विपणन करना जैसी गतिविधियों में भी भाग लेती हैं। वे परिवार की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में योगदान देती हैं।
पशुधन क्षेत्र में महिलाओं को वर्तमान में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
संसाधनों की कमी: सीमित वित्तीय संसाधन, उपकरण, और तकनीकी सहायता की कमी के कारण महिलाएं अपने काम को प्रभावी ढंग से नहीं कर पातीं।
शैक्षिक और प्रशिक्षण की कमी: पशुपालन में नई तकनीकों और प्रथाओं के प्रशिक्षण की कमी होती है, जिससे उत्पादकता प्रभावित होती है।
सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएँ: पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं अक्सर सीमित अवसरों और निर्णय लेने के अधिकारों का सामना करती हैं।
इन समस्याओं को हल करने के लिए महिलाओं को बेहतर संसाधन, प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान करना आवश्यक है।
See lessक्या पशुधन क्षेत्रक को पुनः सक्रिय करना भारत के किसानों की संधारणीय आजीविका और आय में वृद्धि सुनिश्चित करने करने की कुंजी हो सकता है? अपने उत्तर के समर्थन में कारण प्रस्तुत कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
हाँ, पशुधन क्षेत्रक को पुनः सक्रिय करना भारत के किसानों की संधारणीय आजीविका और आय में वृद्धि की कुंजी हो सकता है। इसके समर्थन में निम्नलिखित कारण हैं: आय का विविधीकरण: पशुधन खेती जैसे दूध, मांस, और ऊन उत्पादन से किसानों को उनकी मुख्य फसलों के अलावा अतिरिक्त आय का स्रोत मिलता है। इससे उनकी वित्तीय स्Read more
हाँ, पशुधन क्षेत्रक को पुनः सक्रिय करना भारत के किसानों की संधारणीय आजीविका और आय में वृद्धि की कुंजी हो सकता है। इसके समर्थन में निम्नलिखित कारण हैं:
आय का विविधीकरण: पशुधन खेती जैसे दूध, मांस, और ऊन उत्पादन से किसानों को उनकी मुख्य फसलों के अलावा अतिरिक्त आय का स्रोत मिलता है। इससे उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार होता है।
वृद्धि की संभावनाएँ: भारत में पशुधन की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों को बेहतर बाजार मूल्य और निरंतर आय प्राप्त होती है।
रोजगार सृजन: पशुधन क्षेत्रक में सुधार से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
संवर्धन और तकनीकी उन्नति: नई तकनीक और बेहतर पशुधन प्रबंधन विधियाँ, जैसे टीकाकरण और नस्ल सुधार, उत्पादकता को बढ़ाती हैं और पशुधन के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती हैं।
इस प्रकार, पशुधन क्षेत्रक को पुनः सक्रिय करने से किसानों की आय में वृद्धि और आजीविका में स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है।
See lessपशुधन रोगों से उत्पन्न चुनौतियों के आलोक में सरकार द्वारा उनके समाधान के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
पशुधन रोगों से उत्पन्न चुनौतियाँ जैसे रोगों के फैलने से पशुधन की मृत्यु, उत्पादन में कमी, और आर्थिक क्षति होती है। इन चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं: टीकाकरण अभियान: पशुधन के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जैसे ब्रुसेलोसिस और पारवोवायरस के खिलाफ। रोग निRead more
पशुधन रोगों से उत्पन्न चुनौतियाँ जैसे रोगों के फैलने से पशुधन की मृत्यु, उत्पादन में कमी, और आर्थिक क्षति होती है। इन चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
इन कदमों से पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद मिल रही है, जिससे किसानों और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण लाभ हो रहा है।
See lessचारे की खराब गुणवत्ता और उसकी अपर्याप्त उपलब्धता भारत में पशुधन की कम उत्पादकता के पीछे प्रमुख कारण हैं। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में पशुधन की कम उत्पादकता के प्रमुख कारणों में चारे की खराब गुणवत्ता और उसकी अपर्याप्त उपलब्धता महत्वपूर्ण हैं। चारे की खराब गुणवत्ता: भारतीय चारे में प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की कमी होती है, जिससे पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति और दूध, मांस, और अन्य उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अपर्यापRead more
भारत में पशुधन की कम उत्पादकता के प्रमुख कारणों में चारे की खराब गुणवत्ता और उसकी अपर्याप्त उपलब्धता महत्वपूर्ण हैं।
चारे की खराब गुणवत्ता: भारतीय चारे में प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की कमी होती है, जिससे पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति और दूध, मांस, और अन्य उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अपर्याप्त उपलब्धता: चारे की उपलब्धता की कमी भी एक बड़ा मुद्दा है, खासकर सूखा या अनियमित मौसमी परिस्थितियों में। इसका कारण अक्सर फसल उत्पादन में कमी, भूमि उपयोग की समस्याएँ, और परिवहन की असुविधाएँ होती हैं।
इन समस्याओं के कारण, पशुधन को पोषण की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी उत्पादकता और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चारे की खेती, बेहतर प्रबंधन प्रथाएँ, और चारे के उपयोग की तकनीकियों में सुधार आवश्यक है।
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