उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था की समस्याओं व सुधारों पर एक आलोचनात्मक टिप्पणी लिखियें। (200 Words) [UPPSC 2022]
उत्तर प्रदेश के प्रशासन में मुख्य सचिव की भूमिका 1. प्रशासनिक प्रमुख: मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश का उच्चतम प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जो राज्य प्रशासन की व्यवस्था और नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी नीतियों और योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हो। उदाहरण के लिए, CRead more
उत्तर प्रदेश के प्रशासन में मुख्य सचिव की भूमिका
1. प्रशासनिक प्रमुख: मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश का उच्चतम प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जो राज्य प्रशासन की व्यवस्था और नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी नीतियों और योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हो। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान, मुख्य सचिव ने राहत कार्यों और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. नीति कार्यान्वयन: मुख्य सचिव राज्य सरकार और सिविल सेवाओं के बीच पुल का काम करते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय और नीतियाँ सही तरीके से लागू हों। उत्तर प्रदेश निवेश नीति 2022 जैसे हालिया पहलों की निगरानी और सहायता भी मुख्य सचिव द्वारा की जाती है।
3. संकट प्रबंधन: आपातकाल या संकट की स्थिति, जैसे प्राकृतिक आपदाएँ या सार्वजनिक अशांति, में मुख्य सचिव संकट प्रबंधन का संचालन करते हैं और उपयुक्त कदम सुनिश्चित करते हैं। उदाहरणस्वरूप, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 2023 में बाढ़ के दौरान राहत और पुनर्वास प्रयासों का समन्वय मुख्य सचिव ने किया।
4. केंद्रीय सरकार के साथ समन्वय: मुख्य सचिव केंद्रीय सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हैं ताकि केंद्रीय योजनाओं और निधियों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। वे अंतर-राज्यीय बैठकों और सम्मेलनों में राज्य का प्रतिनिधित्व भी करते हैं।
5. प्रशासनिक सुधार: वे राज्य प्रशासन में प्रशासनिक सुधार और कार्यक्षमता सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे, UP e-Governance पहल के अंतर्गत सुधार और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की दिशा में उनकी देखरेख होती है।
संक्षेप में, उत्तर प्रदेश के प्रशासन में मुख्य सचिव की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो प्रशासनिक देखरेख, नीति कार्यान्वयन, संकट प्रबंधन, केंद्रीय सरकार के साथ समन्वय, और प्रशासनिक सुधारों को सुनिश्चित करती है।
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उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था की समस्याएँ और सुधार समस्याएँ: ब्यूरोक्रेटिक अक्षमता: उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में अकसर निर्णय लेने की धीमी प्रक्रिया और जवाबदेही की कमी देखने को मिलती है। उदाहरणस्वरूप, गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन में देरी होती है, जैसे कि प्रधानमंत्री आवRead more
उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था की समस्याएँ और सुधार
समस्याएँ:
सुधार:
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था की समस्याओं में अक्षमता और भ्रष्टाचार प्रमुख हैं, लेकिन डिजिटलाइजेशन, भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और बुनियादी ढाँचा सुधार के प्रयास इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं।
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