उत्तर प्रदेश में सिंचाई के साधनों में क्रमशः हो रहे परिवर्तनों को रेखांकित कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
नहर सिंचाई: उत्तर प्रदेश में नहरों का व्यापक नेटवर्क है, जैसे कि ऊपरी गंगा नहर और निम्न गंगा नहर, जो बड़े कृषि क्षेत्रों को पानी प्रदान करती हैं। ट्यूबवेल: ट्यूबवेल का उपयोग बढ़ गया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ नहर सिंचाई की सुविधा नहीं है। ये वेल भूमिगत जल संसाधनों से पानी निकालते हैं। पंRead more
- नहर सिंचाई: उत्तर प्रदेश में नहरों का व्यापक नेटवर्क है, जैसे कि ऊपरी गंगा नहर और निम्न गंगा नहर, जो बड़े कृषि क्षेत्रों को पानी प्रदान करती हैं।
- ट्यूबवेल: ट्यूबवेल का उपयोग बढ़ गया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ नहर सिंचाई की सुविधा नहीं है। ये वेल भूमिगत जल संसाधनों से पानी निकालते हैं।
- पंपसेट: डीजल और इलेक्ट्रिक पंपसेट का उपयोग भी आम है, जो कुओं और नदियों से पानी निकालकर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।
- वृष्टि जल संचयन: हालांकि कम प्रचलित है, वृष्टि जल संचयन तकनीकें सूखे के समय सिंचाई के लिए वर्षा के पानी को संचित करने के लिए अपनाई जा रही हैं।
- ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई: आधुनिक सिंचाई पद्धतियों में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई शामिल हैं, जो पानी के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करती हैं।
कृषि विकास में सिंचाई की भूमिका:
- फसल उत्पादन में वृद्धि: सिंचाई सुनिश्चित करती है कि फसलों को नियमित पानी मिलता है, जिससे फसल की उपज में वृद्धि होती है और प्रति वर्ष कई फसलें उगाई जा सकती हैं।
- मानसून पर निर्भरता कम होती है: सिंचाई की सुविधा मानसून की अनिश्चितता पर निर्भरता को कम करती है, जिससे कृषि उत्पादन में स्थिरता आती है।
- कृषि क्षेत्र का विस्तार: सिंचाई की वजह से पहले सूखे या अर्ध-सूखे क्षेत्रों में भी कृषि की जा सकती है, जिससे कृषि क्षेत्र का विस्तार होता है।
- फसल विविधता में वृद्धि: निरंतर पानी की आपूर्ति से किसान विभिन्न प्रकार की फसलें उगा सकते हैं, जिससे उनकी आय और आर्थिक स्थिरता में सुधार होता है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन: सिंचाई द्वारा संचालित कृषि विकास ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाता है, रोजगार सृजन करता है, और समग्र आर्थिक विकास में योगदान करता है।
सिंचाई उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन और ग्रामीण समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
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उत्तर प्रदेश में सिंचाई के साधनों में समय के साथ कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जो कृषि उत्पादन को बढ़ाने और जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं। ये परिवर्तनों की रेखांकित विवरण निम्नलिखित है: पारंपरिक सिंचाई विधियाँ: पहले, उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से नहर सिंचाई, कुएँ औरRead more
उत्तर प्रदेश में सिंचाई के साधनों में समय के साथ कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जो कृषि उत्पादन को बढ़ाने और जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं। ये परिवर्तनों की रेखांकित विवरण निम्नलिखित है:
इन परिवर्तनों का उद्देश्य सिंचाई की कार्यक्षमता को बढ़ाना, जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करना और कृषि उत्पादन को सुधारना है। हालांकि, इन उपायों के साथ-साथ जल प्रबंधन और संरक्षित जल उपयोग पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
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