क्या सार्वजनिक सेवाओं में समानुभूति की कोई भूमिका हैं? उपयुक्त उदाहरण के साथ अपनी बात समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2019]
सार्वजनिक जीवन के आधारिक सिद्धांत **1. ईमानदारी परिभाषा: ईमानदारी का तात्पर्य नैतिक सिद्धांतों और सत्यता का पालन करने से है, जिसमें पारदर्शिता और स्पष्टता शामिल है। उदाहरण: अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, ने डिजिटल करप्शन के खिलाफ सख्त उपायों के तहत ‘ई-नाम’ जैसे प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया, जिससे सरकारRead more
सार्वजनिक जीवन के आधारिक सिद्धांत
**1. ईमानदारी
परिभाषा: ईमानदारी का तात्पर्य नैतिक सिद्धांतों और सत्यता का पालन करने से है, जिसमें पारदर्शिता और स्पष्टता शामिल है।
उदाहरण: अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, ने डिजिटल करप्शन के खिलाफ सख्त उपायों के तहत ‘ई-नाम’ जैसे प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित की जा सके।
**2. जवाबदेही
परिभाषा: जवाबदेही का मतलब है अपने कार्यों और निर्णयों के प्रति जिम्मेदार होना और उन पर रिपोर्ट देना।
उदाहरण: सोनिया गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष, ने लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के वित्तीय विवरणों को सार्वजनिक किया, जिससे पार्टी के खर्च और योगदानों के प्रति जवाबदेही बढ़ी।
**3. समानता
परिभाषा: समानता का तात्पर्य सभी व्यक्तियों को समान अवसर और निष्पक्ष उपचार देने से है, भले ही वे किसी भी सामाजिक या आर्थिक स्थिति में हों।
उदाहरण: प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से स्वच्छता सुविधाओं का विस्तार किया, जिससे सभी नागरिकों को स्वच्छता के लाभ मिले और समाज में समानता बढ़ी।
ये सिद्धांत सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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क्या सार्वजनिक सेवाओं में समानुभूति की कोई भूमिका हैं? परिचय: सार्वजनिक सेवाओं का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को सेवा प्रदान करना है। समानुभूति (Empathy) इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समानुभूति का महत्व: समानुभूति का मतलब है दूसरों की भावनाओं और परिस्थितियों को समझना औरRead more
क्या सार्वजनिक सेवाओं में समानुभूति की कोई भूमिका हैं?
परिचय: सार्वजनिक सेवाओं का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को सेवा प्रदान करना है। समानुभूति (Empathy) इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
समानुभूति का महत्व: समानुभूति का मतलब है दूसरों की भावनाओं और परिस्थितियों को समझना और उनके प्रति संवेदनशील रहना। जब सार्वजनिक सेवक समानुभूति प्रदर्शित करते हैं, तो वे अधिक प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान कर सकते हैं और समस्याओं को बेहतर तरीके से हल कर सकते हैं।
उदाहरण:
निष्कर्ष: सार्वजनिक सेवाओं में समानुभूति न केवल सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाती है, बल्कि यह समाज में विश्वास और सहयोग को भी मजबूत करती है। समानुभूति के बिना, प्रशासनिक और सार्वजनिक सेवाओं की प्रभावशीलता में कमी आ सकती है।
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