सकारात्मक अभिवृत्ति एक लोक सेवक की अनिवार्य विशेषता मानी जाती है जिसे प्रायः नितान्त दबाव में कार्य करना पड़ता है। एक व्यक्ति की सकारात्मक अभिवृत्ति में क्या योगदान देता है ? (150 words) [UPSC 2020]
आपने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। वास्तव में, हमारे परिवार और सामाजिक परिवेश का हमारी सोच, अभिवृत्तियों और मूल्यों पर गहरा असर पड़ता है। जब हम किसी विशेष सामाजिक परिवेश में बड़े होते हैं, तो उसकी सांस्कृतिक मान्यताएँ और आदतें हमें बिना सोचे-समझे प्रभावित कर देती हैं। इन प्रभावों के कारण हमें कभी-कRead more
आपने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। वास्तव में, हमारे परिवार और सामाजिक परिवेश का हमारी सोच, अभिवृत्तियों और मूल्यों पर गहरा असर पड़ता है। जब हम किसी विशेष सामाजिक परिवेश में बड़े होते हैं, तो उसकी सांस्कृतिक मान्यताएँ और आदतें हमें बिना सोचे-समझे प्रभावित कर देती हैं। इन प्रभावों के कारण हमें कभी-कभी आधुनिक लोकतांत्रिक और समतावादी समाज के मूल्यों के साथ टकराव का सामना करना पड़ता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई परिवार या समाज जातिवाद, लिंग भेदभाव, या अन्य प्रकार की असमानताओं को सामान्य मानता है, तो वे मान्यताएँ हमें स्वाभाविक रूप से प्रभावित कर सकती हैं, भले ही हम बड़े होकर एक समानता आधारित समाज में जीना चाहें। इस स्थिति में, हमें अपने पूर्वाग्रहों और पुरानी आदतों को पहचानकर उनके खिलाफ सजग रहना पड़ता है, ताकि हम एक समतावादी दृष्टिकोण अपना सकें।
समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना और सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयासरत रहना भी जरूरी है। इसके लिए शिक्षा, संवाद, और आत्मचिंतन महत्वपूर्ण उपकरण हो सकते हैं। क्या आप इस विषय पर और कुछ जानना चाहेंगे या किसी विशेष पहलू पर चर्चा करना चाहेंगे?
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सकारात्मक अभिवृत्ति में योगदान देने वाले तत्व 1. आत्म-जागरूकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता: स्वयं की क्षमताओं और कमजोरियों की समझ और भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, आईएएस अधिकारी आयुक्त अनुपम सिन्हा ने अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए कोविRead more
सकारात्मक अभिवृत्ति में योगदान देने वाले तत्व
1. आत्म-जागरूकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता: स्वयं की क्षमताओं और कमजोरियों की समझ और भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, आईएएस अधिकारी आयुक्त अनुपम सिन्हा ने अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए कोविड-19 संकट के दौरान राहत कार्यों में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा।
2. लचीलापन और अनुकूलनशीलता: असफलताओं से उबरने और नई परिस्थितियों के अनुसार ढलने की क्षमता सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखती है। आईपीएस अधिकारी विजय कुमार, जिन्होंने कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में कठिन परिस्थितियों का सामना किया, ने अपने लचीलेपन के माध्यम से सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा।
3. सतत सीखना और सुधार: स्वयं को निरंतर अपडेट और नया सीखना सकारात्मक मानसिकता को प्रोत्साहित करता है। डिजिटल इंडिया के तहत, कर्मचारी और अधिकारियों ने नई तकनीकों के प्रशिक्षण में सक्रिय भाग लिया, जिससे उनके दृष्टिकोण में सकारात्मकता बनी रही।
4. सहायक वातावरण और रिश्ते: एक समर्थन प्रणाली, जिसमें मेंटर्स और सहकर्मी शामिल हैं, सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखने में सहायक होती है। कोविड-19 महामारी के दौरान, सिविल सेवकों का सहयोग और आपसी समर्थन ने उनकी सकारात्मकता और काम करने की क्षमता को बनाए रखा।
निष्कर्ष
एक व्यक्ति की सकारात्मक अभिवृत्ति में आत्म-जागरूकता, लचीलापन, सतत सीखना, और सहायक वातावरण जैसे तत्व महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जो नितान्त दबाव में भी एक संतुलित और प्रभावी दृष्टिकोण बनाए रखने में सहायक होते हैं।
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