“सूचना का अधिकार अधिनियम केवल नागरिकों के सशक्तिकरण के बारे में नहीं है, अपितु यह आवश्यक रूप से जवाबदेही की संकल्पना को पुनर्परिभाषित करता है।” विवेचना कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
सरदार पटेल के आर्थिक दर्शन में आत्मनिर्भरता 1. आत्मनिर्भरता का महत्व: सरदार वल्लभभाई पटेल के आर्थिक दर्शन में आत्मनिर्भरता को केंद्रीय स्थान प्राप्त था। उनका मानना था कि आर्थिक स्वतंत्रता और स्वदेशी उत्पादन से ही देश की सच्ची स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सकती है। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास के लिए आत्मRead more
सरदार पटेल के आर्थिक दर्शन में आत्मनिर्भरता
1. आत्मनिर्भरता का महत्व: सरदार वल्लभभाई पटेल के आर्थिक दर्शन में आत्मनिर्भरता को केंद्रीय स्थान प्राप्त था। उनका मानना था कि आर्थिक स्वतंत्रता और स्वदेशी उत्पादन से ही देश की सच्ची स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सकती है। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास के लिए आत्मनिर्भरता को महत्वपूर्ण बताया।
2. औद्योगिकीकरण और ग्रामीण विकास: पटेल ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय संसाधनों का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने खुद की उद्योग नीति अपनाने की वकालत की और स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही, उन्होंने ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया।
3. हाल के उदाहरण: हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान सरदार पटेल की इस नीति की विरासत को आगे बढ़ाता है। 2020 में कोविड-19 के समय में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल ने स्वदेशी उत्पादों और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिससे भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भरता कम करने में मदद मिली।
4. नीतिगत दिशा: पटेल की आत्मनिर्भरता की दृष्टि ने स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ विपणन और निर्यात में स्वायत्तता के महत्व को भी स्पष्ट किया। इसने भविष्य में आर्थिक नीति के निर्माण के लिए एक प्रेरणादायक आधार प्रदान किया।
सरदार पटेल के आत्मनिर्भरता के सिद्धांत ने भारत की आर्थिक नीति और विकास दृष्टिकोण को एक दिशा प्रदान की, जो आज भी भारतीय नीति निर्माताओं के लिए प्रेरणास्पद है।
See less
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा **1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment): सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँच का अधिकार देता है, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि कर्ज माफी योजना की जाRead more
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा
**1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment):
**2. जवाबदेही की पुनर्परिभाषा (Redefinition of Accountability):
**3. पारदर्शिता में वृद्धि (Increased Transparency):
**4. शक्ति संतुलन (Checks and Balances):
**5. जन भागीदारी (Public Participation):
संक्षेप में, सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सशक्त बनाने के साथ-साथ जवाबदेही की अवधारणा को पुनर्परिभाषित करता है, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।
See less