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लोक सेवको के अंदर सहनशीलता तथा करुणा को कैसे पोषित किया जा सकता है? अपना सुझाव दीजिए। (125 Words) [UPPSC 2021]
लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता तथा करुणा को कैसे पोषित किया जा सकता है? 1. प्रशिक्षण कार्यक्रम: लोक सेवकों के लिए विविधता और समावेशिता पर प्रशिक्षण प्रदान करें। सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सहमति समाधान कार्यशालाएँ उनकी समझ और सहनशीलता बढ़ा सकती हैं। 2. विभिन्न समुदायों के संपर्क में आना: फील्ड विज़िट्स औRead more
लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता तथा करुणा को कैसे पोषित किया जा सकता है?
1. प्रशिक्षण कार्यक्रम: लोक सेवकों के लिए विविधता और समावेशिता पर प्रशिक्षण प्रदान करें। सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सहमति समाधान कार्यशालाएँ उनकी समझ और सहनशीलता बढ़ा सकती हैं।
2. विभिन्न समुदायों के संपर्क में आना: फील्ड विज़िट्स और समुदाय सहभागिता कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न समुदायों के साथ संबंध स्थापित करने के अवसर प्रदान करें। उदाहरण के लिए, ‘गाँव गोद लेने’ जैसे कार्यक्रम।
3. भावनात्मक बुद्धिमत्ता का विकास: भावनात्मक बुद्धिमत्ता प्रशिक्षण को शामिल करें ताकि लोक सेवक अपनी भावनाओं का प्रबंधन कर सकें और दूसरों के प्रति करुणामय हो सकें।
4. खुली संचार प्रथाएँ: ओपन डायलॉग्स और फीडबैक सेशंस का आयोजन करें, जहाँ लोक सेवक अनुभव साझा कर सकें।
5. करुणा का सम्मान: करुणामय व्यवहार को मान्यता और पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करें।
निष्कर्ष: इन उपायों के माध्यम से लोक सेवकों के अंदर सहनशीलता और करुणा को प्रभावी ढंग से पोषित किया जा सकता है, जिससे प्रशासन अधिक संवेदनशील और प्रभावी बनेगा।
See less"संवेगात्मक वृद्धि प्रभावशाली कार्यप्रणलियों में बहुत आवश्क है" इस कथन पर प्रकाश डालिए। (125 Words) [UPPSC 2021]
"संवेगात्मक वृद्धि प्रभावशाली कार्यप्रणलियों में बहुत आवश्क है" इस कथन पर प्रकाश डालिए संवेगात्मक वृद्धि की अवधारणा: संवेगात्मक वृद्धि (Exponential Growth) एक ऐसी वृद्धि है जो समय के साथ तेजी से बढ़ती है। यह वृद्धि गुणात्मक तरीके से होती है, जहां प्रत्येक वृद्धि के बाद अगला चरण तेजी से बड़ा होता है।Read more
“संवेगात्मक वृद्धि प्रभावशाली कार्यप्रणलियों में बहुत आवश्क है” इस कथन पर प्रकाश डालिए
संवेगात्मक वृद्धि की अवधारणा: संवेगात्मक वृद्धि (Exponential Growth) एक ऐसी वृद्धि है जो समय के साथ तेजी से बढ़ती है। यह वृद्धि गुणात्मक तरीके से होती है, जहां प्रत्येक वृद्धि के बाद अगला चरण तेजी से बड़ा होता है।
प्रभावशाली कार्यप्रणलियों में महत्व:
निष्कर्ष: संवेगात्मक वृद्धि की क्षमता प्रभावशाली कार्यप्रणलियों को तेजी से उन्नति और विकास प्रदान करती है, जिससे समाज और उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव होता है।
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परिस्थितिगत विश्लेषण आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। विकास की गतिविधियाँ अक्सर पर्यावरणीय क्षरण को बढ़ावा देती हैं, लेकिन इसे पूरी तरह से रोकना भी संभव नहीं है। इसलिए, एक धारणीय विकास दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, जो आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षRead more
परिस्थितिगत विश्लेषण
आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। विकास की गतिविधियाँ अक्सर पर्यावरणीय क्षरण को बढ़ावा देती हैं, लेकिन इसे पूरी तरह से रोकना भी संभव नहीं है। इसलिए, एक धारणीय विकास दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, जो आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण दोनों को साकार कर सके।
साध्य रणनीतियाँ
1. पर्यावरणीय नीतियों का एकीकरण
2. हरी प्रौद्योगिकियों का प्रयोग
3. सतत संसाधन प्रबंधन
4. सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता
निष्कर्ष
आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए पर्यावरणीय नीतियों का एकीकरण, हरी प्रौद्योगिकियों का प्रयोग, सतत संसाधन प्रबंधन, और सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है। इन रणनीतियों को अपनाकर हम धारणीय विकास की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं, जो न केवल हमारे वर्तमान की सुरक्षा करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करता है।
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परिस्थितिगत विश्लेषण सरस्वती के अनुभव से स्पष्ट है कि सरकारी नियंत्रण के बावजूद, नियमों की अस्पष्टता, अनावश्यक देरी, और भ्रष्टाचार ईमानदार गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रयासों में बाधक हो सकते हैं। इसके लिए प्रभावी और सकारात्मक उपायों की आवश्यकता है, जो आवश्यक नियंत्रण को सुनिश्चित करें और साथ ही NRead more
परिस्थितिगत विश्लेषण
सरस्वती के अनुभव से स्पष्ट है कि सरकारी नियंत्रण के बावजूद, नियमों की अस्पष्टता, अनावश्यक देरी, और भ्रष्टाचार ईमानदार गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रयासों में बाधक हो सकते हैं। इसके लिए प्रभावी और सकारात्मक उपायों की आवश्यकता है, जो आवश्यक नियंत्रण को सुनिश्चित करें और साथ ही NGO प्रयासों को बाधित न करें।
सुझाए गए उपाय
1. नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाना
2. भ्रष्टाचार और देरी पर नियंत्रण
3. समावेशी और सहयोगी दृष्टिकोण
4. मानक और पारदर्शिता
निष्कर्ष
सरकारी नियंत्रण के साथ-साथ स्पष्ट नियम, भ्रष्टाचार विरोधी उपाय, सहयोगात्मक दृष्टिकोण, और पारदर्शिता सुनिश्चित करने वाले उपायों को लागू करने से नेक इरादों वाले NGOs के प्रयासों को बाधित किए बिना प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। इन उपायों के माध्यम से NGOs को सकारात्मक तरीके से सहयोग और समर्थन प्रदान किया जा सकता है, जो समाज की प्रगति और विकास में सहायक सिद्ध होगा।
See lessचर्चा कीजिए कि वे इस उद्देश्य की किस प्रकार पूर्ति करते हैं।
Infosys की रणनीति: स्थानीय विकास और सामुदायिक सहभागिता उद्देश्य की पूर्ति: स्थानीय अवसंरचना में निवेश: Infosys ने मysore में अपने परिसर के आसपास शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कीं, जिससे स्थानीय जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ। समुदाय के साथ सहयोग: स्थानीय निवासियों को रोज़गार के अवसर और व्यावसाRead more
Infosys की रणनीति: स्थानीय विकास और सामुदायिक सहभागिता
उद्देश्य की पूर्ति:
हालिया उदाहरण: Infosys के नए कैंपस ने स्थानीय सड़कें और आवासीय सुविधाएँ विकसित कीं, जिससे न केवल कंपनी का विकास हुआ बल्कि स्थानीय समुदाय को भी लाभ हुआ।
**2. Vedanta Resources की रणनीति: CSR और सामाजिक जिम्मेदारी
उद्देश्य की पूर्ति:
हालिया उदाहरण: Vedanta का CSR प्रयास प्रदूषण नियंत्रण और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है, हालांकि, भूमि अधिग्रहण और स्थानीय सलाह की कमी के कारण कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए हैं।
निष्कर्ष: Infosys ने स्थानीय अवसंरचना और रोजगार अवसरों पर ध्यान केंद्रित करके अपने उद्देश्य की पूर्ति की, जबकि Vedanta ने CSR पहल और फिलांथ्रोपिक प्रयास से स्थानीय समुदाय की सहायता की, लेकिन स्थानीय सहभागिता की कमी के कारण विवाद भी हुए। इन दृष्टिकोणों में स्थानीय सहभागिता और समाजिक प्रभाव की भूमिका महत्वपूर्ण है।
See lessसिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिये। a. पारदर्शकता b. जवाबदेही c. दृढ़ विश्वास का सहास (125 Words) [UPPSC 2019]
सिविल सेवा के संदर्भ में पारदर्शकता, जवाबदेही और दृढ़ विश्वास का साहस की प्रासंगिकता a. पारदर्शकता: पारदर्शकता से सरकारी कार्यों में विश्वास और जिम्मेदारी बढ़ती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने शासन में पारदर्शी नीतियों को अपनाया है, जैसे कि "ऑल इंडिया सर्विसेज ट्रांसपेरेंसी पोर्टल"Read more
सिविल सेवा के संदर्भ में पारदर्शकता, जवाबदेही और दृढ़ विश्वास का साहस की प्रासंगिकता
a. पारदर्शकता: पारदर्शकता से सरकारी कार्यों में विश्वास और जिम्मेदारी बढ़ती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने शासन में पारदर्शी नीतियों को अपनाया है, जैसे कि “ऑल इंडिया सर्विसेज ट्रांसपेरेंसी पोर्टल” जिससे नागरिक सीधे प्रशासनिक फैसलों की निगरानी कर सकते हैं।
b. जवाबदेही: जवाबदेही सरकारी कर्मियों को उनकी कार्यप्रणाली के प्रति उत्तरदायी बनाती है। IAS अधिकारी अनूप सक्सेना, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए, ने पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत किया, जिससे व्यवस्था में सुधार हुआ।
c. दृढ़ विश्वास का साहस: दृढ़ विश्वास का साहस असामान्य परिस्थितियों में नैतिकता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। IAS अधिकारी डॉ. शाह फैसल ने सरकारी प्रणाली में सुधार के लिए त्याग किया और सामाजिक न्याय के लिए अपनी आवाज उठाई, जिससे स्पष्ट होता है कि दृढ़ विश्वास और साहस से अस्थिर परिस्थितियों में भी नैतिकता को बनाए रखा जा सकता है।
निष्कर्ष: पारदर्शकता, जवाबदेही, और दृढ़ विश्वास का साहस सिविल सेवाओं में सुधार और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं। इन सिद्धांतों को अपनाने से शासन प्रणाली में विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ती है।
See lessआप ईमानदार तथा उत्तरदायी सिविल सेवक हैं। आप प्रायः निम्नलिखित को प्रक्षित करते हैं: a.एक सामान्य धारणा हैं कि नैतिक आचरण का पालन करने से स्वंय को भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता हैं और परिवार के लिये भी समस्या पैदा हो सकती है, जबकि अनुचित आचरण जीविका लक्ष्यों तक पहुँचने में सहायक हो सकता हैं। b. जब अनुचित साधनों को अपनाने वालों की संख्या बढ़ी होती हैं, तो नैतिक साधन अपनाने वाले अल्पसंख्यक लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता। (125 Words) [UPPSC 2019]
ईमानदारी और नैतिक आचरण की चुनौतियाँ परिचय: ईमानदार सिविल सेवक के रूप में नैतिक आचरण के पालन से स्वंय और परिवार को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अनुचित आचरण करियर में लाभकारी प्रतीत हो सकता है। मुख्य बिंदु: नैतिक आचरण की चुनौतियाँ: नैतिक आचरण का पालन करने से व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएँRead more
ईमानदारी और नैतिक आचरण की चुनौतियाँ
परिचय: ईमानदार सिविल सेवक के रूप में नैतिक आचरण के पालन से स्वंय और परिवार को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अनुचित आचरण करियर में लाभकारी प्रतीत हो सकता है।
मुख्य बिंदु:
निष्कर्ष: ईमानदारी और नैतिकता का पालन करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसे बनाए रखना आवश्यक है। सार्वजनिक समर्थन और संस्थागत सुधार इसे सशक्त बना सकते हैं।
See lessनीतिशास्त्र केस स्टडी
परिस्थितिगत विश्लेषण ए.बी.सी. लिमिटेड द्वारा विकासपुरी में नया संयंत्र स्थापित करने का निर्णय आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन के दृष्टिकोण से सकारात्मक है। यह ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकी अपनाने के कारण उत्पादन लागत में 20% की कमी करेगा और सरकारी नीति के अनुसार करों में छूट भी प्राप्त करेगा। हालांकि, संयंत्Read more
परिस्थितिगत विश्लेषण
ए.बी.सी. लिमिटेड द्वारा विकासपुरी में नया संयंत्र स्थापित करने का निर्णय आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन के दृष्टिकोण से सकारात्मक है। यह ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकी अपनाने के कारण उत्पादन लागत में 20% की कमी करेगा और सरकारी नीति के अनुसार करों में छूट भी प्राप्त करेगा। हालांकि, संयंत्र की स्थापना से स्थानीय निवासियों को जीवनयापन की लागत में वृद्धि, सामाजिक और आर्थिक असंतुलन, और विदेशी प्रवासन जैसे नकारात्मक प्रभाव होंगे।
संभावित विरोध और न्यायपालिका में याचिका
स्थानीय निवासियों ने विरोध शुरू कर दिया है और न्यायपालिका में जाने का निर्णय लिया है, क्योंकि सरकारी तर्क उनके समस्या समाधान में अपर्याप्त लगे हैं। यह स्थिति न्यायिक हस्तक्षेप और स्थानीय विरोध को उजागर करती है।
समाधान और सुझाव
निष्कर्ष
विकासपुरी क्षेत्र में संयंत्र की स्थापना से आर्थिक लाभ हो सकता है, लेकिन स्थानीय समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए समावेशी निर्णय-निर्माण, सामाजिक योजनाएँ, CSR नीतियों की मजबूती, संवाद, और मुआवजा योजनाएँ आवश्यक हैं। इन उपायों के माध्यम से कम्पनी स्थानीय निवासियों के साथ एक सकारात्मक संबंध बना सकती है और विरोध को कम कर सकती है।
See lessहमें देश में महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न के बढ़ते हुए दृष्टान्त दिखाई दे रहे हैं। इस कुकृत्य के विरूद्ध विद्यमान विधिक उपबंधों के होते हुये भी ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ रही हैं। इस संकट से निपटने के लिये कुछ नवाचारी उपाय सुझाइये। (125 Words) [UPPSC 2019]
महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं का समाधान परिचय: यद्यपि भारत में महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून मौजूद हैं, फिर भी घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इस संकट से निपटने के लिए नवाचारी उपाय आवश्यक हैं। नवाचारी उपाय: स्मार्टफोन ऐप्स: "सुकन्या" और "माईसिक्योर" जैसे ऐप्स के माध्यम सेRead more
महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं का समाधान
परिचय: यद्यपि भारत में महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून मौजूद हैं, फिर भी घटनाओं में वृद्धि हो रही है। इस संकट से निपटने के लिए नवाचारी उपाय आवश्यक हैं।
नवाचारी उपाय:
निष्कर्ष: इन नवाचारी उपायों को लागू करके, समाज में महिलाओं के प्रति यौन उत्पीड़न की घटनाओं को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है।
See lessसामाजिक समस्याओं के प्रति व्यक्ति की अभिवृत्ति के निर्माण में कौन से कारक प्रभाव डालते हैं? उदाहरण के द्वारा अपने उत्तर को सम्पुष्ट कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
सामाजिक समस्याओं के प्रति व्यक्ति की अभिवृत्ति के निर्माण में प्रभाव डालने वाले कारक परिचय: व्यक्ति की सामाजिक समस्याओं के प्रति अभिवृत्ति विभिन्न कारकों द्वारा प्रभावित होती है, जो उनके दृष्टिकोण और प्रतिक्रियाओं को आकार देते हैं। ये कारक व्यक्तिगत अनुभव, सामाजिक वातावरण, शिक्षा, और मीडिया प्रभाव शRead more
सामाजिक समस्याओं के प्रति व्यक्ति की अभिवृत्ति के निर्माण में प्रभाव डालने वाले कारक
परिचय: व्यक्ति की सामाजिक समस्याओं के प्रति अभिवृत्ति विभिन्न कारकों द्वारा प्रभावित होती है, जो उनके दृष्टिकोण और प्रतिक्रियाओं को आकार देते हैं। ये कारक व्यक्तिगत अनुभव, सामाजिक वातावरण, शिक्षा, और मीडिया प्रभाव शामिल हैं।
मुख्य कारक:
निष्कर्ष: व्यक्तिगत अनुभव, सामाजिक वातावरण, शिक्षा, और मीडिया प्रभाव व्यक्ति की सामाजिक समस्याओं के प्रति अभिवृत्ति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन कारकों को समझना समाज में बेहतर समाधान और प्रभावी नीतियों के निर्माण में मदद करता है।
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