“केवल कानून का अनुपालन ही काफ़ी नहीं है, लोक सेवक में, अपने कर्तव्यों के प्रभावी पालन करने के लिए, नैतिक मुद्दों पर एक सुविकसित संवेदन-शक्ति का होना भी आवश्यक है।” क्या आप सहमत हैं? दो उदाहरणों की सहायता से स्पष्ट ...
सिविल सेवा के संदर्भ में मूल्यों की प्रासंगिकता a. अंतरात्मा प्रासंगिकता: अंतरात्मा सिविल सेवा में ईमानदारी और नैतिकता की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और सही तरीके से निभाएं। सत्यपाल मलिक, पूर्व जम्मू और कश्मीर के गवर्नर, ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतरात्मा कRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में मूल्यों की प्रासंगिकता
a. अंतरात्मा
प्रासंगिकता: अंतरात्मा सिविल सेवा में ईमानदारी और नैतिकता की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और सही तरीके से निभाएं। सत्यपाल मलिक, पूर्व जम्मू और कश्मीर के गवर्नर, ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अंतरात्मा अधिकारी की फैसलों में नैतिकता को बनाए रखने में सहायक होती है।
b. सेवा भाव
प्रासंगिकता: सेवा भाव समाज के प्रति समर्पण और बेहतर सेवा प्रदान करने का प्रेरक है। यह नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएएस अधिकारी तन्वी गांधी ने समाजिक समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर काम किया, जो सेवा भाव की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
c. अनुशासन
प्रासंगिकता: अनुशासन कार्यक्षमता और पेशेवरता को बनाए रखता है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी नियमों और कानूनों का पालन करें और कार्य में स्थिरता बनाए रखें। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी, जैसे कि डॉ. सुधीर कुमार, जो हमेशा अपने कर्तव्यों में अनुशासन बनाए रखते हैं, यह दर्शाता है कि अनुशासन सिविल सेवा में कुशल प्रबंधन और नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
इन मूल्यों—अंतरात्मा, सेवा भाव, और अनुशासन—की सिविल सेवा में अत्यधिक प्रासंगिकता है, क्योंकि ये सुनिश्चित करते हैं कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को नैतिक, समर्पित और व्यवस्थित ढंग से निभाएं।
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नैतिकता और कानून का अनुपालन सहमत हूँ, क्योंकि लोक सेवकों को केवल कानून का अनुपालन करने के अलावा, नैतिक संवेदनशीलता भी बनाए रखनी चाहिए। (i) कृत्य नैतिकतः सही परंतु वैध रूप से सही नहीं: उदाहरण: फरवरी 2023 में एक सरकारी अधिकारी ने एक गरीब व्यक्ति की सहायता करने के लिए सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर व्यक्तRead more
नैतिकता और कानून का अनुपालन
सहमत हूँ, क्योंकि लोक सेवकों को केवल कानून का अनुपालन करने के अलावा, नैतिक संवेदनशीलता भी बनाए रखनी चाहिए।
(i) कृत्य नैतिकतः सही परंतु वैध रूप से सही नहीं: उदाहरण: फरवरी 2023 में एक सरकारी अधिकारी ने एक गरीब व्यक्ति की सहायता करने के लिए सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर व्यक्तिगत रूप से आर्थिक सहायता प्रदान की। यह कृत्य नैतिक दृष्टि से सही था, क्योंकि इससे जरूरतमंद की मदद हुई, लेकिन यह कानून की दृष्टि से गलत था, क्योंकि सरकारी फंड का उपयोग नियमों के अनुसार नहीं किया गया।
(ii) कृत्य वैध रूप से सही परंतु नैतिकतः सही नहीं: उदाहरण: 2024 में एक कंपनी ने स्थानीय निवासियों की भलाई के लिए एक प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन इसके लिए उन्होंने आवश्यक पर्यावरणीय अनुमति नहीं ली। यहाँ कंपनी ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया, लेकिन इसने पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, जो नैतिक दृष्टि से गलत था।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि नैतिकता और कानून का अनुपालन दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
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