सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है? अपना सुझाब दीजिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
(a) अधिकारी का कृत्य उचित था? रूपा के कृत्य पर विचार करते हुए, यह कहना उचित होगा कि यह मामला निहायत व्यक्तिगत और संदर्भ पर निर्भर करता है। एक लोक सेवक के रूप में, उसे अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देना आवश्यक है, और साथ ही उसकी व्यक्तिगत परिस्थितियों का भी सम्मान होना चाहिए। यदि उसका कार्यRead more
(a) अधिकारी का कृत्य उचित था?
रूपा के कृत्य पर विचार करते हुए, यह कहना उचित होगा कि यह मामला निहायत व्यक्तिगत और संदर्भ पर निर्भर करता है। एक लोक सेवक के रूप में, उसे अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देना आवश्यक है, और साथ ही उसकी व्यक्तिगत परिस्थितियों का भी सम्मान होना चाहिए। यदि उसका कार्य प्रदर्शन प्रभावित नहीं हो रहा है और उसे मातृत्व अवकाश के समय में पर्याप्त सहायता प्राप्त हो रही है, तो उसके कृत्य को पूरी तरह से अनुचित मानना मुश्किल है।
हालांकि, एक लोक सेवक को अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। सार्वजनिक सेवा की भूमिका में, कर्मचारी को पेशेवरता बनाए रखते हुए व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। यदि बच्चे को कार्यालय में लाना और बैठकें करना कार्य की प्रभावशीलता को प्रभावित नहीं करता, तो यह कृत्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सीमा में आ सकता है। लेकिन यदि इसका प्रभाव पेशेवर वातावरण पर पड़ रहा है या कार्य के लिए समर्पण पर सवाल उठ रहा है, तो इसे पुनः विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
(b) भारत में कार्य संस्कृति और कार्यशील माताओं
भारत में कार्य संस्कृति अक्सर कार्यशील माताओं के लिए चुनौतियों का सामना करती है, जिससे उनकी दोहरी भूमिका निभाना कठिन हो सकता है। पारंपरिक दृष्टिकोण में, कार्यस्थल पर मातृत्व अवकाश के बावजूद, महिला कर्मचारियों से अपेक्षाएँ होती हैं कि वे अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक कर्तव्यों का संतुलन बनाए रखें।
मुख्य समस्याएँ:
- लचीलेपन की कमी: भारत में कई संगठनों में मातृत्व अवकाश की नीति और कार्य-जीवन संतुलन के लिए लचीले उपायों की कमी होती है। यह कामकाजी माताओं को बच्चों की देखभाल और कामकाजी जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखने में कठिनाई पैदा करता है।
- सांस्कृतिक मानदंड: भारतीय समाज में महिलाओं से पारंपरिक भूमिकाओं की उम्मीद की जाती है, जो कार्यशील माताओं के लिए अतिरिक्त दबाव उत्पन्न कर सकती है। यह समाज की अपेक्षाएँ उनके पेशेवर जीवन को प्रभावित करती हैं।
- सहायता का अभाव: कार्यस्थल पर मातृत्व संबंधित सुविधाओं और समर्थन की कमी के कारण, महिलाओं को अक्सर अपने करियर और परिवार के बीच चयन करना पड़ता है।
उपाय:
- लचीलापन और नीति सुधार: कार्यस्थल पर लचीलापन प्रदान करने वाली नीतियाँ, जैसे वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प, मातृत्व अवकाश के दौरान सहायक उपाय, और पेशेवर समर्थन, मातृत्व और कार्य जीवन के संतुलन में मदद कर सकते हैं।
- संवेदनशीलता और समर्थन: संस्थानों को महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और समर्थन की संस्कृति विकसित करनी चाहिए, जिससे मातृत्व की जिम्मेदारियों को मान्यता और समर्थन मिले।
- सांस्कृतिक बदलाव: समाज में बदलते दृष्टिकोण के साथ, कार्यशील माताओं की भूमिका और उनके संतुलन की मान्यता बढ़ानी चाहिए।
इन उपायों को लागू करके, कार्यस्थल पर मातृत्व से जुड़ी चुनौतियों को कम किया जा सकता है और कार्यशील माताओं के लिए एक अधिक सहायक वातावरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
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सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा देने के सुझाव 1. प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ नैतिक और पेशेवर प्रशिक्षण: सिविल सेवकों के लिए नैतिकता, उदारता, और वस्तुनिष्ठता पर प्रशिक्षण आयोजित करें। आखिरी मील की सेवाओं के लिए संवेदनशीलता प्रशिक्षण जैसे नीति और नियमन को समझना, जैसे आयुष्मान भारत योRead more
सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा देने के सुझाव
1. प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ
2. पारदर्शिता और जवाबदेही
3. नेतृत्व और उदाहरण
4. फीडबैक और मूल्यांकन
निष्कर्ष: सिविल सेवकों के बीच उदारता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, पारदर्शिता, नेतृत्व, और मूल्यांकन जैसे उपाय प्रभावी हो सकते हैं, जो उन्हें अपने कर्तव्यों को नैतिक और प्रभावी ढंग से निभाने में मदद करेंगे।
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