महान विचारकों के तीन उद्धरण नीचे दिए गए हैं। वर्तमान संदर्भ में प्रत्येक उद्धरण आपको क्या संप्रेषित करता है ? (150 words)[UPSC 2023] a. “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली ...
रोनाल्ड रीगन का उद्धरण, "यह आवश्यक नहीं है कि सबसे महान नेता वही हो जो महानतम कार्य करता है। यह वह व्यक्ति होता है जो लोगों से महानतम कार्य करवाता है," नेतृत्व की सारगर्भिता को स्पष्ट करता है। इस उद्धरण का अर्थ है कि एक प्रभावशाली नेता की पहचान उसकी व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं, बल्कि उसकी क्षमता सेRead more
रोनाल्ड रीगन का उद्धरण, “यह आवश्यक नहीं है कि सबसे महान नेता वही हो जो महानतम कार्य करता है। यह वह व्यक्ति होता है जो लोगों से महानतम कार्य करवाता है,” नेतृत्व की सारगर्भिता को स्पष्ट करता है।
इस उद्धरण का अर्थ है कि एक प्रभावशाली नेता की पहचान उसकी व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं, बल्कि उसकी क्षमता से होती है कि वह दूसरों को प्रेरित और सक्षम बना सके। एक उत्कृष्ट नेता वह होता है जो टीम या समूह के सदस्यों की ताकत और क्षमताओं को समझता है और उन्हें अपनी पूर्ण संभावनाओं तक पहुँचने के लिए प्रेरित करता है।
ऐसे नेता अपने दृष्टिकोण, सामर्थ्य और समर्थन के माध्यम से दूसरों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वे न केवल स्वयं सफलता प्राप्त करते हैं, बल्कि दूसरों को भी उस दिशा में मार्गदर्शित करते हैं, जिससे समूह या संगठन के समग्र लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। इस प्रकार, नेतृत्व का असली मापदंड लोगों की सफलता और उनकी प्रेरणा के माध्यम से देखा जाता है।
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महात्मा गाँधी का उद्धरण: “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।” वर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण हमें बताता है कि सच्ची दयालुता और मानवता के कार्य आध्यात्मिक अनुष्ठानों से अधिक प्रभावी होते हैं। आज के समय में, जब सामाजिक समस्याओं और संकटों काRead more
महात्मा गाँधी का उद्धरण: “दयालुता के सबसे सरल कार्य प्रार्थना में एक हज़ार बार झुकने वाले सिरों से कहीं अधिक शक्तिशाली हैं।”
वर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण हमें बताता है कि सच्ची दयालुता और मानवता के कार्य आध्यात्मिक अनुष्ठानों से अधिक प्रभावी होते हैं। आज के समय में, जब सामाजिक समस्याओं और संकटों का सामना किया जा रहा है, दयालुता जैसे सरल और व्यावहारिक कार्य समाज को वास्तविक रूप से सशक्त और समर्थनकारी बना सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू का उद्धरण: “लोगों को जागरूक करने के लिए महिलाओं को जागृत होना चाहिए। जैसे ही वे आगे बढ़ती हैं, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है, देश आगे बढ़ता है।”
यह उद्धरण वर्तमान में महिलाओं के सशक्तिकरण की महत्वपूर्णता को दर्शाता है। जब महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों में आगे बढ़ती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव परिवार, समुदाय और राष्ट्र पर व्यापक रूप से पड़ता है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: “किसी से घृणा मत कीजिए, क्योंकि जो घृणा आपसे उत्पन्न होगी वह निश्चित ही एक अंतराल के बाद आप तक लौट आएगी। यदि आप प्रेम करेंगे, तो वह प्रेम चक्र को पूरा करता हुआ आप तक वापस आएगा।”
See lessवर्तमान संदर्भ में, यह उद्धरण यह सिखाता है कि नफरत और नकारात्मकता केवल बुरे परिणाम लाते हैं, जबकि प्रेम और सहानुभूति से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक रिश्तों में प्रेम और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से समाज में अमन और समझदारी को बढ़ावा मिलता है।