कमजोर वर्गों के प्रति सहिष्णुता एवं करूणा के मूल्य लोक सेवा में किस प्रकार अभिव्यक्ति होते हैं? उपयुक्त उदाहरणों के साथ व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
अनासक्त योग' भगवद गीता के चतुर्थ अध्याय में वर्णित एक महत्वपूर्ण योग है, जो कर्मों को बिना किसी व्यक्तिगत आशक्ति के करने की कला को दर्शाता है। इसमें क्रियाशीलता को केवल अपने कर्तव्यों के निर्वहन के रूप में देखा जाता है, बिना किसी परिणाम की चिंता किए। यह सिद्धांत असफलता और सफलता दोनों पर समान दृष्टिकRead more
अनासक्त योग’ भगवद गीता के चतुर्थ अध्याय में वर्णित एक महत्वपूर्ण योग है, जो कर्मों को बिना किसी व्यक्तिगत आशक्ति के करने की कला को दर्शाता है। इसमें क्रियाशीलता को केवल अपने कर्तव्यों के निर्वहन के रूप में देखा जाता है, बिना किसी परिणाम की चिंता किए। यह सिद्धांत असफलता और सफलता दोनों पर समान दृष्टिकोण बनाए रखने की सलाह देता है।
सिविल सेवकों के लिए संदेश:
- स्वतंत्रता से कार्य करना: अनासक्त योग सिविल सेवकों को सिखाता है कि उन्हें अपने कार्य को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, बिना किसी व्यक्तिगत लाभ या परिणाम की चिंता किए। उदाहरण के लिए, ई-गवर्नेंस की पहल में अधिकारियों ने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कर्तव्य पालन किया, बिना व्यक्तिगत या राजनीतिक दबाव के।
- धैर्य और संतुलन: यह सिद्धांत सिविल सेवकों को धैर्य और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है, जिससे वे सामाजिक तनाव और विरोध के बावजूद अपने कर्तव्यों को निभा सकें। कोविड-19 के दौरान, स्वास्थ्य कर्मियों ने कठिन परिस्थितियों में भी अनुशासन और धैर्य बनाए रखा।
- परिणाम की चिंता न करना: अनासक्त योग यह सिखाता है कि कार्य पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है, जबकि परिणाम को ईश्वर या सर्वोच्च शक्ति पर छोड़ देना चाहिए। सचिवालय के अधिकारी और लोक सेवक जो निष्ठा से काम करते हैं, परिणाम के बारे में अधिक चिंता किए बिना, अपनी सेवाएं उत्कृष्टता के साथ प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष: ‘अनासक्त योग’ सिविल सेवकों को अपनी कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा और समर्पण से करने की सलाह देता है, बिना परिणाम की चिंता किए। यह सिद्धांत धैर्य, संतुलन, और प्रोफेशनलिज़्म बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है, जो सरकारी कार्यों में सच्ची सेवा और प्रभावी परिणाम सुनिश्चित करता है।
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कमजोर वर्गों के प्रति सहिष्णुता और करूणा के मूल्य लोक सेवा में 1. सहिष्णुता: सहिष्णुता का मतलब है विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आए लोगों के प्रति स्वीकृति और सम्मान। उदाहरण के लिए, भारत सरकार की ‘मिशन इंद्रधनुष’ ने विभिन्न जातियों और समुदायों के बच्चों को टीकाकरण में शामिल किया, दिखाते हRead more
कमजोर वर्गों के प्रति सहिष्णुता और करूणा के मूल्य लोक सेवा में
1. सहिष्णुता: सहिष्णुता का मतलब है विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आए लोगों के प्रति स्वीकृति और सम्मान। उदाहरण के लिए, भारत सरकार की ‘मिशन इंद्रधनुष’ ने विभिन्न जातियों और समुदायों के बच्चों को टीकाकरण में शामिल किया, दिखाते हुए कि समाज के सभी वर्गों के प्रति एक समान सम्मान और प्राथमिकता है।
2. करूणा: करूणा से तात्पर्य है दूसरों की दुख-सुख को समझना और उन्हें राहत प्रदान करना। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत, महामारी के दौरान गरीबों को आवश्यक खाद्य वस्तुएं प्रदान की गईं, जो कि सरकार की करूणा और जनकल्याण की भावना को दर्शाती है।
इन मूल्यों के माध्यम से, लोक सेवा कमजोर वर्गों के अधिकारों और आवश्यकताओं की पहचान और संवेदनशीलता सुनिश्चित करती है।
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